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एएनएम स्कूल की 41 छात्राओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए दिलायी गयी शपथ, सदर अस्पताल में करेंगी मरीजों की सेवा

छात्र नर्स के रूप में अस्पताल प्रबंधन को सहयोग करने की होती हैं जिम्मेदारी

एएनएम स्कूल की छात्राओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए किया गया है तैयार

पूर्णिया(बिहार)नर्सिंग एक ऐसा क्षेत्र है जो सीधे इंसानियत की सेवा से जुड़ा हुआ होता है। हर तरह के मरीज़ों की सेवा करना ईश्‍वर की सेवा करने के बराबर होता है। चाहे वह किसी भी जाति या धर्म का हो लेकिन उसका इलाज व सेवा निःस्वार्थ भाव के साथ करना पड़ता है। नर्सिंग की पढ़ाई करने के बाद बहुत से लोग नौकरी पेशा से जुड़ कर अपनी सेवा देते है तो कुछ लोग सामाजिक स्तर पर जुड़ कर ग़रीब, असहाय मरीज़ों की सेवा करते है। पूर्णिया सदर अस्पताल परिसर स्थित एएनएम स्कूल में वर्ष 2019-21 की छात्राओं की प्रथम वर्ष की पढ़ाई करने के बाद व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए तैयार किया गया है। लेकिन इससे पहले उनलोगों को शपथ दिलायी जाती है ताकि वह मरीज़ों की सेवा पूरी लगन के साथ करें। इस अवसर पर सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा,डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह, प्रभारी डीआईओ डॉ सुधांशु कुमार, डीसीएम संजय कुमार दिनकर, सदर अस्पताल की स्वास्थ्य प्रबंधक सिंपी कुमारी, यूनिसेफ़ के प्रमंडलीय सलाहकार शिव शेखर आनंद, सीफार के प्रमंडलीय समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, एएनएम स्कूल के पूर्व प्राचार्य गिरीश कुमार व एएनएम ऋचा ज्योति, आशाकिरण, मीना कुमारी, रजनीकांत के अलावा स्कूल के शिक्षक मौजूद थे।

छात्र नर्स के रूप में अस्पताल प्रबंधन को सहयोग करने की होती हैं जिम्मेदारी: सीएस
सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया सदर अस्पताल स्थित एएनएम स्कूल की 41 छात्राओं को प्रथम वर्ष की पढ़ाई के बाद व्यावहारिक प्रशिक्षण लेने से पहले एक शपथ ग्रहण का समारोह का आयोजन कर उनलोगों को यह शपथ दिलायी जाती है कि हर तरह के मरीज़ों की सेवा करना पहला कर्तव्य होता है। एएनएम स्कूल की छात्राओं को सम्बोधित करते हुए सीएस ने कहा कि एक छात्र नर्स के रूप में आपलोगों को अस्पताल के प्रक्रियाओं का अनुपालन करना होगा और अपने कर्तव्यों के प्रति सजग व ईमानदारी से रोगियों की देखभाल करने की आवश्यकता होती है जिसे आपलोग मानवता के साथ करेंगी। चाहे वह किसी भी बिषम परिस्थितियों में क्यों नही हो लेकिन उनका पहला काम मरीज़ों की सेवा करना ही होता हैं। पुरुषों के साथ कंधा से कंधा मिलाकर चलना तो सभी को आता हैं लेकिन पुरुषों से कही आगे बढ़ चढ़ कर कार्य करने के लिए अगर किसी का नाम आता हैं तो वह सिर्फ़ सिस्टर का नाम आता हैं। क्योंकि वह किसी की बेटी या बहन हो सभी लोग सिस्टर के नाम से ही जानते है। यही एक ऐसा पेशा है जहां निःस्वार्थ भाव से बगैर किसी भेदभाव के दिन रात मरीज़ों की सेवा करना पड़ता है।

एएनएम स्कूल की छात्राओं को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए किया गया है तैयार: प्राचार्या
एएनएम स्कूल की प्राचार्या मिनर्वा ने बताया वर्ष 2019-21 बैच की 41 छात्राओं को प्रथम वर्ष की पढ़ाई के बाद शपथ दिलायी गयी है। छात्र नर्सों की स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक अद्वितीय भूमिका होती है। अब इन सभी छात्राओं को सदर अस्पताल में व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा ताकि वह सदर अस्पताल के विभिन्न विभागों में जाकर मरीज़ों का उपचार कर सके और बेहतर स्वस्थ की कामना करें। वैश्विक महामारी कोविड-19 काल के कारण इनलोगों शपथ ग्रहण विलंब से कराया गया है। सभी छात्राओं को पढ़ाई के बाद मरीज़ों की सेवा कैसे करनी हैं यह बताया जाता है। ताकि अस्पताल में आने वाले मरीज़ों की सेवा के माध्यम से उसका उपचार करे।

शपथ ग्रहण लेने वाली छात्राओं ने क्या कहा:
1.भागलपुर ज़िले के सबौर प्रखण्ड के बैजनाथपुर गांव की रहने वाली छात्रा संगम कुमारी का कहना है कि कोरोना के कारण हमलोगों का स्कूल बंद कर दिया गया था लेकिन घर पर रहते हुए विगत 9 महीनों तक ऑनलाइन पढ़ाई चली थी। उस समय भी हमलोगों को पढ़ाई के साथ साथ अनुशासन का पाठ भी पढ़ाया जा रहा था कि मरीजों की सेवा कैसे करनी चाहिए। जीवन में एक बार ही इस तरह का मौका मिलता है।

2.मुंगेर ज़िले के हवेली खड़गपुर प्रखण्ड अंतर्गत रतईठा गांव की रहने वाली व एएनएम स्कूल की छात्रा रौशन कुमारी का कहना है कि नर्सिंग की पढ़ाई का मतलब ही सेवा कहलाता हैं। अगर सेवा भावना नही हो तो फिर इस तरह की पढ़ाई करने का कोई मतलब ही नही बनता है। पढ़ाई करने के बाद जहां भी रहूंगी वहां के मरीज़ों की सेवा पूरी निष्ठा के साथ करूंगी।

3. पूर्णिया के गुलाबबाग की रहने वाली सैजल कुमारी का कहना है कि मैं बहुत ख़ुशनसीब हूं कि पहले प्रयास में ही प्रतियोगिता परीक्षा पास कर अपने शहर के ही सरकारी नर्सिंग स्कूल में नामांकन हो गया। लेकिन हॉस्टल में रहकर ही पढ़ाई करती हूं। अपने ही शहर में रहते हुए पढ़ाई करना
मुझे बहुत अच्छा लगता है। नर्सिंग की पढ़ाई करने के पीछे की कहानी के संबंध में बताया कि जब भी दीदी लोगों को ड्रेस पहने देखती थी तो मेरे भी मन मे आया कि मै भी इसी ड्रेस में मरीज़ो की सेवा करूंगी।

4. पूर्णिया के रूपौली प्रखण्ड अंतर्गत कंकला गांव निवासी व एएनएम स्कूल की छात्रा चांद किरण कुमारी ने बताया कि अपने ही शहर में अपनों से दूर रहते हुए भी अपनों के करीब रहकर पढ़ाई करना बहुत ही अच्छा लगता है। क्योंकि यहां पर हमलोगों को घर जैसा माहौल मिलता है। शपथ ग्रहण समारोह के दौरान सीएस सर के द्वारा जो बताया गया हैं उसको पूरी निष्ठा के साथ करने का प्रयास करूंगी।

5. वहीं एएनएम स्कूल की छात्रा वंदना ने बताया कि हर तरह के समुदाय के मरीजों की सेवा मन से करूंगी, चाहे वह किसी भी जाति धर्म का क्यों नही हो। क्योंकिं नर्सिंग सेवा सबसे ऊपर माना जाता हैं। सभी तरह के मरीज़ों का विश्वास हमलोगों पर ज्यादा होता है।