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उत्तरप्रदेश में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी

2014 के मामले में जारी हुआ है गिरफ्तारी वारंट

लखनऊ:जैसे जैसे उत्तरप्रदेश में चुनाव नजदीक आ
रहे है वैसे वैसे उत्तरप्रदेश के राजनीतिक गलियारों में राजनीतिक उठापटक तेज हो गई है।इसी उठापटक का नतीजा है कि बीजेपी सरकार में कैबिनेट मंत्री व पिछड़े समाज के मजबूत नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने पिछड़ो व दलितों के खिलाफ सरकार के द्वारा कार्य करने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को इस्तीफा दे दिया था।

पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य

इस्तीफे अगले दिन पूर्वमंत्री पर गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ:
स्वामी प्रसाद मौर्य ने 2014 में लखनऊ में कर्पूरी ठाकुर भागीदारी महासम्मेलन में मनुवादी ब्यवस्था के खिलाफ दलितों से अपील करते हुए कहा था कि वे शादी-ब्याह में गौरी-गणेश की पूजा न करें। यह मनुवादी व्यवस्था में दलितों और पिछड़ों को गुमराह कर उन्हें शासक से गुलाम बनाने की चाल है।

इतना ही नहीं मौर्य ने कहा था कि ‘मनुवादी लोग सुअर को वाराह भगवान कहकर सम्मान दे सकते हैं।गधे को भवानी, उल्लू को लक्ष्मी और चूहे को गणेश की सवारी कहकर पूज सकते हैं लेकिन शूद्र को सम्मान नहीं दे सकते है कहा था।इसी को लेकर धार्मिक भावना भड़काने को लेकर इनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी।