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पेड़ काटने के अनुमति मिलते ही यूपी व बिहार को जोड़ने वाली पुल हो जाएगा चालू

सीवान शहर की जीवन रेखा माने जाने वाली दाहा नदी पुल चालू होने में लगेगा कुछ और दिन

बिहार(सीवान)शहर की जीवन रेखा माने जाने वाली दाहा नदी का पुल निर्माण कार्य लगभग पूरा हो गया है। उसमें महज पांच फीसदी कार्य बाकी है। जिसका निर्माण कार्य तेजी से पूरा करने की कोशिश की जा रही है लेकिन निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बावजूद इस नये पुल से आवागमन शुरू होने की संभावना कम है।क्योंकि की पुल के दोनों तरफ एप्रोच पथ का निर्माण अधूरा है। गोपालगंज मोड की तरफ से पुल तक एप्रोच पथ का निर्माण हो गया है लेकिन अब पुल से जेपी चौक की तरफ एप्रोच पथ का निर्माण कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस एप्रोच पथ के निर्माण में वन विभाग अड़ंगा डाल रहा है। एप्रोच पथ निर्माण के लिए रास्ते में पड़ने वाले पांच विशाल पेड को कटाने की जरूरत है। लेकिन वन विभाग के अधिकारी इन पेड़ों के काटने या हटाने की अनुमति नहीं दे रहे है। इस वजह से एप्रोच पथ का निर्माण कार्य अधर में लटक गया है। इस वजह से पुल का निर्माण कार्य पूरा हो जाने के बावजूद पुल से आवागमन चालू नहीं होगा। पेड़ हटाने या काटने को लेकर वन विभाग के अधिकारियों द्वारा अनुमति दी जाती है।इसको लेकर बिहार राज्य पुल निर्माण निगम के वरीय परियोजना अभियंता शैलेश कुमार ने वन प्रमंडल पदाधिकारी गोपालगंज को 45 दिन पहले पत्र भेजकर अनुमति की मांग की है। लेकिन इस लंबे अवधि के बावजूद वन प्रमंडल पदाधिकारी गोपालगंज द्वारा अभी तक अनुमति नहीं दी गयी है। इस वजह से एप्रोच पथ का निर्माण कार्य कराना संभव नहीं हो रहा है। नतीजतन पुल निर्माण निगम के अधिकारियों के साथ ही शहर के लोगों को भी करारा झटका लगा है। कारण कि पुराने पुल पर लोगों की लोड ज्यादा होने की वजह से जाम की समस्या उत्पन्न होती है। साथ ही पुराना पुल कमजोर होने की वजह से उस पर बड़े वाहनों के प्रवेश पर भी रोक लगायी गयी है। बड़े वाहन इस पुल के रास्ते प्रवेश नहीं कर सके। इसलिए लोहे का बैरिकेटिंग बना दिया गया है। इस वजह से बड़ी वाहने दिन के अलावा रात में भी बाइपास रास्ते से गुजरती है। जिससे आठ से दस किलो मीटर की दूरी बढ़ जाती है। इस पुल का निर्माण लगभग दो साल से हो रहा है। इस पुल के निर्माण पर चार करोड 68 लाख रुपये खर्च हो रहा है। बताते चले कि एक साल पहले पुराना पुल में दरार आ गया था। इस वजह से लगभग छह माह तक मरम्मत कार्य को लेकर बंद कर दिया गया था। इस दौरान पैदल भी आवागम भी नहीं हो रहा था। दाहा नदी का पुल यूपी और बिहार को भी जोड़ता है। इसलिए यह पुल काफी महत्वपूर्ण है। पटना और छपरा से यूपी जाने वाले लोग सीवान शहर के इसी पुल से गुजरते है। जबकि यूपी से भी लोग इसी पुल के रास्ते शहर में आते है। इस वजह से इस पुल के निर्माण कार्य पर ग्रहण लगने की वजह से बिहार के लोगों के साथ ही यूपी के लोगों को भी काफी कठनाई झेलनी पड़ेगी।

यूपी व बिहार को जोड़ता है दाहा नदी पुल

ज्ञात हो की एक वर्ष पहले पुराना पुल में दरार आ गया था। इस वजह से लगभग छह माह तक मरम्मत कार्य को लेकर बंद कर दिया गया था। इस दौरान पैदल भी आवागमन भी नहीं हो रहा था। दाहा नदी का पुल यूपी और बिहार को भी जोड़ता है। इसलिए यह पुल बहुत महत्वपूर्ण है। पटना और छपरा से यूपी जाने वाले लोग सीवान शहर के इसी पुल से गुजरते है। जबकि यूपी से भी लोग इसी पुल के रास्ते शहर में आते है। इस वजह से इस पुल के निर्माण कार्य पर ग्रहण लगने की वजह से बिहार के लोगों के साथ ही यूपी के लोगों को भी काफी परेशानी झेलनी पड़ेगी।

पुल के चालू हो जाने के बाद से आवागमन होगा सुगम

जिस स्थान पर नया पुल बन रहा है उस स्थान पर पहले अंग्रेजों के जबाने का पुल था। हालांकि वह पुल क्षतिग्रस्त हो जाने के कारण उसे तोर दिया गया। इस स्थान पर नया पुल का निर्माण कराया जा रहा है। इस पुल के चालू हो जाने के बाद से आवागमन सुगम होगा और शहर में लगने वाली जाम की समस्या से भी निजात मिल सकेगी। दो पुलों के साथ चालू हो जाने से लोगों को आने जाने में परेशानियां भी नहीं होगी। इस समय एक पुल के चालू रहने के कारण कभी-कभी पुल पर जाम की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। साथ ही पर्व त्योहार के मौसम में भी लोगों को आने जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

इस संबंध में शैलेश कुमार, वरीय परियोजना अभियंता पुल निर्माण निगम ने बताया की दाहा नदी पर पुल का निर्माण कार्य 95 प्रतिशत पूरा करा लिया गया है। पेड़ों के हटाने की अनुमति नहीं मिलने के कारण एक तरफ का एप्रोच पथ का निर्माण नहीं हो पा रहा है। अनुमति के लिए वन विभाग को पत्र लिखा गया है। अगर पेड़ को हटाने की अनुमति मिलती है तो एक माह के अंदर पुल को चालू करा दिया जाएगा। इसके निर्माण पर चार करोड़ 68 लाख रूपये खर्च किया जा रहा है।