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कर्मयोगी बन, भारत निर्माण में योगदान दे शिक्षक – प्रो.जेपी सिंघल

  • एबीआरएसएम की हकेवि ईकाई ने किया कर्तव्य बोध दिवस कार्यक्रम का आयोजन
  • कुलपति प्रो टंकेश्वर कुमार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के विचार के अनुसरण के लिए किया प्रेरित

महेंद्रगढ़(हरियाणा)अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ (एबीआरएसएम) की हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय ईकाई ने शनिवार को ‘कर्त्तव्य बोध दिवस कार्यक्रम’  का आयोजन किया। स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती के अवसर पर विश्वविद्यालय शिक्षकों के कर्तव्य स्मरण हेतु इस आयोजन में भारी संख्या में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय शिक्षक शामिल हुए। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के अध्यक्ष प्रो. जेपी सिंघल एवं विशिष्ठ अतिथि के रूप में महासंघ के महामंत्री श्री महेंद्र कपूर उपस्थित रहे। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने शिक्षकों को स्वामी विवेकानंद और नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन से प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी को नए भारत के निर्माण हेतु तैयार करने के लिए प्रेरित किया। महासंघ के अध्यक्ष प्रो. जेपी सिंघल ने अपने संबोधन में शिक्षकों को कर्मयोगी बनने के लिए प्रेरित किया। 

प्रो. सिंघल ने बताया कि प्रत्येक शिक्षक को सुभाष चंद्र बोस जी की तरह ही जीवन में कर्तव्यनिष्ठ होना चाहिए। उन्होंने आगे बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ एक ऐसा संगठन है जो ‘राष्ट्र के हित में शिक्षा, शिक्षा के हित में शिक्षक, और शिक्षक के हित में समाज’ के उद्देश्य को प्राप्त करने में सदैव तत्पर रहता है। प्रो. सिंघल ने कहा शिक्षक को कर्मयोगी बनना चाहिए और देश के निर्माण में अपनी क्षमताओं और योग्यताओं को लगाना चाहिए। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा इस अवसर पर अपने संबोधन में पंडित दीनदयाल उपाध्याय के अंत्योदय के विचार का उल्लेख करते हुए कहा कि शिक्षक ऐसा होना चाहिए, जिसके 100 फीसद विद्वयार्थी सफल हो। यहां एक प्रतिशत की कमी भी स्वीकार्य नहीं है। प्रो. टंकेश्वर कुमार ने कहा कि शिक्षक के कंधो पर ही देश के विकास में अहम भूमिका निभाने वाली युवा शक्ति के निर्माण का दारोमदार रहता है, इसलिए उन्हें अपने इस कर्तव्य का स्मरण सदैव रखना चाहिए।   

इस ऑनलाइन कार्यक्रम में सम्मिलित संघ के महामंत्री श्री महेंद्र कपूर ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जीवन का उदाहरण देकर उनके देश के प्रति कर्तव्य को बताते हुए कहा कि कर्तव्य बोध दिवस के अवसर पर सभी शैक्षिक जगत से जुड़े हुए लोगो को शिक्षा के प्रति अपने कर्तव्य पालन की प्रतिज्ञा लेनी चाहिए और सभी को सुभाष चंद्र बोस की तरह ही कर्तव्यनिष्ठ बनना चाहिए।

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय शैक्षिक महासंघ एक ऐसा संगठन है जो सभी प्रकार के वैचारिक पृष्ठभूमि वाले शिक्षकों को एक मंच पर लाने का प्रयास करता है। यह संगठन एक समावेशी धारणा को अपनाते हुए पूर्व माध्यमिक विद्यालय से लेकर विश्वविद्यालयी स्तर तक के शिक्षक़ों के शैक्षिक, आर्थिक व सामाजिक स्तर के उत्थान का कार्य करता है। यह संगठन शिक्षक वर्ग की समस्याओं और चुनौतियों की पहचान करके उसे प्रशासन के समक्ष रखने का कार्य करता है।

यह भारतीय संस्कृति को अक्षुष्णु बनाने और राष्ट्रीय विचारधारा को अभिसिंचित करने सदैव तत्पर रहता है। यह संगठन, राष्ट्र, समाज व भारतीय मूल्यों के प्रति कर्तव्य की भावना को जागृत करने में हमेशा अग्रसर रहता है। इस कार्यक्रम में हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय शैक्षिक संघ के अध्यक्ष डॉ. मनोज कुमार सिंह, उपाध्यक्ष डॉ. रणबीर सिंह, महामंत्री डॉ. मनीष कुमार और कोषाध्यक्ष डॉ. नरेंद्र परमार, डॉ. ईश्वर परिदा, डॉ. मनोज कुमार सहसचिव, प्रो. सुनीता श्रीवास्तव,  प्रो. सारिका शर्मा, प्रो. अमर सिंह भारी संख्या शिक्षक उपस्थित रहे।