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2025 तक बिहार में हर खेत को मिलेगा पानी नीतीश सरकार ने बनाया यह योजना

पटना बिहार

गुरुवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि हर हाल में वर्ष 2025 तक राज्य के हर खेत तक सिंचाई का पानी पहुंचाएं। इसको लेकर तेजी से काम करें। उन्होंने कहा कि राज्य के अंदर नदियों को जोड़ने की दिशा में भी तेजी से काम करें, ताकि किसानों को सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध रहे। सीएम ने सात निश्चय-2 के तहत हर खेत तक सिंचाई का पानी निश्चय योजना की समीक्षा बैठक की।

 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार  ने गुरुवार को संबंधित विभागों को राज्य सरकार की ‘हर खेत तक सिंचाई का पानी ‘ योजना के तहत शुरू की गई सभी परियोजनाओं को 2025 तक पूरा करने को कहा। सरकार के ‘ सात निश्चय (सात संकल्प)’-2 कार्यक्रम के हिस्से के रूप में इस योजना को शामिल किया गया है। साथ ही मुख्यमंत्री ने प्रदेश के भीतर नदियों को आपस में जोड़ने के कार्य को तेजी से पूरा करने पर जोर दिया, ताकि हर खेत के लिए सिंचाई के पानी का घोषित लक्ष्य पूरा हो सके। मुख्यमंत्री ने लघु सिंचाई संसाधन विभाग को आवश्यक संख्या में चेक डैम का निर्माण कार्य पूरा करने और साथ ही समन्वय स्थापित करने को भी कहा ।

दो भागों में बंटा जल संसाधन विभाग

मुख्यमंत्री ने कहा कि 8 जनवरी 2021 की बैठक में हर खेत तक सिंचाई सात निश्चय योजना के संबंध में एक-एक बात पर चर्चा हुई थी। बड़ी योजनाएं जल संसाधन विभाग को दी गई है। हमलोगों ने जल संसाधन विभाग को बाढ़ प्रबंधन और सिंचाई कार्य के लिए दो भागों में बांट दिया है, ताकि दोनों काम निश्चित समय पर हो सके। उन्होंने कहा कि अभियंताओं के साथ बैठक कर तेजी से काम को आगे बढ़ाएं। स्थल पर भी जाकर किए जा रहे कार्यों की अद्यतन स्थिति की समीक्षा करें। 

सीएम ने कहा कि टाल क्षेत्र के लिए कैसी-कैसी योजनाएं बनाई गई हैं, इससे आपलोग भलीभांति अवगत हैं। सभी तरह की सुविधा दी गयी है। कहा कि पहले समस्तीपुर बाढ़ से कितना प्रभावित होता था। बेगूसराय और खगड़िया में काफी समय जलजमाव रहता था। भागलपुर के दक्षिणी और उत्तरी भाग की कैसी स्थिति रहती थी। बाढ़ आने पर दरभंगा, सीतामढ़ी और शिवहर में तो स्थिति और अधिक भयावह रहती थी। बाढ़ आने पर सीतामढ़ी और शिवहर के इलाके में तो चार महीने तक आवागमन बाधित रहता था। चारों ओर पानी से यह इलाका डूबा रहता था। वर्ष 2005 में जाकर हमने देखा उसके बाद काफी काम कराया गया। अब सीतामढ़ी और शिवहर में आसानी से लोग वर्षों भर आवागमन करते हैं।