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सोशल डिस्टेंसिनग के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों में मनाई गई गोदभराई की रस्म

स्वस्थ माँ ही स्वस्थ बच्चे को दे सकती है जन्म
गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की दी गई जानकारी :
कोविड 19 के नियमों का किया गया अनुपालन

किशनगंज(बिहार)कोरोना संक्रमण काल मे सोशल डिस्टेंसिनग के साथ जिले के आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सोमवार को गोदभराई कार्यक्रम मनाया गया। गोदभराई की रस्म जिनमें सेविका एवं सहायिका के द्वारा स्थानीय सात से नौ महीने की गर्भवती महिलाओं की गोदभराई की गयी। गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण के आखिरी महीनों में उन्हें सुपोषित करने एवं इस दौरान बेहतर पोषण की जरूरत पर जानकारी देने के लिए राज्य के हर जिले में प्रत्येक महीने के 7 तारीख को आंगनवाड़ी केन्द्रों पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई करायी जा रही है। मंगल गीतों से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया और गर्भवती महिला को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है। जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे। महिलाओं को उपहार स्वरुप पोषण की थाली भेंट की गयी, जिसमें सतरंगी व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे। गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर महिलाओं की गोद भराई की रस्म पूरी की गई। सभी महिलाओं को अच्छे सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई। जिले के राष्टीय पोषण अभियान के जिला समन्वयक मंजूर आलम ने कहा कि बताया कि गर्भावस्था के आखिरी दिनों में बेहतर पोषण की अधिक जरुरत होती है. बेहतर पोषण के आभाव में महिलाओं में खून की कमी हो जाती है. इससे प्रसव के दौरान जटिलताएं बढ़ जाती है. उन्होंने बताया कि बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता है.


गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की दी गई जानकारी :
जिले के राष्टीय पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक पूजा कुमारी ने बताया कि गोदभराई रस्म में पोषक क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं अन्य महिलाओं ने भाग लिया. सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ा उसे तिलक लगा और गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए गोद में पोषण संबंधी पुष्टाहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध,अंडा डाल सेवन करने का तरीका बताया गया. साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी. गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पुष्टाहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं.

गर्भावस्था के दौरान में जरुरी है सही पोषण:
पोठिया प्रखंड के बाल विकास परियोजना पदाधिकारी जिन्नत यास्मिन ने कहा कि गर्भावस्था के आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्वों की जरूरत होती है. इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा होना जरुरी होता है. इसके लिए समेकित बाल विकास योजना के अंतर्गत आंगनवाडी केन्द्रों में गर्भवती महिलाओं को साप्ताहिक पुष्टाहार भी वितरित किया जाता है. इसके साथ महिलाएं अपने घर में आसानी से उपलब्ध भोज्य पदार्थों के सेवन से भी अपने पोषण का ख्याल आसानी से रख सकती हैं. हरी साग-सब्जी, सतरंगी फल, दाल, सूखे मेवे एवं दूध के सेवन से आवश्यक पोषक तत्वों की आपूर्ति आसानी से की जा सकती है।
स्वस्थ माँ ही स्वस्थ बच्चे को दे सकती है जन्म :
आईसीडीएस के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी मंजूर आलम ने कहा कि गोदभराई रस्म में सेविकाओं द्वारा गर्भवती महिलाओं के सम्मान में उसे चुनरी ओढ़ाकर और तिलक लगा कर उनके गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की कामना की गई। साथ ही गर्भवतियों की गोद में पोषण संबंधी पुष्टाहार फल सेव, संतरा, बेदाना, दूध, अंडा डाल सेवन करने का तरीका बताया गया। साथ ही गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी गई। जिसमें बताया गया कि गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पौष्टिकाहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं।
कोविड-19 से बचाव की भी दी गई जानकारी :
कार्यक्रम दौरान लोगों को कोविड-19 से बचाव के लिए निम्नलिखित आवश्यक जानकारी दी गई।

  • व्यक्तिगत स्वच्छता और दो गज की शारीरिक-दूरी का रखें ख्याल।
  • बार-बार हाथ धोने की आदत डालें।
  • साबुन या अन्य अल्कोहल युक्त पदार्थों से हाथ धोएँ।
  • मास्क और सैनिटाइजर का नियमित रूप से उपयोग करें।
  • भीड़-भाड़ वाले जगहों से परहेज करें।
  • ऑख, नाक, मुँह को अनावश्यक छूने से बचें।