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आंगनबाड़ी केंद्रों में मनाई गई गोदभराई की रस्म

  • परिवार नियोजन पर की गई चर्चा
  • कोविड 19 संक्रमण के सुरक्षा नियमों पर भी हुई चर्चा

किशनगंज(बिहार)कोरोना काल मे शारीरिक दूरी के साथ मनाया गया।जिले के सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों पर सेविका एवं सहायिका के द्वारा स्थानीय गर्भवती महिलाओं का गोद भराई की रस्म पूरी की गई। जिसमें गर्भवती महिला को अच्छे सेहत और पोषण की जानकारी दी गई. इस दौरान महिला पर्यवेक्षिका प्रीति कुमारी ने बताया गोदभराई का मुख्य उद्देश्य गर्भावस्था के आखिरी दिनों में बेहतर पोषण की जरूरत के विषय में गर्भवतियों को अवगत कराना है। माता एवं गर्भस्थ शिशु के बेहतर स्वास्थ्य एवं प्रसव के दौरान होने वाली संभावित जटिलताओं में कमी लाने लाने के लिए गर्भवती के साथ परिवार के लोगों को भी अच्छे पोषण पर ध्यान देना चाहिए। बेहतर पोषण एक स्वस्थ बच्चे के जन्म में सहायक होने के साथ गर्भवती महिलाओं में मातृ मृत्यु दर में कमी भी लाता है।

गर्भस्थ शिशु की बेहतर स्वास्थ्य की दी गई जानकारी :
पोषण अभियान के जिला समन्यवक मन्जूर आलम ने कहा इस दौरान गर्भवती महिला को उपहार के रूप में पोषण की पोटली दी गई है, जिसमें गुड़, चना, हरी पत्तेदार सब्जियां, आयरन की गोली, पोषाहार व फल आदि शामिल थे. महिलाओं को उपहार स्वरुप पोषण की थाली भेंट की गयी, जिसमें सतरंगी थाली व अनेक प्रकार के पौष्टिक भोज्य पदार्थ शामिल थे. गर्भवती महिलाओं को चुनरी ओढ़ाकर और टीका लगाकर महिलाओं की गोद भराई की रश्म सेविका के द्वारा पूरी की गई. अन्य महिलाओं के भी अच्छे सेहत के लिए पोषण की आवश्यकता व महत्व के बारे में जानकारी दी गई. साथ ही बताया गर्भावस्था के दौरान महिलाओं को आयरन की गोली खाने की सलाह दी. गर्भवती महिला कुछ सावधानी और समय से पुष्टाहार का सेवन करें तो बिना किसी अड़चन के स्वस्थ बच्चे को जन्म दे सकती हैं.

गर्भधारण की पुष्टि होने पर डॉक्टर से करायें चेकअप:
इस दौरान उपस्थित महिला पर्यवेक्षिका प्रीति कुमारी ने महिलाओं को बताया जैसे ही गर्भधारण की पुष्टि हो जाय वे निकटतम स्वास्थ्य केंद्र जाकर चिकित्सक के निगरानी में रहें तथा नियमित रूप से जांच कराएं. उन्होंने गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण से लेकर बच्चे के जन्म तक बरती जाने वाली सावधानियों के बारे मे बताया. उन्होंने कहा कि आखिरी महीनों में शरीर को अधिक पोषक तत्व की जरूरत होती है. इस दौरान आहार में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट के साथ वसा की भी मात्रा का होना जरूरी होता है. साथ ही महिलाओं को प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना, जननी सुरक्षा योजना, मातृ शिशु सुरक्षा कार्ड, प्रसव पूर्व देखभाल, एनीमिया की रोकथाम व पौष्टिक आहार के संबंध में जानकारी दी.

छह माह तक सिर्फ स्तनपान कराऐं :
आंगनबाड़ी सेविका मीनू कुमारी ने गोदभराई के साथ महिलाओं को जानकारी दी कि प्रारंभिक अवस्था में उचित पोषण नहीं मिलने से बच्चों का शारीरिक एवं मानसिक विकास अवरुद्ध हो सकता है. इसलिए जब भी मां बन रहीं हो शिशु के नियमित स्तनपान के फायदों बारे में जानकारी जरूर लें. शून्य से 6 माह के बच्चे को सिर्फ स्तनपान और 6 से 8 माह के शिशुओं को स्तनपान के साथ पौष्टिक ऊपरी आहार देना चाहिए. छ्ह माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराने से दस्त और निमोनिया के खतरे से बचाया जा सकता है. 9 से 24 माह के बच्चों को स्तनपान के साथ तीन बार अर्ध ठोस पौष्टिक आहार देना चाहिए. बच्चे के शारीरिक व मानसिक विकास के लिए आहार की विविधता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए. इस दौरान क्षेत्र की अनेक महिलाएं उपस्थित रहीं.

कोविड 19 संक्रमण के सुरक्षा नियमों पर भी हुई चर्चा: महिला पर्यवेक्षिका प्रीति कुमारी ने बताया कोविड 19 के संक्रमण के खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा मानकों का सख्ती से अनुपालन किया गया साथ ही साथ महिलाओं व उनके परिवार वालों को बताया गया कि वर्तमान समय के कोरोना काल को देखते हुए सजग रहना काफी महत्वपूर्ण है। क्योंकि अभी तक कोरोना की वैक्सीन तैयार नही हुई है इसलिये मास्क, शारीरिक दूरी के साथ सरकार द्वारा दिये गए दिशा निर्देश के पालन करने से सुरक्षित रहा जा सकता है.