Home

छात्र एकता मंच ने शैक्षणिक संस्थानों में पठन पाठन शुरू करने के लिए किया प्रदर्शन

रोहतक(हरियाणा) छात्र एकता मंच के नेतृत्व में शिक्षण संस्थानों को पूर्ण रूप से खोलने के लिए विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन मदवि गेट नंबर 2 से शुरू होकर वी सी ऑफिस तक निकाला गया। विरोध प्रदर्शन का संचालन छात्र एकता मंच (हरियाणा) की राज्यसचिव मनीषा के द्वारा किया गया। विरोध प्रदर्शन शुरू करने से पहले मदवि गेट नंबर 2 पर एक छात्र सभा का आयोजन किया गया। सभा में बात रखते हुए संगठन के जिला सचिव नरेश कुमार ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा के कारण शिक्षा एक बड़ी छात्र आबादी की पहुंच से बाहर होती जा रहीं है। एमडीयू यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले ज्यादातर छात्र गांव से आते हैं। आज गांव में नेटवर्क समस्या है और आधे से ज्यादा लड़कियों के पास स्मार्टफोन नहीं है जिसके कारण ऑनलाइन शिक्षा से सभी छात्रों को शिक्षा नहीं मिल पाती। संगठन के सदस्य नवनीत ने बात रखते हुए बताया कि आज विद्यार्थियों को अपने हकों की लड़ाई लड़ते हुए किसान आंदोलन में भी अपनी भागीदारी देनी चाहिए और यह भागीदारी हम तभी दे सकते हैं जब हम कॉलेज यूनिवर्सिटी को खोलने के लिए संघर्ष तेज करेंगें और अपने हकों की लड़ाई लड़ेंगें। आज समाज में जरूरत है कि सभी तबके एक साथ इकट्ठा होकर सरकार द्वारा लाई गई जन विरोधी नीतियों का विरोध करें। जब तक सभी वर्ग एक साथ इकट्ठा होकर संघर्ष नहीं करेंगें तब तक हम सरकार की जन विरोधी नीतियों को वापिस नहीं करा पाएंगे। छात्र एकता मंच के सदस्य अमनप्रीत विद्यार्थी ने अपनी बातचीत में बताया कि करोना महामारी के दौरान जिम, मार्केट, मॉल आदि सब कुछ खुला है, लेकिन सरकार ने कॉलेज, यूनिवर्सिटी को बंद कर रखा है। कोरोना महामारी का समाधान कॉलेज, यूनिवर्सिटी को बंद करने से नहीं होगा बल्कि सभी जरूरतमंदों को चिकित्सा सुविधा मुहैया कराने से हो सकता है। सामाजिक कार्यकर्ता हरवीर सिंह राठी ने अपनी बातचीत में बताया कि इस देश की सरकारों ने शिक्षा व्यवस्था को पूरी तरह तबाह कर दिया है। सरकार की जनविरोधी नीतियों के कारण शिक्षा आम आदमी की पहुँच से बाहर होती जा रही है। छात्र सभा के समापन के बाद एमडीयू गेट नंबर 2 से वीसी ऑफिस तक मार्च निकाला गया जिसमें छात्रों ने अपनी मांगों को रखते हुए नारेबाजी की। लगभग 1 घंटे की लंबी बहस व नोकझोंक के बाद मदवि रजिस्ट्रार ने ज्ञापन लिया और हरियाणा सरकार को भेजने का आश्वासन दिया। रजिस्ट्रार को सौंपे ज्ञापन में निम्नलिखित माँगें सम्मलित थी-

  1. सभी शिक्षण संस्थानों को तुंरत प्रभाव से खोला जाए।
  2. कॉलेज यूनिवर्सिटी के साथ सभी होस्टलों को भी खोला जाए ताकि विद्यार्थियों को पढ़ाई करने में आसानी हो।
  3. नए सत्र में सभी छात्र-छात्राओं को मुफ्त दाखिला दिया जाए।
  4. परीक्षायें ऑनलाइन तथा ऑफ़लाइन दोनों माध्यम में ली जाएं।
    अंत में, संगठन की कार्यकारिणी सभा के द्वारा फैसला लिया गया कि यदि मदवि प्रशासन छात्र-छात्राओं की उपर्लिखित मांगों को नहीं मानेगी तो जल्दी ही एक बड़ा जन आंदोलन किया जाएगा।
    इस विरोध प्रदर्शन में लगभग 50 से 60 छात्र-छात्राओं ने हिस्सा लिया। मुख्य तौर पर मनीषा आजाद, नवनीत, अमनप्रीत विद्यार्थी, अजय, विशाल, तरुण बागी व अन्य छात्र-छात्राएँ शामिल रहे।