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पंचायती राज विभाग के निर्देश के विपरीत पंचायत समिति स्तर पर कार्यपालक सहायकों से नहीं कराया जा रहा कार्य

पंचायत कार्यपालक सहायकों से भेदभाव पर संघ कड़ा रूख अपनाया

जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने पत्र जारी कर व्यय संबंधी सभी कार्य करने का दिया है निर्देश
ई-ग्राम स्वराज व पीएफएमएस अप्लीकेशन का यूजर आईडी और पासवर्ड हुआ है लिक
पंचायत स्तर पर लेखापाल व कार्यपालक सहायक करेंगे व्यय से संबंधी सभी कार्य

छपरा(सारण)जिले में 15 वीं वित्त आयोग की अनुशंसाओं के आलोक में पंचायत समिति एवं पंचायत स्तर पर उपलब्ध करायी गई टायड एवं अनटायड अनुदान की राशि से क्रियान्वित होने वाली योजनाओं का व्यय पंचायती राज मंत्रालय द्वारा विकसित किये गये ई-ग्राम स्वराज एवं पीएफएमएस अप्लीकेशन के माध्यम से किया जा रहा है। इसे प्रभावी एवं पारदर्शी तरीके से लागू करने को लेकर पंचायती राज विभाग बिहार के अपर मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने पत्रांक 1718 दिनांक 15 मार्च 2021 के आलोक में आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। इसके अनुपालन में जिला पंचायत राज पदाधिकारी ने पत्रांक 724 दिनांक 22 अप्रैल 2021 के आलोक में जिले पंचायत समिति एवं पंचायत स्तर पर पारदर्शी एवं सुगमता पूर्वक कार्यों को संचालित करने को लेकर प्रखंडों एवं पंचायतों में पदस्थापित कार्यपालक सहायक तथा पंचायत लेखापाल-सह- आईटी सहायकों के बीच कार्यों का बंटवारा किया गया है। ताकि ई-ग्राम स्वराज पोर्टल एवं पीएफएमएस अप्लीकेशन पर कार्य करने में किसी तरह की कोई परेशानी नहीं हो सके। परंतु जिले के विभिन्न प्रखंडों में विभागीय एवं जिला पंचायत राज पदाधकारी के पत्र के विपरीत कार्य किया जा रहा है। कई प्रखंडों में पंचायत राज विभाग में प्रखंड स्तर पर कार्यरत कार्यपालक सहायकों के बदले किसी दूसरे कर्मी या पंचायत लेखापाल सह आईटी सहायकों से कार्य कराया जा रहा है। वहीं कई प्रखंडों में कार्यपालक सहायकों से ई-ग्राम स्वाराज पोर्टल पर योजना अपलोड करने के बाद तकनीकी स्वीकृति और प्रशासनिक स्वीकृति एवं जियो टैग करने के लिए प्रोग्रेस रिपोर्ट का कार्य किया गया है। लेकिन राशि व्यय करने से संबंधित कार्य किसी दूसरे कर्मियों से कराया गया है। जिससे कार्यपालक सहायकों में आक्रोश व्याप्त है। इसको लेकर कार्यपालक सहायक संघ के जिलाध्यक्ष नीलेश कुमार ने गंभीरता से लिया है और कार्यपालक सहायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण को लेकर जिलाधिकारी एवं पंचायती राज विभाग के अपर मुख्य सचिव को पत्र भेजकर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग किया है। जिलाध्यक्ष ने कहा है कि पंचायती राज विभाग एवं डीपीआरओ के पत्र के विपरीत साजिश पूर्वक कार्यपालक सहायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। जिसे कभी बदार्श्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रताड़ित कार्यपालक सहायकों ने पंचायत राज पदाधिकारी समेत संघ को आवेदन देकर कार्रवाई की मांग किया। जिस पर संघ ने अपात बैठक कर कड़ा रूख अख्तियार किया है। जिलाध्यक्ष ने कहा कि सबसे पहले जिला पंचायत राज पदाधिकारी से कार्यपालक सहायकों के साथ उत्पन्न स्थिति से अवगत कराया गया। फिर भी सकारात्मक पहल नहीं होने पर लिखित रूप से कदम बढ़ाया गया है।

ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर व्यय संबंधी कार्य करने को लेकर तीन स्तर पर बना है यूजर आईडी व पासवर्ड

15वीं वित आयोग के अनुशंसाओं के आलोक में टायड व अनटायड अनुदान राशि को व्यय करने को लेकर प्रभावशाली, पारदर्शी एवं सुगमता पूर्वक कार्यान्वित करने के लिए तीन स्तर पर यूजर आईडी और पासवर्ड बनाया गया है। जिलाध्यक्ष नीलेश कुमार ने बातचीत के दौरान बताया कि ई-ग्राम स्वराज एवं पीएफएमएस अप्लीकेशन पर कार्य करने के लिए एडमीन, मेकर एवं चेकर लॉगइन बनाया गया है। जिसका अलग-अलग यूजर एवं पासवर्ड भी जेनरेट किया गया है। ताकि कार्य करने मे किसी तरह की परेशानी नहीं हो सके। लेकिन आश्चर्य कि बात है कि जिला प्रोग्रामर द्वारा अपने स्वार्थ लाभ के लिए गलत तरीके से कार्यों का निष्पादन किया जा रहा है। और अपने निजी हीत के लिए कार्यपालक सहायकों एवं पंचायत लेखापाल सह आईटी सहायकों को आपस में उलझा रहे है। जो जांच का विषय है।

कार्यपालक सहायक संघ ने पंचायत राज कार्यालय के प्रोग्रामर पर लगाये गंभीर आरोप, प्रोग्रामर की भूमिका की जांच का किया मांग

कार्यपालक सहायक संघ के जिलाध्यक्ष नीलेश कुमार ने जिला पंचायत राज कार्यालय में कार्यरत जिला प्रोग्रामर पर गंभीर आरोप लगाया है। उन्होंने जिलाधिकारी एवं पंचायत राज विभाग के प्रधान सचिव के दिये पत्र में कहा है कि जिला प्रोग्रामर अमित कुमार ने अपने स्वार्थ लाभ के लिए अनाधिकृत व्यक्तियों को ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का यूजर आईडी पासवर्ड देने एवं अनुचित मांगों को पूरा करने को लेकर कर्मियों पर दबाव बनाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा है कि पंचायत समिति स्तर पर प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के देख-रेख एवं प्रखंड विकास पदाधिकारी के निगरानी में प्रखंड स्तरीय कार्यपालक सहायक द्वारा व्यय से संबंधी सभी कार्य किया जाना है तो ई-ग्राम स्वराज पोर्टल का यूजर आईडी व पासवर्ड किसी अनाधिकृत व्यक्ति को कैसे मिला। इस में जिला प्रोग्रामर की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता है। जिलाध्यक्ष ने ई-ग्राम स्वराज पोर्टल के यूजर आईडी व पासवर्ड अनाधिकृत व्यक्ति को मिलने के मामले की जांच कर कार्रवाई करने की मांग किया है। उन्होंने कहा है कि पीएफएमस से हो रहे राशि की भुगतान की भूमिका में जिला प्रोग्रामर की भूमिका का जांच करने को लेकर जिलाधिकारी समेत कई उच्चाधिकारियों से मांग किया है। साथ ही कहा है कि जिले के प्रखंडों में कार्यरत कार्यपाल सहायकों द्वारा किसी विषय पर पूछे जाने पर जिला प्रोग्रामर द्वारा सही तरीके से नहीं बताया जाता है और दूसरी तरफ अपने स्वार्थ लाभ वाले कर्मियों को अपने पास या आवास पर बुलाकर डील किया जाता है। जो जिला प्रोग्रामर के कार्यशैली पर बड़ा हीं यक्ष प्रश्न है। जिसे आम लोगों को समझने में ज्यादा परेशानी नहीं होगी। इस बावत जिला प्रोग्रामर से पूछे जाने पर बताया कि इस तरह की कोई बात नहीं है। जो भी आरोप लगाये गये है वो पूरी तरह से बेबूनियाद है।

संघ ने कहा- कार्यपालक सहायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण हुआ तो होगा व्यापक आंदोलन

जिले में पंचायत राज विभाग में कार्यरत प्रखंड एवं पंचायत स्तर पर कार्यपालक सहायकों से कार्य कराने के बदले दूसरे कर्मियों से कार्य कराया जा रहा है। और पंचायत स्तर के कार्यपालक सहायकों को पंचायत का कार्य नहीं कराकर किसी दूसरे कार्य में प्रतिनियुक्त कर दिया जा रहा है। जबकि पंचायत राज विभाग बिहार द्वारा पंचायत राज विभाग के कार्यपालक सहायकों को किसी दूसरे कार्य में प्रतिनियुक्त नहीं करने के लिए स्पष्ट निर्देश है। इसके बावजूद कार्यपालक सहायकों को दूसरे कार्यो में लगाया गया है। जिससे पंचायत राज विभाग का कार्य प्रभावित हो रहा है। इसको लेकर कार्यपालक सहायक संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा है कि साजिश पूर्वक कार्यपालक सहायकों को दूसरे कार्यों में प्रतिनियुक्त कर पंचायत से संबंधित कार्यो में कार्यपालक सहायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण किया जा रहा है। उन्होंने बातचीत के दौरान कहा है कि जिला प्रोग्रामर बेल्ट्रॉन कंपनी द्वारा पदस्थापित कर्मी है। इस सूरत में जिले के कार्यपालक सहायकों के साथ बदले की भावना से कार्य करते है। और साजिशन अपने निजी हीत के लिए कार्यपालक सहायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण कराया जा रहा है। जिसे कभी बदार्श्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अगर समय रहे कार्यपालक सहायकों के आवंटित कार्य नहीं कराया गया और उनके अधिकारों पर अतिक्रमण किया गया तो व्यापम आंदोलन किया जाएगा। जिसकी पूर्ण जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।

कई प्रखंडों में पंचायत समिति स्तर कार्यपालक सहायकों के बजाय दूसरे कर्मियों ने किया है राशि का भुगतान

जिले में ई-ग्राम स्वराज पोर्टल पर 15वीं वित आयोग से संबंधित कार्यों को करने के लिए जिला पंचायत राज पदाधिकारी द्वारा स्पष्ट निर्देश दिया गया है। इसके बावजूद जिले विभिन्न प्रखंडों में कार्यपालक सहायकों से कार्य नहीं कराकर दूसरे कर्मियों से कार्य कराये जाने को लेकर संघ के जिलाध्यक्ष ने डीएम समेत कई अधिकारियों से शिकायत की है। उन्होंने कहा है कि जिले के कार्यपालक सहायक पुरी ईमानदारी से कार्य करते है, इस सूरत में अपने निजी स्वार्थ लाभ के लिए कार्यपालक सहायकों से कार्य नहीं कराकर गोपनीय तरीके से किसी अन्य कर्मी या लेखापाल सह आईटी सहायकों से कार्य कराया गया है। जो कार्यपालक सहायकों के अधिकारों पर अतिक्रमण को दर्शाता है। जिलाध्यक्ष ने डीएम से जिले के सभी प्रखंडों में टीम बनाकर कार्यपालक सहायकों के बदले दूसरे कर्मियों से कार्य कराने जाने की जांच कराने की मांग किया है। साथ हीं जिस लैपटॉप या कम्प्यूटर से कार्य किया गया है उसका आईपी एडरेस की जांच करने की मांग की है। उन्होंने कहा है कि अगर निष्पक्ष जांच की गई तो कई मामले सामने आ सकते है।

कार्यपालक सहायकों को चार माह से नहीं मिल रहा वेतन, मानवाधिकार आयोग में उठेगा मामला

जिले के पंचायत राज विभाग समेत विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों को चार माह से वेतन नहीं दिया जा रहा है। इसको लेकर जिलाध्यक्ष ने कहा है कि कार्यपालक सहायकों के वेतन मद में राशि आवंटित होने के बाद भी जानबूझकर समय से वेतन नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नियमित वेतन भुगतान को लेकर मानवाधिकारी आयोग में वाद दायर किया गया है। वाद की सुनवाई के दौरान जिले के पदाधिकारियों द्वारा वेतन भुगतान करने को लेकर प्रतिवेदन मानवाधिकार आयोग में दे देते है, लेकिन जमीनी स्तर पर कार्यपालक सहायकों का वेतन चार माह से लंबित रखे है। जिलाध्यक्ष ने कहा है कि एक सप्ताह के अंदर कार्यपालक सहायकों का वेतन भुगतान नहीं किया गया तो आंदोलन करने के साथ-साथ मानवाधिकार आयोग में पुन: मामले को उठाया जाएगा। जिसकी पूर्ण जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।

पंचायत राज विभाग के कार्यपालक सहायकों का अभी तक नहीं खुला ईपीएफ अकाउंट
जिले के पंचायत राज विभाग में जनवरी 2019 में कार्यपालक सहायकों की बहाली हुई थी। इसके बाद जिले के सभी कार्यपालक सहायकों का ईपीएफ कटौती करते हुए उनके खाते में राशि जमा किया जाना था। लेकिन आश्चर्य की बात है कि करीब ढ़ाई वर्ष बीत जाने के बाद भी अभी तक कार्यपालक सहायकों का ईपीएफ आकाउंट नहीं खुला है। जबकि कार्यपालक सहायकों के वेतन मद से प्रतिमाह ईपीएफ राशि की कटौती कर ली जाती है। साथ हीं अभी तक एरियर की राशि का भुगतान हीं किया गया है। इसको लेकर संघ के जिलाध्यक्ष ने कहा कि अगर एक सप्ताह के अंदर जिले के सभी कार्यपालक सहायकों का ईपीएफ अकाउंट खोलेकर कटौती की गई राशि जमा नहीं की गई तो माननीय उच्च न्यायालय अथवा मानवाधिकार आयोग में वाद दायर किया जाएगा। साथ ही साथ आंदोलन भी किया जाएगा। जिसकी पूर्ण जवाबदेही जिला प्रशासन की होगी।