हीमोफिलिया, सिकल सेल एनेमिया और थैलेसेमिया के मरीजों के लिए डे केयर सेंटर का हुआ पी.एम.सी.एच में उद्घाटन
कार्यपालक निदेशक राज्य स्वास्थ्य समिति ने किया शुभारम्भ
विश्व रक्तदान दिवस पर रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन
कार्यक्रम में सोशल डिस्टेंसिंग का रखा गया ख़ास ध्यान
पूर्णिया(बिहार)राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग लगातार स्वास्थ्य सेवाओं को जनमानस तक हर स्तर पर पहुँचाने को प्रयासरत है. इसी क्रम में हीमोफिलिया, सिकल सेल एनीमिया और थैलेसेमिया के मरीजों के स्वास्थ्य का ध्यान रखने हेतु रविवार को पी.एम.सी.एच में डे केयर सेंटर का शुभारम्भ हुआ. मनोज कुमार, कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति ने सेंटर का उद्घाटन किया. पी.एम.सी.एच के प्रसूति विभाग के पांचवी मंजिल पर नवनिर्मित डे केयर सेंटर को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया गया है ताकि मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवाएं उपलब्ध हो सके.
राज्य का पहला डे केयर सेंटर:
इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार ने बताया नवनिर्मित डे केयर सेंटर राज्य का प्रथम सेंटर है जहाँ हीमोफिलिया, सिकल सेल एनीमिया और थैलेसेमिया के मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सीय सेवा उपलब्ध करायी जाएगी. यह सेंटर एक विभिन्न अस्पतालों में कार्यरत चिकित्सकों के लिए ट्रेनिंग सेंटर के रूप में भी काम करेगा. यह संस्थान राज्य स्वास्थ्य समिति और एडवांस ट्रांसफ्यूशन मेडिसिन रिसर्च फाउंडेशन के द्वारा संयुक्त एमओयू है जिसे इंडिया हेल्थ पार्टनर्स के मध्य हुए करार के तहत किया गया है. सी.एस.आर. ने इस सुविधा को प्रारूप देने में अपना तकनीकी सहयोग दिया है. यहाँ सभी गर्भवती महिलाओं की थैलेसेमिया की जांच करायी जाएगी ताकि पता चल सके की बच्चा थालेसिमिया से ग्रसित है या नहीं. कार्यपालक निदेशक ने बताया कि इसी वित्तीय वर्ष में मुजफ्फरपुर, भागलपुर, पूर्णिया और गया में भी इस तरह के केंद्र स्थापित किये जायेंगे.
विश्व रक्तदान दिवस पर रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन:
रविवार को विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर पी.एम.सी.एच के आकस्मिक विभाग के प्रांगन में रक्तदान शिविर का आयोजन किया गया. माँ वैष्णो देवी सेवा समिति के तत्वावधान में आयोजित रक्तदान शिविर में लोगों ने पूरे जोश के साथ शिविर का हिस्सा बन रक्तदान किया. शिविर का उद्घाटन कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति मनोज कुमार ने किया. इस अवसर पर कार्यपालक निदेशक ने कहा रक्तदान से बड़ा कोई दान नहीं होता है. रक्तदान करनेवाले सभी लोगों को शुभकामनायें देते हुए उन्होंने कहा कि वे स्वयं हर वर्ष रक्तदान करते हैं। उन्होंने इस अवसर पर सभी सहयोगी संस्थाओं और रक्तदान से जुडी स्वयंसेवी संस्थाओं को उन्होंने अपनी शुभकामनायें भी दी.
हीमोफिलिया और थैलेसेमिया के मरीज नहीं करें लक्षणों को अनदेखा:
इस अवसर पर पी.एम.सी.एच के शिशु रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.के.जायसवाल ने बताया विश्व में सबसे ज्यादा हीमोफिलिया और थैलेसेमिया के मरीज भारत में हैं. रक्त जनित रोगों से ग्रसित ज्यादातर व्यक्तियों को इनके लक्षणों का पता नहीं होता है और मरीजों को पता भी नहीं होता की वे हीमोफिलिया और थैलेसेमिया जैसी गंभीर बिमारियों से ग्रसित हैं. ये दोनों रोग ज्यादातर अनुवांशिक होते हैं और गर्भधारण के पहले माता पिता को अपना संपूर्ण ब्लड प्रोफाइल करना चाहिए जिससे किसी भी तरह की जटिलताओं का पता चल सके.
इस अवसर पर पी.एम.सी.एच के प्राचार्य डॉ. विद्यापति चौधरी, अस्पताल अधीक्षक डॉ. बिमल कुमार कारक, पंकज बघेल, स्टेट कोऑर्डिनेटर इंडिया हेल्थ पार्टनर्स के साथ अन्य चिकित्सकगण एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के अधिकारीगण मौजूद थे.