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प्रजापति (कुम्हार) जाति को आदिवासी में शामिल करने की मांग,सौपा ज्ञापन

बिरनी(गिरिडीह)झारखंड राज्य में प्रजापति (कुम्हार) जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल करने व माटी कला बोर्ड का गठन की मांग को लेकर झारखंड प्रजापति (कुम्हार) महासंघ की आवाज लगतार उठ रही है। मंगलवार को झारखंड प्रजापति (कुम्हार) महासंघ बिरनी के कुम्हार जाति के लोगो ने बीडीओ के माध्यम से महामहिम राज्यपाल व मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा है। महासंघ ने ज्ञापन में कहा कि प्रजापति (कुम्हार) जाति प्राचीनकाल से जंगलों में रहकर अपनी कला को अब भी जीवित रखा है। देश के हर राज्य में प्रजापति (कुम्हार)जाति को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिला है। उन राज्यों की सरकार माटी कला बोर्ड का गठन कर समुचित लाभ दे रही है। दुर्भाग्य है झारखंड राज्य की गठन होने में 22 वर्ष गुजर गया है। लेकिन सरकार ने अब तक प्रजापति (कुम्हार) जाति को किस श्रेणी में रखा है वह अब तक किसी को पता नहीं है। प्रजापति (कुम्हार) जाति वर्षो से आदिवासी जाति में शामिल करने की मांग करते आ रहे है। लेकिन सरकार ने कुम्हारो के साथ सौतेलापन करते आ रही है।सरकार कुम्हार जाति को अनुसूचित जनजाति में शामिल व माटी कला बोर्ड गठन,राज्य के सभी प्रखंडो के सभी गांवों में कुम्हार सेड भवन निर्माण,बर्तन बनाने की मिट्टी उठाव के लिए जमीन आवंटन,बालू व जलावन की निःशुल्क व्यवस्था,आधुनिक युग में मिट्टी कला हेतु तकनीकी प्रशिक्षण सरकारी खर्च से देने की व्यवस्था कुम्हारों के हांथो से बने मिट्टी बर्तन बाजारों में सरकार अपने एजेंसी के माध्यम से बेचने की सुनिश्चित, राज्य के सभी कुम्हारों को आर्थिक व जाति गणना के आधार पर एक एकड़ जमीन मुहैया के साथ समुचित लाभ देने की मांग किया है। इस दौरान पंचायत समिति सदस्य टेक नारायण पंडित,सुरेन्द्र पंडित,गोपाल पंडित,पापु कुमार,फाल्गुनी पंडित,फागु पंडित,नूनमन पंडित,प्रकाश पंडित,विजय पंडित,दिगम्बर पंडित,सुरेश पंडित,रूपेंद्र पंडित,सुकर पंडित,छोटू पंडित,अर्जुन पंडित,केदार पंडित,सीताराम पंडित,सोनू कुमार,सुकर पंडित उपस्थित रहे।