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शिशुओं को दवा पिलाकर जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने की विटामिन ए टीकाकरण अभियान की शुरुआत

  • 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगा विटामिन-ए की खुराक
  • 23 से 26 दिसंबर तक चलेगा अभियान
  • सफल कार्यान्वयन के लिए सभी स्वास्थ्य कर्मियों को किया गया है प्रशिक्षित

पूर्णियाँ(बिहार)जिले में 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों में रोग प्रतिरोधक की क्षमता को बढ़ाने के लिए 23 से 26 दिसंबर तक चलने वाले विटामिन ए टीकाकरण अभियान की शुरुआत सदर अस्पताल के शिशु वार्ड में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान द्वारा शिशुओं को दवा पिलाकर हुई. इस दौरान प्रतिरक्षण पदाधिकारी ने कहा प्रत्येक 06 माह में विटामिन ए टीकाकरण अभियान स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाया जाता है. विटामिन ए शिशुओं को रोग प्रतिरोधक क्षमता के विकास में सहायक होता है. इसलिए सभी आम नागरिकों से हमारी अपील है कि अपने 09 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की दवा जरूर पिलाएं. उद्घाटन के दौरान डीसीएम संजय सिंह दिनकर, यूनीसेफ एसएमसी मुकेश गुप्ता, मुकेश्वर कुमार, प्रमंडलीय समन्वयक विश्वजीत पात्रा आदि उपस्थित रहे.

09 माह से 05 वर्ष तक के बच्चों को मिलेगी विटामिन ए :

जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. सुभाष चन्द्र पासवान ने बताया 09 माह से 05 वर्ष तक के सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी जानी है. जिले में 09 माह से 05 वर्ष तक के कुल बच्चों की संख्या 6.50 लाख हैं. जिले में सभी जगह आशा कार्यकर्ता द्वारा गृह भ्रमण कर अपने क्षेत्र अंतर्गत आने वाले 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए की खुराक देंगी. आशा द्वारा 09 से 12 माह के बच्चों को 1 एमएल और 1 वर्ष से 5 वर्ष तक के बच्चों को 2 एमएल विटामिन ए की दवा दी जानी है. उन्होंने कहा नियमित टीकाकरण के दौरान पिछले 4 माह में जिन बच्चों को खसरे का टीका या बूस्टर डोज के साथ विटामिन ए की खुराक पिलाई गई है, ऐसे बच्चों को अभियान के दौरान विटामिन ए की दवा नहीं पिलाई जाएगी.

माइक्रोप्लान के अनुरूप टीकाकरण करेंगी आशाएं :

डॉ. पासवान ने बताया कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए आशाओं द्वारा माइक्रोप्लान तैयार किया गया है. आशाएं 9 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों को विटामिन ए खुराक देने के लिए प्रतिदिन के हिसाब से गृह भ्रमण करेंगी. 4 दिवसीय अभियान के दौरान आशा 02 दिन गृह भ्रमण कर एवं 02 दिन आंगनवाड़ी केंद्रों या टीकाकरण स्थल पर बच्चों को विटामिन ए की खुराक देंगी. इसके अलावा एक अतिरिक्त दिन भी अभियान में शामिल किया गया है, जिसमें सभी छूटे हुए बच्चों को दवा पिलाया जाना है.

विटामिन ए से शिशुओं में होता है रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास :

उद्घाटन समारोह में डॉ. पासवान ने बताया, विटामिन ए की कमी से बच्चे बार-बार बीमार पड़ते हैं एवं शिशु मृत्यु दर में बढ़ोतरी होती है. विटामिन-ए की कमी शरीर के सभी अंगों के लिए नुकसानदेह है, पर इसका प्रभाव केवल आंखों पर ही परिलक्षित होता है. इसे खत्म करने के लिए शिशुओं को विटामिन ए की खुराक देना जरूरी है. इससे उनके रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है. उन्होंने बताया, कंप्रेहंसिव नेशनल न्यूट्रिशन सर्वे (सीएनएनएस 2018) की रिपोर्ट के अनुसार राज्य में 1 से 4 वर्ष तक के 23.5 प्रतिशत बच्चों में विटामिन ए की कमी पाई गई है. अभियान के द्वारा सभी बच्चों का टीकाकरण कर उनमें विटामिन ए की कमी को दूर किया जाना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है.

कोविड-19 प्रोटोकॉल का रखा जाएगा ध्यान :

डॉ. पासवान ने बताया, आशा अपने क्षेत्र में गृह भ्रमण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का ध्यान रखेंगी. इसके लिए आशा मास्क, ग्लव्स इत्यादि का उपयोग करेंगी. बच्चों को दवा पिलाने से पहले आशा साबुन, सैनिटाइजर से अपने हाथों को साफ करेंगी एवं 6 फीट की शारीरिक दूरी का ध्यान रखेंगी. विटामिन ‘ए’ की खुराक पिलाने की गतिविधि कंटेंटमेंट क्षेत्रों में आयोजित नहीं की जाएगी और परिस्थिति सामान्य होने के उपरांत ही वहां उपलब्ध बच्चों को विटामिन ए दवा उपलब्ध कराई जाएगी.