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कटिहार में मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) की सफ़लता को लेकर जिला स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित

फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में एमडीए अभियान की भूमिका अहम: सिविल सर्जन

समीक्षा बैठक के दौरान अगले महीने होने वाले एमडीए अभियान को लेकर की गई चर्चा: डॉ जेपी सिंह
गर्भवती महिलाओं और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं खिलायी जाएगी कोई गोलीः एनके मिश्रा

कटिहार(बिहार)अगले महीने मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) की शुरुआत होने जा रही है। इसको लेकर विभागीय स्तर पर जिला स्तरीय एक दिवसीय समीक्षा बैठक का आयोजन कार्यालय सभागार में किया गया। बैठक के दौरान बताया गया कि एमडीए अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए नाइट ब्लड सर्वे एक महत्वपूर्ण सूचकांक है। इसके साथ ही प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण (टीओटी) भी कराया जा चुका है। एमडीए अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए सामुदायिक स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने को लेकर रणनीति बनायी गयी। समीक्षात्मक बैठक के दौरान डीएमओ डॉ. जेपी सिंह, भीडीसीओ एनके मिश्रा,पीसीआई के जिला समन्वयक तपेश कुमार, ज़िले के सभी प्रखंडों से आए वैक्टर बॉर्न डिजीज समन्वयक,डाटा ऑपरेटर संतोष कुमार एवं केयर इंडिया के केबीसी सहित कई अन्य अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में एमडीए अभियान की भूमिका अहम: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ. जितेंद्र नाथ सिंह ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में आपसी समन्वय स्थापित कर प्रत्येक व्यक्ति को एमडीए की दवा खिलाना सुनिश्चित करना होगा। तभी जाकर इसकी सार्थकता को साबित किया जा सकता है। फरवरी महीने में शुरू होने वाले एमडीए कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य विभाग के सभी अधिकारी एवं कर्मियों को मिलकर इस पुनीत कार्य में ईमानदारी पूर्वक कार्य करना चाहिए। फ़ाइलेरिया उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने में एमडीए अभियान की भूमिका अहम है। एमडीए अभियान के दौरान ज़िले के 17 प्रखंडों में से केवल 13 प्रखंड में ही दवा खिलाई जाएगी। शहरी क्षेत्रों में आशा कार्यकर्ताओं के नहीं  होने के कारण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को शामिल किया गया है। कार्यक्रम की सफ़लता के लिए संबंधित एमओआईसी को नोडल अधिकारी बनाया गया है।

समीक्षा बैठक के दौरान अगले महीने होने वाले एमडीए अभियान को लेकर की गई चर्चा: डॉ. जेपी सिंह
जिला वैक्टर बोर्न पदाधिकारी डॉ. जय प्रकाश सिंह ने बताया कि आगामी 10 फरवरी से सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) का चक्र चलने वाला है जो 14 दिनों का होगा। इसके तहत कटोरी मेथड से दवा खिलायी जाएगी। जिसमें दवा को कटोरी में आशा या स्वास्थ्य कार्यकर्ता रख देंगी और लोगों को सामने ही उस गोली को खानी होगी।एक टीम एक दिन में कम से कम 40 एवं अधिकतम 50 घरों का डोर टू डोर भ्रमण कर लक्षित समूह को अपने सामने दवा खिलाएंगे।आगामी 10 फ़रवरी से चलने वाले एमडीए कार्यक्रम की सफलता के लिए केयर इंडिया एवं पीसीआई के प्रखंड समन्यवक द्वारा लगातार कार्य किया जा रहा है। वहीं ग्रामीण स्तर पर पेशेंट सपोर्ट नेटवर्क से जुड़े सदस्यों द्वारा डोर टू डोर भ्रमण एवं विद्यालयों में जाकर जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

गर्भवती महिलाओं और दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों को नहीं खिलायी जाएगी कोई गोली: एनके मिश्रा
वैक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी नंद किशोर मिश्रा ने बताया कि एमडीए के दौरान सभी तरह के व्यक्तियों को इन दवाओं का सेवन करना है। लेकिन गर्भवती महिलाओं,दो साल से कम उम्र के बच्चों एवं गंभीर बीमारी से ग्रसित लोगों को इस दवा का सेवन नहीं करना है। दो साल से पांच साल तक के बच्चे भी फाइलेरिया दवाओं का सेवन कर सकते हैं और स्वास्थ्य कर्मी की निगरानी में ही दवा का सेवन करना है। ज़िले के डंडखोरा, समेली, आजमनगर एवं बारसोई प्रखंड में नाईट ब्लड सर्वे (एनबीएस) के दौरान माइक्रो फ़ाइलेरिया की दर 1 प्रतिशत से कम होने के कारण एमडीए कार्यक्रम का आयोजन नहीं  किया जाएगा। माइक्रो प्लान के तहत ही एमडीए कार्यक्रम का संचालन किया जाना है।