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जिलाधिकारी ने सदर अस्पताल के नव निर्मित 30 बेड वाले बच्चा वार्ड का उद्घाटन किया गया

पीडिऐट्रिक वार्ड में 30 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की व्यवस्था
कोरोना की संभावित तीसरी लहर के मद्देनजर सदर अस्पताल में 30 बेड की व्यवस्था

किशनगंज(बिहार)जिले में कोरोना संक्रमण के नये मामले नहीं के बराबर हैं। लेकिन देश की अन्य स्थानों से कोरोना की दूसरी व तीसरी लहर की खबरों से सतर्क रहने की आवश्यकता है। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए सामाजिक स्तर पर किये गए व्यावहारिक प्रयासों से ही अभी तक जिलेवासी कोरोना से संक्रमित होने से बचे हुए हैं। जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा जिले में राहत व बचाव के क्रम में अब सदर अस्पताल में चाइल्ड फ्रेंडली डेडिकेटड पीडिऐट्रिक वार्ड बनाया गया है।

शनिवार को जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने सदर असपताल में नव निर्मित 30 बेड वाले बच्चा वार्ड का विधिवत उद्घाटन किया। संक्रमण के तीसरे वेब की तैयारी के उद्देश्य से जिलाधिकारी के निर्देश पर इस वार्ड का निर्माण करवाया गया है। जिलाधिकारी ने बताया बच्चा वार्ड का निर्माण चाइल्ड फैंडली डेडिकेटड पीडिऐट्रिक वार्ड की तर्ज पर कराया गया है। जिसमें इंटेंसिव केयर यूनिट की भी व्यवस्था रहेगी। वेंटिलेटर तथा अन्य आधुनिक तकनीकी सहायता से यहां जिलेवासियों का इलाज किया जाएगा। उद्घाटन समारोह में सिविल सर्जन श्री नंदन, डॉ मुनाजिम जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्वास्थ्य, प्रशान्जित प्रमाणिक डी टी एल केयर इंडिया, एजाज एहमद एस एम् सी यूनिसेफ एवं डॉ अमित राव डब्लू एच ओ एवं स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी भी मौजूद थे।

पीडिऐट्रिक वार्ड में 30 ऑक्सीजन सपोर्ट बेड की व्यवस्था:

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सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि नव निर्मित चाइल्ड फैंडली डेडिकेटड पीडिऐट्रिक वार्ड में 10 बेड पूरी तरह से वातानुकूलित एवं पाइपलाइन ऑक्सीजन युक्त रहेंगे। जरूरत के अनुसार इन बेड की संख्या भविष्य में बढ़ाई जा सकती है। वार्ड में 05 से 18 वर्ष बच्चों के उपचार हेतु आवश्यक चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था की गई हैजिले के सदर अस्पताल में इसके पूर्व में 10 बच्चो वाला बेड की व्यवस्था की जा चुकी है जिसमे 02 से 05 वर्ष बच्चों के उपचार हेतु आवश्यक चिकित्सीय सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। इसके अलावा सदर अस्पताल में एस एन सीयू भी कार्यरत है जहां 0 से 02 माह के नवजात शिशु की गंभीर स्थिति में इलाज किया जाता है।

चिकित्सा कर्मी एवं पारामेडिकल कर्मी 24 घंटे रहेंगे तैनात:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया संक्रमण के तीसरे वेब की सम्भावना को लेकर जिला पदाधिकारी के दिशा निर्देश के आलोक में नव निर्मित वार्ड में चिकित्सक एवं पारामेडिकल स्टाफ की नियुक्ति की गयी है, जो रोस्टर के अनुसार चौबीसों घंटे रहकर कार्य करेंगे। साथ ही डॉक्टर ड्यूटी रूम, कंट्रोल रूम, ऑक्सीजन रूम व हेल्प डेस्क की व्यवस्था की गयी है।आमजनों को हॉस्पिटल भवन खोजने में दिक्कत ना हो इसलिए प्रवेश द्वार से ही हॉस्पिटल तक पहुंचने के लिए जगह जगह रास्ते में साइनेज लगाया गया है। वार्ड में शौचालय की व्यवस्था की गई है, जिसकी नियमित साफ सफाई हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। वार्ड में चिकित्सीय सेवा प्रदान करने हेतु डॉक्टर और सपोर्टिंग पारा मेडिकल स्टॉफ को चिह्नित करते हुए लगाया गया है। वार्ड को बिल्डिंग एज लर्निंग एड की तर्ज तैयार किया गया है। वार्ड का वातावरण जिस प्रकार तैयार किया गया है कि छोटे बच्चों को वहां घर जैसा माहौल प्राप्त हो सके ताकि बच्चे किसी प्रकार के अकेलापन महसूस नहीं करेंगे। वार्ड की दीवारों को प्रेरणादायक एवं छोटे-छोटे स्लोगन दर्शाए गए हैं ताकि उस वार्ड में रहने वाले बच्चों खुश रह सकेंगे तथा उन्हें बीमारी से भी ऐसा प्रतीत हो सकेगा कि वह अपने घर और स्कूल में हैं ना कि अस्पताल में।

संक्रमण के तीसरे वेब की पूर्व तैयारी को लेकर निर्देश दिया गया:

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जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने उद्घाटन समारोह में कहा कि जिले में जिस प्रकार संक्रमण के पहली एवं दूसरी लहर का डट कर सामना किया गया है। ठीक उसी प्रकार आने वाले समय में संक्रमण के तीसरे वेब की सम्भावना को लेकर जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह मुस्तैद है। उसके लिए स्वास्थ्य सुविधा को सुचारू रूप से क्रियान्वयन करने हेतु जिले के सातों प्रखंडों के सभी स्वास्थ्य उपकेन्द्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों, स्वास्थ्य उपकेंद्रों में चिकित्सा पदाधिकारी को आवश्यक दिशा निर्देश दिया गया है। जिसमें कोविड -19 के टेस्टिंग, ट्रीटमेंट एवं वैक्सीनेशन के कार्यों के अलावा कम से कम 10 बच्चों वाला बेड तथा आवश्यक सुविधा उपलब्ध करने का दिशा निर्देश दिया गया है।

बच्चों को कोविड- 19 से संक्रमित होने से बचायें:
जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने उद्घाटन समारोह में कहा कि बच्चे जिनकी आयु अभी कम है उनको आगे भी स्वस्थ्य रहने के लिए आवश्यक है कि वे कोविड-19 के वायरस से संक्रमित न होने पायें। इन्हें अभी से मास्क पहनने, दो गज की शारीरिक दूरी बनाये रखने एवं हाथों को बार-बार धोने की आदतों को अपनाने की सलाह दी। डा. कुमार ने कहा कि यह अभिभावकों की भी जिम्मेदारी है कि वे अपने बच्चों को ऐसा करने के लिए प्रेरित करें। आगे भी इन आदतों का पालन करना पड़ेगा अभी कोविड- 19 खत्म नहीं हुआ है। एक भी संक्रमित व्यक्ति कई लोगों को संक्रमित कर सकता है।