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जिला पदाधिकारी ने की पोषण पखवाडा की शुरुआत

  • पोषण संबंधी जानकारी देने के लिए हुई पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत
  • जिला पदाधिकारी ने खीर खिलाकर किया अन्नप्राशन

किशनगंज(बिहार)समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) द्वारा जिले के टाउन हॉल में शुक्रवार को जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश के द्वारा पोषण पखवाडा की शुरुआत की गयी। जिला पदाधिकारी ने बताया की बच्चों में दुबलापन तथा महिलाओं एवं बच्चों में एनीमिया हमारे लिए चुनौती है।इसमें सुधार लाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। पोषण पखवाड़ा एक बेहतर अवसर है जब हम सामुदायिक सहभागिता के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों को पोषण पर जागरूक कर सकते हैं।साथ ही एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है।पखवाडा के दौरान लोगों को पोषण संबंधी जानकारी देने के लिए जिले के अलग अलग क्षेत्रों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन करते हुए पोषण पखवाड़े की शुरुआत की गई है। इस दौरान आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा क्षेत्र भ्रमण कर लोगों को सही पोषण की तकनीकों की जानकारी दी गई।

जिला पोषण परामर्श केंद्र की शुरुआत :
पोषण पखवाडा के उद्घाटन के साथ साथ जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने जिला पोषण परामर्श केंद्र की भी शुरुआत की।जहा लोगों को पोषण सम्बन्धी विषयों पर जानकारी दी जाएगी। इसमें लोगों को महिलाओं और शिशुओं के सही समय में सही पोषण दिए जाने की जानकारी दी जाएगी। लोगों को सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना एवं कन्या उत्थान योजना की भी जानकारी दी जाएगी ताकि सभी लोग इन योजनाओं का लाभ उठा सकें। मौके पर बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन भी जिला पदाधिकारी के द्वारा किया गया।

कुपोषण दूर करने की कवायद तेज, लगाये गये पोषणयुक्त पौधे:
जिला पदाधिकारी डॉ आदित्य प्रकाश ने बताया जिले में खाद्य वानिकी पोषण युक्त पौधों के माध्यम से पोषण संबंधी चुनौतियों के समाधान करने पर विशेष बल दिया जाएगा।इसके लिए पोषण पंचायत के माध्यम से आकांक्षी जिले में स्थानीय,ग्राम पंचायत स्तर पर राष्ट्रीय औषधीय पौध बोर्ड, आयुष मंत्रालय के सहयोग से पोषणयुक्त औषधीय पौधे लगाने के लिए लोगों को जागरूक किया जाएगा।इस दौरान प्रत्येक केंद्र पर बेल, जामुन,आंवला,पपीता,खजूर, अमरूद,सहजन,अनार आदि में से कम से कम 4 पौधों को लगाया जाना है।आंगनबाड़ी केंद्र एवं पोषक क्षेत्र में प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र जहां पौधे लगाने के लिए स्थान की उपलब्धता हो एवं जहां जगह हो वहां कुछ प्रमुख पौधे जैसे सहजन,पपीता,अमरूद, नींबू का पौधरोपण किया जाना है। वहीं अंतिम सप्ताह में स्वस्थ्य जीवन जीने के लिए सामान्य योगा अभ्यास को लेकर जागरूक कराया जाना है।
एनीमिया व कुपोषण को दूर करने में पोषक तत्वों का सेवन जरूरी:
जिले भर में संचालित पोषण संबंधी गतिविधियों की जानकारी देते हुए डीपीओ मंजूर आलम ने बताया महिला व युवतियों में होने वाले एनीमिया के साथ-साथ बच्चों को कुपोषण से बचाने के लिये उचित पोषक आहार का सेवन जरूरी है।उन्होंने कहा अगर महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान सही पोषण मिले तो उन्हें कई तरह की बीमारियों से बचाया जा सकता है।एनीमिया की समस्या को कम करने के लिहाज से उचित पोषण का विशेष महत्व है।पोषण पखवाड़ा के अलावा आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से समय-समय पर आयोजित होने वाले विभिन्न गतिविधियों में माध्यम से पोषण के प्रति लोगों को जागरूक करने का अभियान संचालित किया जाता है।इसमें हरी साग सब्जी,पालक,बथुआ,मेथी,गाजर, चना,सोयाबीन सहित अन्य प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ के सेवन की सलाह दी जाती है।
गर्भवती महिलाओं पर विशेष ध्यान:
पखवाड़े के दौरान ग्रामीण स्वास्थ्य,स्वच्छता एवं पोषण दिवस के आयोजन पर ध्यान दिया जाएगा।इसके लिए गर्भवती महिलाओं का वजन कर रिकॉर्ड किए जाएंगे व जिन गर्भवती महिलाओं के वजन में अपेक्षित इजाफा न हो रहा हो, उन्हें इस दिवस में आवश्यक सेवाओं और परामर्श के लिए आने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। सेविका को गृह भेंट कर पोषण के पांच सूत्र प्रथम 1000 दिन,एनीमिया व डायरिया से बचाव,स्वच्छता,हाथों की सफाई व पौष्टिक आहार आदि के बारे में गर्भवती महिलाओं, धात्री महिलाओं को जागरूक करने व उचित सलाह देने के निर्देश दिए गए हैं।साथ ही प्रसव पूर्व व प्रसव पश्चात देखभाल,जन्म से 3 वर्ष तक के बच्चों के ऊपरी आहार एवं स्तनपान एवं परामर्श,व्यक्तिगत स्वच्छता, हाथों की सफाई,खानपान,आहार विविधता, विभिन्न खाद्य समूहों पर परामर्श देने की बात कही गयी है।