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ई-संजीवनी टेलीमेडिसिन के सफल क्रियान्वयन के लिए जिले के 6 प्रखंडों के पीएचसी में हुआ ड्राई रन

  • ई संजीवनी एप से घर बैठे मिलेगी स्वास्थ्य सेवाएं
  • हब एंड स्कोप प्रणाली से काम करेगी टेली मेडिसिन सुविधा

किशनगंज(बिहार)जिले में दूर दराज के ग्रामीण सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को भी अब बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा इलाज की सुविधा उपलब्ध होगी।इसके लिए सरकार द्वारा जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में हब एंड स्कोप प्रणाली से टेलीमेडिसिन की सुविधा उपलब्ध करायी जायेगी।स्वास्थ्य व्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के तहत टेलीमेडिसिन की सुविधा शुरू की जाएगी।इसके सफल क्रियान्वयन को लेकर गुरूवार यानि 28 जनवरी को 11 बजे से 2 बजे तक ड्राई रन का आयोजन जिले के 6 प्रखंडों में पीएचसी में हुआ।इसको लेकर राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ एके शाही ने पत्र लिखकर आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किया है। यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। कोरोना जैसी महामारी में लोगों के लिए सच में यह हब संजीवनी का काम करेगी।जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम समन्वयक विस्वजित कुमार ने बताया कि अब टेलीमेडिसिन के जरिये भी मरीजों का इलाज किया जाएगा। टेलीमेडिसिन के तहत मरीज अपनी समस्या बताकर डॉक्टर से परामर्श ले सकते हैं।स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एक उभरती विधा है जहां सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ चिकित्सा विज्ञान के प्रक्रियात्मक संकेंद्रण से ग्रामीण और दूरदराज इलाके में स्वास्थ्य के विभिन्न आयामों की जानकारी विशेषज्ञ चिकित्सक के द्वारा दी जाती है। इस सुविधा के तहत रोगी और विशेषज्ञ चिकित्सक आपस में बात करते हैं। साथ ही ईसीजी,रेडियोलॉजिकल,नैदानिक परीक्षण सहित अन्य चिकित्सकीय जानकारी, इलेक्ट्रॉनिक चिकित्सा, रिकार्ड भेजने और आईटी आधारित हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर की सहायता से मिलेगी।

चिकित्सक देंगे निःशुल्क परामर्श:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि इस सुविधा के जरिये सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, बुखार, खांसी, सिर दर्द, पेट दर्द, त्वचा संबंधी बीमारी, संक्रामक रोग, शुगर, ब्लड प्रेशर, कैंसर आदि के उपचार के लिए टेलीमेडिसिन के जरिये चिकित्सक व विशेषज्ञ से निःशुल्क परामर्श लिया जा सकता है। उन्होंने उन्होने बताया कि यदि मरीज के पास एंड्राइड एण्ड्रोइड-स्मार्ट फोन है तो वह ‘ई-संजीवनी ओपीडी एप’ को इंस्टाल करके या फिर ‘ई-संजीवनी डॉट इन’ पोर्टल पर जाकर सुविधा प्राप्त कर सकता है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली पर संबंधित एएनएम एवं चिकित्सा पदाधिकारियों का प्रशिक्षण डेमो एप पर कराया गया है।

हब एंड स्कोप प्रणाली से काम करेगी टेली मेडिसिन सुविधा:
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ मुनाजिम ने बताया कि ई संजीवनी टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के तहत हब एवं प्रणाली के रूप में कार्यरत होगा।जिसमें मरीज पहले एएनएम के पास कॉल करेंगे।फिर एएनएम मरीज की सभी जानकारी लेकर उसे डॉक्टर के पास फारर्वड करेंगी।जिसमें पाली बार विशेषज्ञ चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध होंगे। इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं।स्वास्थ्य विशेषज्ञों से मरीज टेलीफोन पर ही चिकित्सा से संबंधित परामर्श प्राप्त कर सकते हैं।इलेक्‍ट्रॉनिक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्‍फ्रेंसिंग के साथ हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

रियल टाइम सहायता ले सकते हैं मरीज:
ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग अब घर बैठे ही बेहतर व विशेषज्ञ चिकित्सकों से इलाज करा सकेंगे। मरीजों को चिकित्सीय सुविधा देने के किए स्वास्थ्य देखभाल के क्षेत्र में यह एक ऐसी सुविधा है, जिसमें सूचना प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करके सुदूर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा सकती है। इसके तहत चिकित्सकीय शिक्षा, प्रशिक्षण और इसका प्रबंधन तक शामिल हैं। इसमें इलेक्ट्रॉनिक तरीके से मरीज चिकित्सकीय जानकारी भेज सकते हैं और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की मदद से रियल टाइम परिस्थितियों में सहायता प्राप्त कर सकते हैं।

जिले के कुल 6 प्रखंडों में ई संजीवनी टेलीमेडिसिन से सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के मरीजों को मिलेगी सुविधाएं:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया कि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में चिकित्सकों की उपलब्धता नहीं होने से मरीजों को परेशानी होती है।इसी को लेकर बहादुरगंज प्रखंड के 12,ठाकुरगंज प्रखंड के 10, टेढ़ागाछ प्रखंड के 04,पोठिया प्रखंड के 01, कोचाधामन प्रखंड के 25 उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ई संजीवनी टेलीमेडिसिन क्रियान्वयन के लिए एएनएम को प्रशिक्षण दिया गया है। उन्होंने बताया कि पीएचसी को हब व एचएससी में प्रणाली स्कोप के रूप में काम करेगी।एचएससी स्तर पर एएनएम मौजूद रहेंगी।जहां पर मरीज आकर अपनी समस्या को बतायेंगे।इसके बाद एएनएम मरीज की पूरी जानकारी (हिस्ट्री) लेकर ऑनलाइन पीएचसी में उपलब्ध चिकित्सक को कॉल करके मरीज से बात करायेंगी।पीएचसी में पाली बार विशेषज्ञ चिकित्सक टेलीमेडिसिन के माध्यम से मरीजों को सलाह देने के लिए उपलब्ध होंगे।