जिले में ईएमटीसीटी जागरूकता सप्ताह का हुआ शुभारंभ
मां से बच्चों में होने वाले एचआईवी संक्रमण के प्रसार को रोकना जागरूकता कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य
ईएमटीसीटी जागरूकता वाहन को सिविल सर्जन ने हरी झंडी दिखाकर क्षेत्र भ्रमण के लिये किया रवाना
अररिया(बिहार)गर्भवती महिलाओं का एचआईवी परामर्श व जांच, एचआईवी संक्रमित महिलाओं का सुरक्षित प्रसव, ईआईडी सेवा सहित अन्य जानकारियों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से जिले में विशेष ईएमटीसीटी सप्ताह का संचालन किया जा रहा है. बीएसएसीएस व यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में 17 से 23 दिसंबर के बीच आयोजित इस विशेष सप्ताह के दौरान ईएमटीसीटी आईईसी वाहन के माध्यम से समुदायिक स्तर पर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाना है.
राज्य के 13 आकांक्षी जिलों में अभियान हो रहा संचालित:
ईएमटीसीटी जागरूक्ता सप्ताह का आयोजन राज्य के 13 आकांक्षी जिलों में किया जा रहा है. इसमें से गया व पूर्णिया जिले में जागरूकता संबंधी कार्यों के लिये दो ईएमटीसीटी आईईसी वाहन उपलब्ध कराये गये हैं. तो अररिया, औरांगाबाद, बेगुसराय, जमुई, कटिहार सहित अन्य ग्यारह जिलों में जागरूकता संबंधी कार्य के लिये एक-एक आईईसी वाहन उपलब्ध कराये गये हैं. जागरूकता वाहन में प्रचार संबंधी सभी जरूरी संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं. ओडियो-वीडियो माध्यम से लोगों को एचआईवी संक्रमण से जुड़ी लोगों को जरूरी परामर्श, संक्रमित महिलाओं के सुरक्षित प्रसव व ईआईडी जन्म से 18 माह तक के शिशुओं को दी जाने वाली सुविधाओं के प्रति समुदाय स्तर पर जागरूकता फैलाने का प्रयास किया जायेगा.
जागरूकता वाहन को सिविल सर्जन ने दिखायी हरी झंडी:
ईएमटीसीटी जागरूकता वाहन को सिविल सर्जन डॉ रूप नारायण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर क्षेत्र भ्रमण के लिये रवाना किया. मौके पर संचारी रोग सह जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी डॉ योगेंद्र प्रसाद सिंह, डीपीएम एड्स अखिलेश कुमार सिंह, जिला आईसीटीसी पर्यवेक्षक साहिद फरहान, फील्ड ऑफिसर एचएलएफपीपीटी मो रिजवान सहिति अन्य स्वास्थ्य अधिकारी मौजूद थे. मौके को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन ने कहा कि संक्रमित मां से बच्चों में एड्स संक्रमण के प्रसार को रोकने व इसे लेकर जरूरी एहतियाती उपायों के प्रति आम लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से इस विशेष जागरूकता सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है.
प्रथम तिमाही में गर्भवती महिलाओं का जांच जरूरी:
जिला एड्स नियंत्रण पदाधिकारी डॉ योगेंद्र प्रसाद सिंह ने मौके पर कहा कि एचआईवी संक्रमण को रोकने के लिये सरकारी स्तर पर कई जरूरी प्रयास किये जा रहे हैं. संक्रमित महिलाओं से होने वाले बच्चों के संक्रमित होने की संभावना काफी अधिक होती है. थोड़ी सी सावधानी रखते हुए इससे बचा जा सकता है. इसके लिये प्रथम तिमाही में सभी गर्भवती महिलाओं को एचआईवी व सिफलिस की जांच जरूरी है. संक्रमित माता के शिशु को जन्म से 18 माह तक नि:शुल्क ईआईडी सेवा उपलब्ध कराया जाता है. सभी भावी माता व पिता को अपना एचआईवी जांच जरूरी कराना चाहिये. जोखिमपूर्ण व्यवहार वाले स्त्री व पुरूषों के लिये एचआईवी का जांच कराया जाना बेहद जरूरी है.