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फाइलेरिया उन्मूलन:कोढ़ा प्रखंड के बासगाढ़ा उच्च माध्यमिक विद्यालय के सैकड़ों बच्चों को वीडियो दिखाकर किया गया प्रेरित

फाइलेरिया जैसी बीमारी से निज़ात पाने के लिए हम सभी को जागरूक होने की जरूरत:
अगले महीने दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्कूली बच्चों द्वारा ग्रामीणों को किया जाएगा प्रेरित: प्रधानाध्यापक
फाइलेरिया बीमारी से बचाव एवं सुरक्षित रहने को लेकर बच्चों को किया जागरूक: अरुणेंदु झा

 कटिहार(बिहार)फाइलेरिया (हाथी पांव) जैसे गंभीर संक्रामक रोग से मुक्ति दिलाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन कर जनजागरूकता अभियान चलाया जाता है। जब तक आम जनमानस जागरूक नहीं होगा तब तक फाइलेरिया जैसी बीमारी से निज़ात पाना मुश्किल होगा। इस तरह की बीमारी के कारण एवं बचाव के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से कोढ़ा प्रखंड अंतर्गत बासगाढ़ा गांव स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय के उन्नयन बिहार स्मार्ट क्लास के सभागार में स्वास्थ्य विभाग एवं जाने माने फिल्म अभिनेता मनोज बाजपेयी द्वारा की गई अपील वाला वीडियो सहित फाइलेरिया बीमारी से बचाव एवं सुरक्षित रहने वाला वीडियो बच्चों को दिखाकर जागरूक किया गया। इसके साथ ही फाइलेरिया बीमारी से बचाव, सुरक्षित रहने एवं एमडीए के तहत अगले महीने में खिलाई जाने वाली दवा का सेवन करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। इस अवसर पर प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार राम, शिक्षक अशीष कुमार, रोहित कुमार, निर्मल सिंह, उपेन्द्र नारायण शाह एवं कुमारी रचना के अलावा वीबीडीएस अमरनाथ सिंह, सेंटर फ़ॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के राज्य समन्वयक अरुणेंदु झा, सिफार के क्षेत्रीय कार्यक्रम समन्वयक धर्मेंद्र कुमार रस्तोगी, डीसी (एलएफ/वीएल) पल्लवी कुमारी, बीसी आयुष्मान, पीसीआई के  आशीष कुमार चतुर्वेदी सहित कई अन्य कर्मी उपस्थित थे।

अगले महीने दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्कूली बच्चों द्वारा ग्रामीणों को किया जाएगा प्रेरित: प्रधानाध्यापक
प्रधानाध्यापक दिलीप कुमार राम ने कहा कि स्कूली बच्चों द्वारा फाइलेरिया को जड़ से मिटाने के लिए एमडीए के तहत विभाग द्वारा खिलाई जाने वाली दवा का सेवन करने के लिए घर परिवार के साथ ही गांव के लोगों को जागरूक करने को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। आने वाले दिनों में स्वास्थ्य विभाग के साथ ही सिफार से जुड़े अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा आयोजित कार्यक्रमों में बढ़ चढ़ कर शामिल होने के लिए आश्वासन दिया गया। दवा सेवन कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्कूली बच्चों द्वारा ग्रामीणों को प्रेरित किया जाएगा। अपील किया गया कि सभी लोग दवा का सेवन करेंगे ताकि फाइलेरिया बीमारी से बचाव हो सके और आनेवाली पीढ़ी सुरक्षित रह सके।

फाइलेरिया बीमारी से बचाव एवं सुरक्षित रहने को लेकर बच्चों को किया जागरूक: अरुणेंदु झा
सेंटर फ़ॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च के राज्य समन्वयक अरुणेंदु झा ने बताया कि आमतौर पर फाइलेरिया के कोई लक्षण स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन पसीना, सिर दर्द, हड्डी व जोड़ों में दर्द, भूख में कमी, उल्टी आदि के साथ बदन में खुजली और पुरुषों के जननांग और उसके आस-पास दर्द व सूजन की समस्या स्पष्ट रूप से दिखाई देती है। इसके अलावा पैरों और हाथों में सूजन, हाथी पांव और हाइड्रोसिल (अंडकोषों की सूजन) भी फाइलेरिया के लक्षण हैं। फाइलेरिया न सिर्फ व्यक्ति को विकलांग बना देती है बल्कि इससे मरीज की मानसिक और सामाजिक स्थिति पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है।