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अररिया जिले में कोरोना टीकाकरण को लेकर तैयारियों का दौर अंतिम चरण में

चुनाव बूथ की तर्ज पर होगा टीकाकरण सत्र स्थल का चयन, होंगे सारे जरूरी इंतजाम
टीकाकरण को लेकर कर्मियों के जरूरी प्रशिक्षण के साथ-साथ हो रही है इसके व्यापक प्रचार- प्रसार की तैयारी

अररिया(बिहार)जिले में कोरोना टीकाकरण (वैक्सीनेशन) को लेकर विभिन्न स्तरों पर तैयारियों का दौर अपने अंतिम चरण में है। प्रथम चरण में जिले के लगभग 10 हजार लोगों को टीकाकृत किये जाने का लक्ष्य है। इसमें सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कर्मियों के साथ-साथ आईसीडीएस कर्मियों को शामिल किया गया है। प्रथम चरण में टीकाकरण कार्य की सफलता के लिये राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार के माध्यम से जिलाधिकारी व सिविल सर्जन को जरूरी दिशा- निर्देश दिये गये हैं। प्राप्त दिशा- निर्देश के शत- प्रतिशत अनुपालन को लेकर जिला स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से जरूरी प्रयास कर रहा है। इन प्रयासों की जानकारी देते हुए सिविल सर्जन डॉ रूपनारायण कुमार ने बताया कि वैक्सीन के रख-रखाव से लेकर, टीकाकरण सत्र स्थल के निर्धारण, टीकाकरण के लिये कर्मियों को जरूरी प्रशिक्षण व टीकाकरण की संपूर्ण प्रक्रिया का अनुश्रवण, इसकी समीक्षा व रिपोर्टिंग के लिए जरूरी इंतजाम किये जा रहे हैं।
चुनाव बूथों की तर्ज पर होगा टीकाकरण सत्र स्थल का चयन:
कोरोना वैक्सीन के भंडारण के लिये सभी स्तर पर कोल्ड चेन गृहों को जरूरी उपकरणों से सुसज्जित किया जाना है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ रूपनारायण कुमार ने कहा कि कोरोना के टीकों को नियमित टीकाकरण के वैक्सीन से बिलकुल अलग रखा जायेगा।इतना ही नहीं टीकाकरण के लिये प्रयोग में लाये जाने वाले सिरिंज के भंडारण के लिये अलग स्थान चयनित किये जाने हैं। टीकाकरण के लिये सत्र स्थल का चयन चुनाव बूथ के आधार पर किया जाना है।टीकाकरण के लिये वैसे स्थल चयनित किये जायेंगे जहां कम से कम तीन कमरे हों।इसमें एक कमरा में टीका लगाने के लिये सत्र स्थल पर पहुंचने वाले लोगों के प्रतिक्षालय के रूप में विकसित किया जायेगा। तो दूसरे कमरे में टीकाकरण का इंतजाम सुनिश्चित कराया जायेगा।वहीं तीसरे कमरे में टीकाकरण के पश्चात लोगों को आधे घंटे तक चिकित्सकों की सघन निगरानी में रखे जाने का इंतजाम होगा।

विधि व्यवस्था व भीड़ नियंत्रण का होगा विशेष इंतजाम:
टीकाकरण स्थल पर भीड़ को नियंत्रण करने व चिह्नित स्थलों पर सुरक्षा के चाक-चौबंद इंतजाम सुनिश्चित किये जाएँगे। लाभार्थियों के सत्यापन के बाद ही उन्हें टीका लगाया जायेगा।सिविल सर्जन ने बताया कि टीकाकर्मी के सहयोग व टीकाकरण के बाद 30 मिनट तक लाभार्थी के अवलोकन के लिये हर स्तर पर कर्मी प्रतिनियुक्त किये जायेंगे। इसके लिये विभिन्न सहयोगी विभाग के कर्मियों को चिह्नित कर उन्हें जरूरी प्रशिक्षण दिया जाना है। सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स से संबंद्ध आंकड़ों का डाटा बेस तैयार किया जायेगा।इनका टीकाकरण संख्या के आधार पर मुख्यालय में ही किया जायेगा। टीकाकरण के कार्य में आईसीडीएस, जिला पंचायती राज विभाग, टीकाकरण कार्य में सहयोग देने वाली सहयोग संस्थाएं, डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी, आरएमएनसीएच ए, स्थानीय स्तर पर धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधियों का उचित सहयोग लिया जायेगा।
टीका कर्मियों को दिया जायेगा जरूरी प्रशिक्षण:
टीकाकरण कार्य की सफलता के लिये टीकाकर्मी दल को जिलास्तरीय पदाधिकारी व सहयोगी संस्था के प्रतिनिधियों के माध्यम से जरूरी प्रशिक्षण दिया जायेगा। ताकि सुरक्षित टीकाकरण (सेफ इंजेक्शन प्रैक्टिस ) को बढ़ावा दिया जा सके। टीकाकरण से संबंधित कार्यों की प्रखंड व जिला स्तर पर गठित कंट्रोल रूप के माध्यम से नियमित समीक्षा की जाएगी। साथ हीं जरूरी दिशा- निर्देश दिये जायेंगे। टीकाकरण को लेकर निर्धारित समयसीमा का हर स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा। टीकाकरण का कार्य आरंभ होने के बाद हर दिन इसका विस्तृत प्रतिवदेन राज्य सरकार को भेजा जाना है।
बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट व जागरूकता संबंधी उपायों पर जोर:
कोरोना टीकाकरण के लिये प्रयुक्त होने वाले सिरिंज के रखरखाव का अलग इंतजाम किया जायेगा। सिविल सर्जन डॉ कुमार के मुताबिक टीकाकरण सत्र के दौरान प्रयोग में लाये गये सिरिंज व अन्य बायोमेडिकल वेस्ट को पहले एक जगह संग्रहित किया जायेगा। बाद में बायो वेस्ट मैनजेमेंट के निर्धारित मापदंड के मुताबिक इसका निस्तारण किया जायेगा।टीकाकरण कार्य की सफलता को लेकर व्यापक जनजागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा । लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से प्रखंड व अन्य इकाइ यों को पर्याप्त मात्रा में आईईसी सामग्री उपलब्ध करायी जायेगी।साथ ही इसे लेकर विभिन्न स्तरों पर कार्यशाला आयोजित कर आम लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जाएगा ।