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केंद्रीय विश्वविद्यालय में धूमधाम से मनाय गया चौथा स्थापना दिवस

महात्मा गांधी के विचार हमें युगों-युगों तक प्रेरित और उद्देलित करेगी-प्रो. एडीएन वाजपेयी

मोतिहारी(बिहार)महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय मोतिहारी का चौथा स्थापना दिवस मनाया गया। स्थापना दिवस कार्यक्रम का प्रारम्भ कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा द्वारा प्रातः 07 बजे विश्वविद्यालय के गांधी भवन में हवन पूजन से हुआ। दिन भर चले विशेष कार्यक्रमों जैसे सेमिनार, पुस्तक, पत्रिका व प्रतिवेदन के लोकार्पण और संस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन हुआ।

पूर्वाह्न में हीं ‘सत्याग्रह से ज्ञानाग्रह तक’ विषयक विशेष कार्यक्रम आयोजित हुए। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफ़ेसर अरुण दिवाकर नाथ वाजपेयी, चिंतक, कवि, अर्थशास्त्री एवं पूर्व कुलपति हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय, हिमाचल प्रदेश थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा ने की एवं स्वागत भाषण प्रति- कुलपति प्रोफेसर जी गोपाल रेड्डी द्वारा दी गई ।जिला-स्कूल स्थिति विश्वविद्यालय के पंडित राजकुमार शुक्ला सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम को ऑनलाइन रूप में भी आयोजित किया गया । अनेक विद्वान एवं प्रतिभागीगण ऑनलाइन गूगल मीट के माध्यम से भी जुड़े रहे।

अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए प्रति कुलपति प्रोफेसर जी. गोपाल रेड्डी ने कहा की विश्वविद्यालय नित नए आयाम स्थापित कर रहा है। गांधी जी के विचारों एवं सिद्धांतों पर चलकर विश्वविद्यालय अपनी शैक्षणिक यात्रा को निरन्तर विकसित कर रहा है। प्रो. रेड्डी ने कहा कि सही मायने में मनुष्य के सर्वांगीण विकास को शिक्षा के माध्यम से ही कर सकते है।इसलिए हम सभी का यह कर्तव्य बन जाता है की लोगों को बेहतर से बेहतर शिक्षा प्रदान करने में अपना योगदान दें।विश्वविद्यालय की सम्पूर्ण आयामों की प्रगति यात्रा को प्रस्तुत करते हुए संगणक विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रोफ़ेसर विकास पारिक ने कहा की विश्वविद्यालय बहुत अल्प समय में चहुँमुखी विकास किया है। हमने प्रत्येक क्षेत्रों में बेहतर प्रदर्शन किए है। कम समय में हम देश के उच्च शिक्षा संस्थानों के बीच लोकप्रिय हुए है।इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का श्रेय माननीय कुलपति जी को जाता है।


चौथे स्थापना दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रो. एडीएन वाजपेयी द्वारा विश्वविद्यालय की वार्षिक पत्रिका ‘ज्ञानाग्रह’ के प्रथम अंक का लोकार्पण भी हुआ। साथ ही कोविड-19 काल में विश्वविद्यालय द्वारा किए गए विभिन्न कार्यक्रमों का प्रतिवेदन, राष्ट्र चिंतक, विचारक श्री कृष्ण गोपाल द्वारा लिखित पुस्तक लघु पुस्तक ‘अध्यात्म भारत की आत्मा है’ का लोकार्पण भी इसी कार्यक्रम में हुआ। इसके अलावा राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विश्वविद्यालय की योजना नामक प्रतिवेदन और महात्मा गांधी सेंट्रल यूनिवर्सिटी जर्नल आफ सोशल साइंसेज के द्वितीय अंक का भी विमोचन हुआ। बतौर मुख्य अतिथि प्रोफेसर एडीएन बाजपेई ने ‘सत्याग्रह से ज्ञानाग्रह तक’ विषयक विशेष व्याख्यान में गांधी जी को सच्चा पथ प्रदर्शक बताया और देशभक्त बताया। उन्होंने कहा कि गांधी सही मायने में युगपुरुष थे , जिनके विचार हमें युगों युगों तक प्रेरित और उद्देलित करती रहेगी । उन्होंने सत्य अहिंसा का जो पाठ हमें पढ़ाया है वह भारत ही नहीं पूरे विश्व समाज के लिए अनुकरणीय है। गांधीजी सच्चे जन सामान्य के नेता थे, उनकी कही हुई एक-एक बात हमारे लिए महत्वपूर्ण है। अध्यक्षीय उद्बोधन में विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. संजीव कुमार शर्मा ने कहा की विश्वविद्यालय की जो शैक्षणिक कुशल यात्रा चल पड़ी है, उसके पीछे विश्वविद्यालय के सभी कर्मठ शिक्षक एवं कर्मचारियों का हाथ है। उनके अथक प्रयास के बिना यह असम्भव था। प्रोफेसर शर्मा ने कहा कि किसी भी शिक्षा संस्थान में शिक्षक उसके मजबूत आधार स्तंभ होते हैं और उनकी कर्मठता और कुशलता से वह शिक्षा संस्थान विकास के पथ पर अग्रसर होता है। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने जो यात्रा चंपारण की भूमि से शुरू की थी वह केवल राजनीतिक यात्रा नहीं थी बल्कि शिक्षा के क्षेत्र में भी उन्होंने यहां पर महत्वपूर्ण कार्य किए। आज हम सभी उसी को आगे बढ़ाने का निरंतर प्रयास कर रहे हैं। विश्वविद्यालय और नए मानक स्थापित करें इसके लिए हमें और अधिक मेहनत करने की जरूरत है ।
कार्यक्रम में आभार एवं धन्यवाद ज्ञापन जीव विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर अतर्रत्रताण पाल ने किया । कार्यक्रम को विश्वविद्यालय वार्षिक पत्रिका ‘ज्ञानाग्रह’ के संपादक प्रोफेसर राजेंद्र सिंह बडगूजर एवं श्याम नंदन, ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विश्वविद्यालय की योजना’ नामक प्रतिवेदन को तैयार करने वाले प्रोफेसर आशीष श्रीवास्तव ने भी संबोधित किया । साथ ही कोविड काल-19 संबंधी प्रतिवेदन के बारे में पीआरओ शेफालिका मिश्रा ने अपने विचार रखे। कार्यक्रम का संचालन प्रो. पवनेश कुमार, अधिष्ठाता, वाणिज्य एवं प्रबंध विज्ञान संकाय ने किया। कार्यक्रम में डीएसडब्ल्यू प्रो. आनंद प्रकाश, समाज विज्ञान संकाय के अधिष्ठाता प्रो. राजीव कुमार, डॉ. पद्माकर मिश्र , ओएसडी (प्रशासन), प्रो. शिरीष मिश्र, प्रो. ब्रजेश पाण्डेय आदि शिक्षक, विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शोधार्थी एवं विद्यार्थी उपस्थित रहें।