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पूर्णिया के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में शुरू हुआ निःशुल्क कैंसर रोग चिकित्सा व परामर्श शिविर

एक सप्ताह तक सभी स्वास्थ्य केंद्रों में मरीजों की होगी संभावित कैंसर की जांच:
समय पर जांच व इलाज कराने से लोग हो सकते हैं कैंसर मुक्त:
कैंसर के मरीजों को मुफ्त इलाज के लिए भेजा जाता है पटना:
जिला मुख्यालय के मेडिकल कॉलेज ओपीडी में संचालित:
एनसीडी क्लीनिक में होती है कैंसर जांच:
कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए लोगों को संतुलित खान-पान आवश्यक:

पूर्णिया(बिहार)विश्व कैंसर दिवस पर जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों में 04 फरवरी से 10 फरवरी तक चलने वाले निःशुल्क कैंसर रोग चिकित्सा एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया।शिविर में उपस्थित लोगों के कैंसर की संभावित लक्षणों की जांच करने के साथ ही चिकित्सकों द्वारा इससे सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक परामर्श भी दिए गए। लोगों को यह जानकारी दी गई कि कैंसर जैसी भयावह बीमारी भी अब लाइलाज नहीं है।समय पर इसकी पहचान होने से इसका इलाज संभव है। सरकार द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों में संचालित गैर संचारी रोग (एनसीडी) क्लीनिक में लोग अपने कैंसर की जांच करा सकते हैं।रिपोर्ट पॉजिटिव मिलने पर उसे बेहतर चिकित्सा के लिए उत्कृष्ट मेडिकल अस्पताल भेजा जाता है। जहां लोग निःशुल्क अपना कैंसर का इलाज करवा सकते हैं।

मेडिकल कॉलेज के एनसीडी क्लीनिक में हुआ कैंसर रोग परामर्श शिविर का आयोजन :
जिला मुख्यालय में राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल के ओपीडी कक्ष के रूम नम्बर 10 में संचालित एनसीडी क्लीनिक में लोगों की जांच के लिए कैंसर रोग परामर्श शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में उपस्थित लोगों के मुँह, सर्वाइकल आदि की जांच की गई । उन्हें कैंसर से सुरक्षित रहने के लिए आवश्यक खान-पान आदि का ध्यान रखने की सलाह दी गई। इस दौरान शिविर में जिला गैर संचारी रोग अधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल के साथ एनसीडी वित्तीय सलाहकार केशव कुमार, एएनएम जूली कुमारी व स्टाफ नर्स अस्मिता कुजूर, डब्लूएचओ एसटीएच हिमांशु नारायण, फिजियोथेरेपिस्ट सोनी कुमारी, साईकोलोजिस्ट धीरेंद्र कुमार उपस्थित रहे।

शरीर का कोई भी भाग हो सकता है कैंसर का शिकार :
जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने बताया कि शरीर का कोई भी भाग कैंसर का शिकार हो सकता है। सामान्यतः लोग मुँह का कैंसर, सर्वाइकल कैंसर या महिला वर्ग स्तन कैंसर के शिकार हो जाते हैं। शरीर के किसी भी अंग में सूजन का होना, गांठ या कड़ापन पाया जाना, तिल/मस्से के आकार या रंग में परिवर्तन, शरीर के किसी घाव का न भरना, लगातार बुखार और वजन में कमी होना, मूत्र विसर्जन में कठिनाई होना या उस दौरान रक्त निकलना, 03 सप्ताह के अधिक खांसी होना या आवाज में परिवर्तन आना, मुँह में अधिक समय तक छाला या पैच का होना जो ठीक नहीं हो रहा हो, 4-6 सप्ताह या उससे ज्यादा समय तक पतला दस्त का होना, महिलाओं में स्तन के आकार में परिवर्तन या रक्त का रिसाव, रजोनिवृत्ति के बाद भी रक्तस्राव का होना इत्यादि कैंसर के सामान्य लक्षण हैं। अगर किसी व्यक्ति को शरीर में ऐसे लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो उन्हें तुरंत नजदीकी अस्पताल में जांच करवानी चाहिए। समय पर कैंसर की पहचान होने से इसका इलाज आसानी से सम्भव है।

कैंसर के मरीजों को मुफ्त इलाज के लिए भेजा जाता है पटना :
एनसीडी अधिकारी डॉ. अग्रवाल ने बताया कि समय पर कैंसर की पहचान होने के बाद व्यक्ति को स्वास्थ्य विभाग द्वारा बेहतर इलाज उपलब्ध कराई जाती है। पूर्णिया या आसपास के जिलों में कैंसर के मरीज मिलने पर उसे बेहतर इलाज के लिए पटना भेजा जाता है। जहां इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स, पीएमसीएच व महावीर कैंसर अस्पताल में मरीजों की आवश्यक जांच के साथ बेहतर उपचार उपलब्ध कराई जाती है।

कैंसर से बचाव के लिए सन्तुलित खान-पान जरूरी :
आजकल बाजार में पाए जा रहे अथिकतर खाद्य पदार्थ ज्यादातर केमिकल्स के मिश्रण से बना होता है। इन खाद्य पदार्थों के अधिक इस्तेमाल कैंसर को बढ़ावा देने का काम करता है। इसके अलावा बहुत से लोग धूम्रपान व तम्बाकू का सेवन करते हैं जो मुँह कैंसर का कारण है। डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार वर्तमान में भारत में कैंसर मरीजों की संख्या लगभग 25 लाख से ज्यादा है। नेशनल हेल्थ प्रोफाइल रिपोर्ट-2019 के अनुसार हर साल करीब 70 हजार लोगों की मौत कैंसर की वजह से होती है। जिनमें से 80 प्रतिशत मौतें लोगों की उदासीन रवैये के कारण होती है। कैंसर से बचाव के लिए लोगों को संतुलित खान-पान का सेवन करना चाहिए । जिसमें ताजे फल व हरी सब्जियां मुख्य रूप से शामिल हैं । इनमें मौजूद विटामिन व मिनिरल्स कैंसर की आशंका को कम करने में सहायक होते हैं। इसके अलावा नियमित व्यायाम और शरीर का सन्तुलित वजन भी कैंसर होने से बचाए रखने में सहायक होता है।