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जच्चा और बच्चा के अच्छे स्वास्थ्य के लिए अस्पताल में ही करवाएं प्रसव

  • अस्पताल में होते हैं योग्यता प्राप्त चिकित्सक व प्रशिक्षित एएनएम
  • प्रसव के पूर्व गर्भवती महिला के स्वास्थ्य के प्रति सतर्कता जरूरी, आवश्यक तैयारी का रखें ध्यान
  • अस्पताल में प्रसव कराकर उठाएं प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ

अररिया(बिहार)किसी बच्चे का जन्म पूरे परिवार के लिए एक उत्सव की तरह होता है. ऐसे में जन्म से पहले उसके लिए अच्छी तरह तैयारी करना जरूरी है जिससे कि प्रसव के समय और उसके बाद भी माँ और शिशु पूरी तरह सेहतमंद हो. इसके लिए प्रसव पूर्व सभी जरूरी तैयारियों के साथ ही गर्भवती महिला के सन्तुलित आहार, साफ-सफाई व टीकाकरण पर ध्यान रखना चाहिए. प्रसव के लिए सबसे जरुरी है अच्छा अस्पताल, जहां शिशु का जन्म हो रहा हो. इसलिए लोगों को हमेशा प्रसव ऐसे अस्पतालों में ही कराएँ जहाँ योग्य चिकित्सक, प्रशिक्षित एएनएम के साथ ही अन्य जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हो. अस्पतालों में योग्य चिकित्सकों की निगरानी में बच्चों के जन्म होने से माँ और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य के सुरक्षित होने की पूरी सम्भावना होती है. इसके साथ ही अस्पताल में हुए प्रसव के बाद ससमय टीकाकरण और प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का भी लाभ लोग उठा सकते हैं.

सीएस अररिया

अस्पताल में प्रसव कराने से होंगे बहुत से लाभ :
सिविल सर्जन डॉ. रूप नारायण कुमार ने कहा कि बच्चों का प्रसव अस्पताल में होने से वहां उपलब्ध जरूरी सुविधाएं गर्भवती महिला व नवजात शिशु को ससमय और आसानी से मिल सकती है. जन्म का पहला घण्टा नवजात शिशु के लिए बहुत जरुरी होता है. उन्हें सांस लेने में भी तकलीफ हो सकती है. ऐसे समय में उसे ऑक्सिजन की आवश्यकता हो सकती है.शिशुओं के जन्म के समय उसमें ऑक्सिजन की होने वाली कमी को चिकित्सकीय भाषा में बर्थ एस्फीक्सिया कहा जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन की एक रिपोर्ट के अनुसार विश्व में लगभग 23 प्रतिशत शिशुओं की मृत्यु सिर्फ बर्थ एस्फीक्सिया के कारण ही होता है. ऐसे समय से निकलने के लिए अस्पतालों में सभी सुविधाएं उपलब्ध होती है. इसलिए हर व्यक्ति को अपने परिवार के महिलाओं की प्रसव अस्पतालों में ही करवानी चाहिए.

शोएब रूमी जिला समन्यवयक प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना अररिया

कोरोना काल में पूर्व तैयारियों को लेकर रहें सजग :

सिविल सर्जन डॉ. कुमार ने कहा कोरोना संक्रमण के कारण हर किसी को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में सबसे ज्यादा हो रही समस्या यातायात को लेकर है. अगर आपके घर में किसी महिला की प्रसव के समय नजदीक आ रहा है तो इसके लिए आपको पूर्व से ही सजग रहना चाहिए. अपने आसपास के अस्पताल में उपलब्ध एम्बुलेंस के साथ एम्बुलेंस चालक का फोन नम्बर की भी जानकारी रखें. अपने क्षेत्र में आशा और एएनएम को सूचित करें और गर्भवती महिला की नियमित जांच करवाते रहें. इन तैयारियों से आप ससमय अस्पताल पहुंच कर जच्चा-बच्चा के स्वास्थ्य को सुरक्षित रख सकते हैं. इसके अलावा हर व्यक्ति को कोरोना काल में 2 गज की सामाजिक दूरी, हमेशा मास्क का प्रयोग, हाथों को नियमित सैनिटाइज करना, साफ-सफाई पर ध्यान इत्यादि का भी खयाल रखना चाहिए जिससे कि हमें जल्द ही कोरोना जैसे संक्रामक बीमारी से निकलने में सफलता मिल सके.

अस्पताल में प्रसव कराने से प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का मिलता है लाभ :

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के जिला समन्यवक शोएब रूमी ने बताया कि संस्थागत प्रसव में बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना अभियान चलाया जा रहा है. इस योजना के तहत प्रथम बार मां बनने वाली माताओं को 5000 रुपये की धनराशि दी जाती है जो सीधे गर्भवती महिला के खाते में पहुँचती है. यह राशि गर्भवती महिला को तीन किस्तों में दी जाती है. जब गर्भवती महिला अपना पंजीकरण आंगनवाड़ी केन्द्रों में कराती है तो उसे पहली किश्त 1000 रुपये की दी जाती है. दूसरी किश्त गर्भवती महिला को छः माह बाद होने प्रसव पूर्व जांच के उपरान्त 2000 रुपये की और तीसरी व अंतिम किस्त बच्चे के जन्म पंजीकरण के उपरांत व प्रथम चक्र का टीकाकरण पूर्ण होने के बाद 2000 रुपये की दी जाती है.