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आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने में जुटा हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय

विश्वविद्यालय में बेकरी उत्पाद प्रयोगशाला का कुलपति ने किया उद्घाटन
स्वास्थ्य के लिए उपयोगी ब्रैड, बिस्कुट व अन्य पौष्टिक खाद्य उत्पाद होंगे तैयार, पहले विश्वविद्यालय फिर बाजार में उपलब्ध कराये जाएंगे उत्पाद

हरियाणा:कोरोना संकट के बीच भारत को आत्मनिर्भर भारत का सपना दिखाने वाले प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दिखाए मार्ग पर चलते हुए हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), महेंद्रगढ़, न सिर्फ विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में सहयोग के लिए प्रेरित कर रहा है बल्कि यहां के विद्यार्थी-शिक्षक स्वयं भी इस दिशा में उल्लेखनीय प्रयास कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के दो शिक्षकों व एक शोधार्थी (पीएचडी स्कॉलर) द्वारा ऐसी ही एक पहल की गई जिसके अन्तर्गत वह स्टार्टअप कार्यक्रम के तहत पारम्परिक व स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ-साथ पोषक तत्त्वों से भरपूर स्वास्थ्य के लिए लाभदायक ब्रेड व बिस्कुट आदि बेकरी उत्पाद तैयार करने में जुट गए है। विश्वविद्यालय कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने स्वयं इस प्रयास को प्रोत्साहित करते हुए इस टीम के द्वारा स्थापित प्रयोगशाला का उद्घटना किया और उनके द्वारा तैयार उत्पादों का स्वाद भी चखा।

कुलपति प्रो. आर.सी. कुहाड़ ने कहा कि विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में नियुक्त सह-आचार्य डॉ. सुनील कुमार, पोषण जीवविज्ञान में सहायक आचार्य डॉ. सविता बुधवार तथा शोधार्थी मनाली चक्रवर्ती के द्वारा शुरू किया गया यह प्रयास उल्लेखनीय है। कुलपति ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के द्वारा दिए गए आत्मनिर्भर भारत व वोकल फोर लोकल के मंत्र को चरितार्थ करते हुए विश्वविद्यालयों शिक्षकों व विद्यार्थियों का यह प्रयास बेहद उल्लेखनीय है। प्रो. कुहाड़ ने कहा कि इस कोशिश में विश्वविद्यालय प्रशासन हर कदम पर अपने विद्यार्थियों व शिक्षकों के साथ खड़ा है। कुलपति ने कहा कि यह बेहद प्रसन्नता का विषय है कि अब हम अपने विश्वविद्यालय स्तर की आवश्यकताओं को देखते हुए अपनी ही प्रयोगशाला में स्वास्थ्यवर्धक व पौष्टिक बेकरी उत्पादों का निर्माण करेंगे और वो दिन दूर नहीं जब इस प्रयास का लाभ न सिर्फ स्थानीय लोगों व देश के अन्य हिस्सों को भी होगा।
इस परियोजना से जुडे़ डॉ. सुनील कुमार, डॉ. सविता बुधवार तथा मनाली चक्रवर्ती का कहना है कि हमारा यह स्टार्टअप पूरी तरह से पारम्परिक व स्थानीय उत्पादों की पोषण मूल्यों को देखते हुए बेकरी व अन्य पौष्टिक खाद्य उत्पाद तैयार करने पर केन्द्रित है। उन्होंने कहा कि हम इन उत्पादों में स्वास्थ्य के लिए हानिकारक किसी भी सिंथेटिक रंग व उत्पाद का प्रयोग नहीं करेंगे और हमारी कोशिश है कि पहले विश्वविद्यालय स्तर पर इन उत्पादों की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएं फिर इसे बाजार में अन्य लोगों को उपलब्ध कराया जाएगा।