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हरियाणा:पानी की बूंद-बूंद का महत्त्व समझना होगा – रमेश गोयल


हकेवि में सतत विकास जल और बिजली संरक्षण पर वेबिनार आयोजित

महेंद्रगढ: हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय (हकेवि), में मंगलवार को सतत विकास जल और बिजली संरक्षण विषय पर राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। विश्वविद्यालय के प्रोमोशन ऑफ सस्टेनेबल मेटिरियल सेल के द्वारा आयोजित इस वेबिनार में जल अवार्डी रमेश गोयल मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित रहे। विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. टंकेश्वर कुमार ने अपने संदेश में कहा कि हमें प्रकृति द्वारा दिए गए संसाधनों को सहेज कर रखना चाहिए ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी उनका सदुपयोग कर सके।

आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस वेबिनार के मुख्य वक्ता रमेश गोयल का परिचय डॉ. दिनेश चहल ने प्रस्तुत किया। मुख्य वक्ता ने कहा कि हमें पानी की एक-एक बूंद का महत्त्व समझना होगा। उन्होंने कहा कि हमें घर बनवाते समय उसमें वर्षा जल संचयन की सुविधा अवश्य उपलब्ध करवानी चाहिए। ऐसा करने से भूजल संरक्षण करना सहज होगा। इस अवसर उन्होंने अपनी प्रतिष्ठित पुस्तक जल चालीसा ‘पानी बिन सब सून‘ और ‘जल मनका‘ के बारे में भी चर्चा की। मुख्य वक्ता ने अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया जल संरक्षण को उन्होंने अपने जीवन का मिशन बना लिया है। उन्होंने बताया कि वे किस तरह से समाज के विभिन्न वर्गों से मिलकर उन्हें जल बचाने के लिए प्रेरित करते हैं। विश्वविद्यालय के छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. आनंद शर्मा ने मुख्य अतिथि का स्वागत करते हुए सतत विकास में विश्वविद्यालय द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी प्रतिभागियों को दी।

विश्वविद्यालय के प्रोमोशन ऑफ सस्टेनेबल मेटिरियल सेल के संयोजक प्रो. हरीश कुमार ने कहा कि हमें रिसायकल और रियूज वस्तुओं को बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि सतत विकास हेतु सेल द्वारा किए जा रहे प्रयासों से प्रतिभागियों को अवगत कराया। कार्यक्रम का संचालन सहायक आचार्य आलेख एस नायक ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. सुरेंद्र ने किया। अतिथियों का परिचय डॉ. राकेश शर्मा ने दिया। इस मौके पर विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों के विभागाध्यक्ष, शिक्षक, विद्यार्थी एवं शोधार्थी उपस्थित रहे।