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पूर्णिया को धूम्रपान मुक्त जिला के रूप में बेहतर क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य मंत्री ने गैर संचारी रोग पदाधिकारी एवं जिला स्वास्थ्य प्रबंधक को किया सम्मानित

  • सितंबर 2020 से ही पूर्णिया जिला को धूम्रपान मुक्त जिला के रूप में किया गया था चिह्नित
  • जिले में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा की धारा-4 का अनुपालन प्रतिशत 91.5
  • कोटपा के तहत जिले में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान का सेवन प्रतिबंधित
  • तम्बाकू के सेवन से होती है अनेक बीमारियां, लोगों को इसे त्यागने की आवश्यकता

पूर्णिया(बिहार)जिला द्वारा तम्बाकू नियंत्रण में बेहतर क्रियान्वयन करने के उपलक्ष्य में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय तथा राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह द्वारा जिला स्वास्थ्य समिति के गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी (एनसीडीओ) डॉ. वी. पी. अग्रवाल तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम- स्वास्थ्य) ब्रजेश कुमार सिंह को पटना स्थित होटल चाणक्य में आयोजित कार्यक्रम में सम्मान पुरस्कार से सम्मानित किया गया। जिला स्वास्थ्य विभाग के अथक प्रयास के परिणाम स्वरूप वर्ष 2020 से ही पूर्णिया जिला को धूम्रपान मुक्त जिला के रूप में चिह्नित किया गया है। उसके बाद से स्वास्थ्य विभाग द्वारा जिले के सभी सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान निषेध के लिए जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही लोगों को भी धूम्रपान नहीं करने के लिए जागरूक किया जा रहा है। इस कार्य के बेहतर क्रियान्वयन के लिए राज्य सरकार द्वारा जिला स्वास्थ्य विभाग को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है।

जिले में तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम कोटपा की धारा-4 का अनुपालन प्रतिशत 91.5 :
जिला गैर संचारी रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. वी. पी. अग्रवाल ने बताया कि राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा वर्ष 2020 के सितंबर में ही तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम ‘कोटपा’ की विभिन्न धाराओं के अनुपालन की स्थिति अनुश्रवण के पश्चात जिला को धारा-4 (सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पर प्रतिबंध) में बेहतर स्थिति के अनुसार जिले को धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया गया था। राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा सर्वेक्षण के आधार पर पूर्णिया जिला में कोटपा की धारा-4 का अनुपालन प्रतिशत 91.5% था। इसके बाद से ही जिला स्वास्थ्य समिति, पूर्णिया द्वारा इसके लिए लोगों को जागरूक करने और विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान वितरण या धूम्रपान करने वाले लोगों को चिह्नित करते हुए उन्हें दंडित करने के लिए सार्थक प्रयास किया गया। राज्य सरकार द्वारा इस कार्य में अच्छा प्रदर्शन होने के कारण जिला स्वास्थ्य समिति, पूर्णिया को प्रशस्ति पत्र के साथ सम्मानित किया गया है।

कोटपा के तहत जिले में सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान का सेवन प्रतिबंधित :
जिला कार्यक्रम प्रबंधक ब्रजेश कुमार सिंह ने कहा कि धूम्रपान करने से लोग बहुत से गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। इसे रोकने के लिए सरकार द्वारा तम्बाकू नियंत्रण अधिनियम ‘कोटपा’ (COTPA-2003) चलाया गया है। पूर्णिया जिला को सितंबर 2020 में ही इसके धारा-4 के तहत सार्वजनिक स्थलों धूम्रपान मुक्त जिला घोषित किया गया है। इसके क्रियान्वयन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा लोगों को बैनर, पोस्टर आदि के द्वारा जागरूक करने का कार्य किया जा रहा है। इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग द्वारा समय-समय पर सार्वजनिक स्थलों पर धूम्रपान पदार्थों के क्रय-विक्रय कार्यों को रोकने के लिए निरीक्षण भी किया जाता है। इस कार्य के बेहतर क्रियान्वयन के कारण राज्य सरकार द्वारा पूर्णिया जिला को सम्मानित किया गया है। जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा इसमें और भी उत्कृष्टता लाते हुए बेहतर परिणाम देने का प्रयास किया जाएगा।

तम्बाकू के सेवन से होती है अनेक बीमारियां, लोगों को इसे त्यागने की आवश्यकता :
एनसीडीओ डॉ. अग्रवाल ने कहा कि तम्बाकू के सेवन से लोग बहुत से गंभीर बीमारियों का शिकार हो सकते हैं। लोगों को तम्बाकू से तैयार होने वाले विभिन्न पदार्थों जैसे- बीड़ी,सिगरेट,गुटखा,खैनी,हुक्का आदि को छोड़ने की जरूरत है। इससे लोग बहुत से गंभीर बीमारियों से सुरक्षित रह सकते हैं। धूम्रपान से होने वाले विभिन्न बीमारियों की जांच लोगों को अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में संचालित गैर संचारी रोग नियंत्रण केंद्र या ओपीडी में आसानी से की जा सकती है। जांच के बाद लोगों को उपलब्ध बीमारी के अनुसार रोकथाम के लिए आवश्यक चिकित्सकीय सहायता उपलब्ध कराई जाती है। लोगों को इसका पूरा लाभ उठाना चाहिए और धूम्रपान/तम्बाकू का सेवन को पूरी तरह त्यागना चाहिए।