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कोरोना टीकाकरण अभियान के प्रथम चरण की सफलता को लेकर हुई स्वास्थ्य अधिकारियों ने की बैठक

पहले चरण में सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान में कार्यरत कर्मी व आईसीडीएस कर्मी होंगे लाभान्वित

टीकाकरण के लिये तैयार किया जा रहा है स्वास्थ्य कर्मियों का डेटा, करें अपेक्षित सहयोग

अररिया(बिहार)कोरोना संक्रमण से बचाव को लेकर टीका आने में फिलहाल कुछ वक्त लग सकता है. लेकिन जिला स्वास्थ्य विभाग द्वारा कोरोना टीकाकरण की कवायद शुरू कर दी गयी है. वैक्सीन उपलब्ध होने पर प्रथम चरण में सरकारी व गैर सरकारी स्वास्थ्य संसाधाओं में कार्यरत कर्मी व आईसीडीएस सेवाओं से जुड़े कर्मियों को कोरोना का टीका लगाया जायेगा. टीकाकरण से जुड़ी जानकारी स्वास्थ्य कर्मियों के बीच साझा करने के उद्देश्य से अनुमंडलीय अस्पताल फारबिसगंज के सभागार में विशेष बैठक का आयोजन किया गया. जिला वेक्टर बोर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार व डीपीएम रेहान असरफ की अगुआई में आयोजित बैठक में सरकारी व निजी चिकित्सा संसाधन के कर्मियों ने भाग लिया.

सरकारी व निजी चिकित्सा संस्थान कर्मियों को लगाया जायेगा टीका:
बैठक में जानकारी देते हुए डॉ अजय कुमार सिंह ने कहा कि देश में कोरोना वैक्सीन का ट्रायल अपने अंतिम दौर में है. ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है फरवरी माह के अंत तक कोरोना का वैक्सीन उपयोग के लिये उपलब्ध हो सकेगा. उन्होंने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सभी सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों में कार्यरत कर्मी साथ ही संस्थान से जुड़े अन्य लोगों के साथ आईसीडीएस के अधिकारी व कर्मियों को टीकाकृत किया जाना है. जब संक्रमण का दौर अपने चरम पर था. तो लोगों के बीच जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने के कार्य में इन्होंने कोरोना वारियर्स की भूमिका निभाई. माना जा रहा है अब भी संक्रमण का खतरा स्वास्थ्य व आईसीडीएस से जुड़े कर्मियों को अधिक है. लिहाजा प्रथम चरण में उन्हें टीकाकृत किया जाएगा .
कर्मियों का डेटाबेस हो रहा तैयार, अपेक्षित सहयोग की जरूरत:
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम रेहान असरफ ने बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि प्रथम चरण में कोरोना का टीका सभी सरकारी व निजी चिकित्सा कर्मी को उपलब्ध कराया जायेगा. फिर चाहे वो इन संस्थानों के वाहन चालक हों, एंबुलेंस चालक हों या किसी भी तरह के सेवाओं से जुड़े हों. इसी तरह आईसीडीएस, सीडीपीओ कार्यालय सहित आंगनबाड़ी सेविका व सहायिकाओं को भी प्रथम चरण में टीकाकृत किये जाने की योजना है. इतना ही नहीं गांव में अपना निजी क्लिनिक का संचालन करने वाले प्रैक्टिशनर, आयुर्वेद, होमियोपैथ, युनानी पद्धति से उपचार करने वाले चिकित्सक तक को इसमें शामिल किया जाना है. इसलिये ऐसे चिकित्सा संस्थान का संचालन करने वालों को अपने यहां कार्यरत कर्मियों का डेटा उपलब्ध कराना जरूरी है. वैसे क्लिनिक जो क्लिनिकल स्टेबिलिसमेंट एक्ट के तहत निबंधित नहीं हैं. उन्हें भी अपने यहां कार्यरत कर्मियों का डेटा संबंधित लिंक पर अपलोड कराना जरूरी है. ताकि उन्हें टीकाकरण के दायरे में शामिल किया जा सके. टीकाकरण के दूसरे चरण में पंचायती राज के जनप्रतिनिधि व मंदिर के पुजारी, मसजिद के इमाम सहित अन्य धार्मिक संस्थानों के धर्म गुरूओं को टीकाकृत किये जाने की योजना है.बैठक में जिला वेक्टर बॉर्न डिजीज नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह, डीपीएम रेहान असरफ, अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ रेशमा रजा, पीएचसी प्रभारी डॉ राजीव कुमार बसाक, बीएचएम सईदुर्रजम्मा, डॉ मो अतहर, सेवानिवृत सिविल सर्जन डॉ हरिकिशोर सिंह, डॉ हलधर प्रसाद, डॉ शिला कुंवर, डॉ एमके अली, डॉ आरके राजहंस, बीएम केयर कौशल कुमार सिंह, डीटीएल केयर पर्णा चक्रवती बीटीओ पिरामल राजीव कुमार रंजन सहित अन्य मौजूद थे.