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पूर्णिया में आंगनबाड़ी सेविकाओं ने घर-घर जाकर मनाया अन्नप्राशन दिवस

  • छः माह के बच्चों को खीर खिलाकर की उसके सही पोषण की शुरुआत
  • महिलाओं को मिली अनुपूरक आहार की जानकारी
  • अन्नप्राशन के दौरान रखा गया कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान
  • डीपीओ द्वारा सभी सेविकाओं को समय पर बूस्टर डोज लेने का दिया गया है निर्देश

पूर्णिया(बिहार)जिले के सभी आंगनबाड़ी सेविकाओं द्वारा छः माह के बच्चों को खीर खिलाकर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया। कोविड संक्रमण को देखते हुए इस माह सेविकाओं द्वारा लाभार्थियों के घर-घर जाकर ही अन्नप्राशन दिवस का आयोजन किया गया। इस दौरान बच्चे के परिजनों को बच्चों के सही पोषण की जानकारी भी दी गई। उन्हें बताया गया कि सही पोषण के सेवन से ही शिशु शारीरिक व मानसिक रूप से स्वस्थ्य हो सकता है। इसलिए छः माह बाद शिशुओं को स्तनपान कराने के साथ साथ अतिरिक्त आहार भी दिया जाना चाहिए। इसके अलावा सेविकाओं द्वारा लोगों को कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने और समय पर दोनों डोज कोविड-19 टीकाकरण लगाने के लिए भी उत्साहित किया गया।

छः माह के बाद शिशुओं को स्तनपान के साथ ऊपरी आहार भी जरूरी :
आईसीडीएस की जिला कार्यक्रम पदाधिकारी राखी कुमारी ने बताया कि 6 माह बाद स्तनपान के साथ शिशुओं को अनुपूरक आहार भी दिया जाना जरूरी है। अन्नप्राशन दिवस के दौरान आंगनवाड़ी सेविकाओं द्वारा लोगों को इसकी जानकारी दी जाती है।

सेविकाओं द्वारा लोगों को बताया जाता है कि स्तनपान के अतिरिक्त दिन में 5 से 6 बार शिशु को सुपाच्य खाना देना चाहिए। शिशु को मल्टिंग आहार (अंकुरित साबुत आनाज या दाल को सुखाने के बाद पीसकर) दिया जाना चाहिए क्योंकि माल्टिंग से तैयार आहार से शिशुओं को अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है। न खाने की स्थिति में भी थोड़ी-थोड़ी ऊपरी आहार शिशु को दिन में कई बार देते रहना चाहिए जिससे कि उसे खाने की आदत लग सके। लोगों को इस तरह की जानकारी होने से ही शिशुओं का सही विकास हो सकता है। इसके लिए ही हर माह आंगनबाड़ी केंद्रों में अन्नप्राशन दिवस मनाया जाता है। अभी कोरोना संक्रमण को देखते हुए आंगनबाड़ी केंद्रों पर लोगों को एकत्रित न करते हुए सेविकाओं द्वारा घर-घर जाकर अन्नप्राशन दिवस मनाया गया और लोगों को पोषण की जानकारी दी गई।

महिलाओं को मिली शिशुओं के अनुपूरक आहार की जानकारी :
अन्नप्राशन के दौरान घर में उपस्थित महिलाओं को भी शिशुओं के लिए 6 माह के बाद के ऊपरी आहार की जरूरत के विषय में भी जानकारी दी गयी। पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया ने कहा सेविकाओं द्वारा लोगों को 6 माह से 9 माह के शिशु को दिन भर में 200 ग्राम सुपाच्य मसला हुआ खाना, 9 से 12 माह में 300 ग्राम मसला हुआ ठोस खाना, 12 से 24 माह में 500 ग्राम तक खाना खिलाने की जानकारी दी गई। इसके अलावा अभिभावकों को बच्चों के दैनिक आहार में हरी पत्तीदार सब्जी और पीले नारंगी फल को शामिल करने की सलाह दी गयी। जिससे कि शिशुओं में कुपोषण की सम्भावना न हो और वह स्वस्थ्य रह सके।

अन्नप्राशन के दौरान रखा गया कोविड प्रोटोकॉल का ध्यान :
पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि अन्नप्राशन दिवस के दौरान सभी सेविकाओं व सहायिकाओं द्वारा कोविड प्रोटोकॉल का पूरी तरह से पालन किया गया। लोगों ने मास्क का उपयोग करते हुए बच्चों का अन्नप्राशन मनाया। इसके साथ ही सेविकाओं ने लोगों को घर में भी नियमित हाथों की सफाई और मास्क का उपयोग करने की सलाह दी । सेविकाओं द्वारा लोगों को संक्रमण से सुरक्षित रहने के लिए समय पर दोनों डोज का टीका लगाने के लिए भी जागरूक किया गया। कहा कि कोविड का टीका लगाने से ही लोग संक्रमण से सुरक्षित रह सकते हैं। इसलिए सभी छूटे हुए लोगों को सेविकाओं द्वारा टीका लगाने का संदेश दिया गया।

डीपीओ द्वारा सभी सेविकाओं को समय पर बूस्टर डोज लेने का दिया गया है निर्देश :
आईसीडीएस डीपीओ राखी कुमारी ने सभी सेविकाओं को भी समय पर बूस्टर डोज लगाने का निर्देश जारी किया। उन्होंने कहा कि बूस्टर डोज से शरीर के रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास होता है। इसलिए सभी सेविकाओं को यह लगाना आवश्यक है। इसलिए सभी सेविकाएँ अपने नजदीकी टीकाकरण केंद्र में जल्द ही बूस्टर डोज लगाना सुनिश्चित करें।