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सुशासन की सरकार में बेलगाम अपराधियों ने पूर्णिया एक युवक को गोली मार मौत के घाट उतारा

अपराधियों ने थाना से पांच सौ मीटर की दूरी पर मारी गोली युवक की मौत
पूर्णिया(बिहार)पूर्णिया में बेलगाम अपराधियों ने थाना से महज 500 मीटर की दूरी पर एक युवक को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। घटना जिले केहाट थाना क्षेत्र के कॉलेज रोड की है। जहां अपराधियों ने कुख्यात अपराधी बिट्टू सिंह के करीबी नीरज झा पर अंधाधुंध दो गोली फायरिंग करदी।

जिससे उसकी घटना स्थल पर ही मौत हो गई। मृत युवक नीरज के पिता पुलिस विभाग में दारोगा पद पर कार्यरत थे, जिनकी पिछले दिनों ही मौत हो गई थी। घटना की सूचना मिलते ही थाने की पुलिस घटनास्थल पहुंचकर जांच में जुट गई। घटना के संबंधबताया जा रहा है कि नीरज झा सरसी निवासी बिट्टू सिंह का खासम खास आदमी था और उसी के काम की देखरेख करता था।

घटना के बाद जिला परिषद सदस्य अनुलिका सिंह अस्पताल पहुंची और आरोप लगाया कि मेरे पति रिंटू सिंह और बेनी सिंह के हत्यारे आशीष सिंह उर्फ अटिया ने ही नीरज झा की हत्या की है। अनुलिका सिंह ने बताया कि मंत्री लेशी सिंह का भतीजा आशीष सिंह उर्फ अटिया अब भी खुलेआम घूम रहा है। पुलिस उसे अब तक पकड़ नहीं पाई है। अगर पुलिस समय रहते उसे गिरफ्तार कर लेती तो आज नीरज की मौत नहीं होती। वहीं नीरज के जानने वाले बताते हैं कि पूर्णिया के सरसी थाना में पिछले दिनों रिंटू सिंह की हत्या को अंजाम देने वाले अपराधियों ने ही इस घटना को अंजाम दिया है। पुलिस जांच में जुट गई है।

अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर बिफरी जदयू विधायक

नीरज झा की हत्या के सूचना पर परिजनों को सांत्वना देने रुपौली की जदयू विधायक सह पूर्व मंत्री बीमा भारती पूर्णिया पहुंची थी। इस दौरान विधायक बीमा भारती ने अपनी ही सरकार के अधिकारियों पर जमकर भड़ास निकाली।

उन्होंने कहा कि इस तरह की वारदात सरकार को बदनाम करने की साजिश है। इसके लिए यहां मौजूद पुलिस प्रशासन के अधिकारी भी दोषी हैं। इस सरकार में अपराधियों को बख्शा नहीं जाता है। अगर परिजन अटिया सिंह की गिरफ्तारी नहीं होने के चलते यह हत्या होने की बात कह रहे हैं तो यह भी एक सवाल है। पुलिस अधिकारियों की यह नाकामी है कि अब तक अटिया सिंह फरार है। वे इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री से मिलेंगी और पूरी स्थिति की जानकारी देंगे। उन्होंने कहा कि एक साथ सभी अधिकारियों को बदलने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि सुशासन की सरकार में अपराध की छूट किसी को नहीं मिल सकती है। अगर अटिया की गिरफ्तारी में देरी हुई है तो निश्चित रुप से यह प्रशासन की सक्रियता पर बड़ा सवाल है।