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कोविड-19 संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने निर्देश

•शादी समारोह में 50 व अंतिम संस्कार के लिए मात्र 20 व्यक्तियों को शामिल होने की अनुमति

•कोरोना जांच में तेजी लाने के लिए आवश्यक कार्य को अविलंब पूरा किया जाए

•कोविड-19 से संबंधित आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध की जाएगी दण्डात्मक कार्रवाई

किशनगंज(बिहार)कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से देश ही नहीं बल्कि सभी राज्य बुरी तरह से प्रभावित हो रहे हैं। पिछले कुछ दिनों से कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या में इज़ाफ़ा हुआ है। वहीं राज्य सरकार द्वारा विगत 09 अप्रैल को विभागीय आदेश के माध्यम से 30 अप्रैल तक संक्रमण के फैलाव रोकने के लिए कई तरह की घोषणाएं की थी। एक बार पुनः राज्य में कोविड-19 के संक्रमण के प्रसार की जिलावार समीक्षा के बाद कोविड संक्रमण के मामलों को नियंत्रित करने एवं बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए लागू किया गया हैं। मुख्य रूप से 29 अप्रैल से सभी तरह की दुकानें शाम 6 बजे की बजाय 4 बजे ही बन्द होंगी।

शादी समारोह में 50 तो अंतिम संस्कार के लिए मात्र 20 व्यक्तियों को शामिल होने की दी गई हैं अनुमति: 

जिला प्रशासन द्वारा हाट व बाजारों में भ्रमण करना होगा ताकि भीड़ नहीं हो। इसके लिए आवश्यकतानुसार मोहल्लावार दुकानों को एक दिन के अंतराल पर खोलने का आदेश दिया गया हैं। ज़्यादा आवश्यकता होने की स्थिति में  जिला प्रशासन द्वारा भीड़-भाड़ की जगह वाली सब्जी मंडियों पर भी रोक लगाते हुए उन्हें खुले जगह में स्थानान्तरित करने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश के बाद उचित कार्रवाई की जा सकती है। वहीं रात्रि कर्फ्यू शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू किया गया है।
विवाह समारोह के लिए रात्रि कर्फ्यू रात्रि 10 बजे से प्रभावी होगी। शादी समारोह के दौरान डीजे साउंड का उपयोग पूरी तरह प्रतिबंधित किया गया है। शादी समारोह के लिए 50 व्यक्तियों एवं अंतिम संस्कार के लिए मात्र 20 व्यक्तियों को शामिल किया गया है। वहीं इस अवधि के दौरान सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों में 25 प्रतिशत उपस्थिति के साथ कार्य करना सुनिश्चित करना होगा। तो दूसरी तरफ सभी कर्मियों (सरकारी एवं गैर सरकारी सेवक) को घर से काम (वॉर्क फ्रॉम होम) करने के लिए प्रेरित किया जाएगा। इसके साथ ही सभी सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालय शाम के 4 बजे ही पूर्णरूप से बन्द करना होगा।

आवश्यकता अनुसार गठित किया जाएगा कंटेनमेन्ट जोन:

भारत सरकार द्वारा दिए गए सलाह के आलोक में राज्य के सभी जिलाधिकारी के द्वारा जिले के अंदर आवश्यकता के अनुसार कंटेनमेंट जोन्स गठित करना होगा और उपर्युक्त प्रतिबंधों के अतिरिक्त प्रतिबंध जैसे- फ़ल, सब्जी, मांस, मछली, किराना एवं दवा की दुकानों तथा अन्य आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी दुकानों को बंद करने आदि के लिए सक्षम होंगे। इसके अलावा आगे की कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग एवं जिला प्रशासन को करना होगा। राज्य सरकार कोरोना संक्रमण से मरे हुए सभी व्यक्तियों (इसमें कोविड टेस्ट में निगेटिव परन्तु कोविड के लक्षण वाले मरीज भी सम्मिलित होंगे) का अंतिम संस्कार अपने खर्च पर कराएगी। इसके लिए नगर विकास एवं ग्रामीण विकास विभाग के द्वारा नगर निकाय एवं प्रखण्ड विकास पदाधिकारी को अधिकृत कर आवश्कतानुसार राशि का आवंटन किया जाएगा। 

लाउडस्पीकर के माध्यम से किया जा रहा प्रचार प्रसार:

कंटेन्मेंट जोन में लाउडस्पीकर के माध्यम से प्रचार कराते समय अन्य बातों के अलावा कोरोना संक्रमण की स्थानीय स्थिति को भी बताया जाएगा ताकि प्रचार का अच्छा प्रभाव पड़े। तीन लाख सक्रिय कोविड मरीज मानते हुए सभी प्रकार की आधारभूत संरचनाओं जैसे- बेड, पाईपऑक्सीजन, वेंटीलेटर, ऑक्सीजन कंसट्रेटर आदि की तैयारी सुनिश्चित की जाएगी। लगभग 3 लाख सक्रिय कोविड मरीजों के लिए आवश्यक मानव बल जैसे- चिकित्सक (एलोपैथिक, आयुष, यूनानी, डेंटिस्ट चिकित्सक सहित), लैब टेक्नीसियन, नर्स, पारा मेडिकल स्टाफ एव एनेस्थेटिस्ट के अस्थायी पदों का सृजन कर वाक-इन-इन्टरव्यू के माध्यम से न्यूनतम एक वर्ष के लिए संविदा पर नियुक्ति की जाएगी। इन नियुक्त निजी व्यक्तियों को संविदा कर्मियों की भांति एक साल के सरकारी अनुभव वालें कर्मियों को वरीयता के आधार पर छूट दी जाएगी। वहीं सभी तरह के सेवानिवृत्त चिकित्सकों, एलोपैथिक, आयुष, डेंटिस्ट को भी काम पर उपर्युक्त आवश्यकता के अनुसार लगाया जाएगा।

रिपोर्ट निगेटिव होने पर भी करना होगा इलाज:

कोविड के लक्षण वाले रोगी (भले ही कोविड टेस्ट में निगेटिव हों) को भी अस्पताल में भर्ती कर उनका ईलाज कराया जाना सुनिश्चित किया जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी आदेशों का अक्षरसः अनुपालन कराया जाए। विभिन्न अस्पतालों के भेंटीलेटर को चालू किया जाए। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग एवं राज्य के सभी जिलाधिकारियों को आवश्यक रूप से कार्रवाई करने के लिए आदेश दिए गए है। वहीं जिला पदाधिकारी को स्थानीय व्यवस्था के अंतर्गत आवश्यकतानुसार निजी क्षेत्र के सहयोग से भेंटीलेटर्स को चलाने के लिए अधिकृत किया जाए। कोरोना जांच की संख्या बढ़ाने के साथ ही आरटीपीसीआर जांच के लिए आवश्यकतानुसार मशीन की खरीददारी एवं कर्मियों की कमी को दूर करते हुए इसे अविलंब शुरू किया जाए।

कोविड-19 से संबंधित आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध की जाएगी दण्डात्मक कार्रवाई:

जिला मुख्यालय स्तर पर कार्यरत हेल्पलाइन नम्बरों को पहले से और संवेदनशील, सुदृढ एवं उत्तरदायी बनाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए की आम लोगों की शिकायतों एवं सुझावों का शीघ्र निराकरण हो रहा हैं कि नही। स्वास्थ्य विभाग में कुछ ऐसी व्यवस्था किया जाए जिससे सभी जिलाधिकारियों से स्वास्थ्य से संबंधित सभी प्रकार के अद्यतन आंकड़े एवं सुझाव हर 2 दिन पर विभाग को मिल जाए। इन आंकड़ों के आधार पर यदि आवश्यक हो तो विभागीय समीक्षा करने के बाद आवश्यक निर्णय लिया जा सकता हैं। निजी अस्पताल, जो केवल कोरोना मरीजों के इलाज में लगे हुए हैं उनकी समस्या के निराकरण के लिए संस्थागत व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग बना ले और इसके माध्यम से नियमित बैठक कर समस्यों का निराकरण करे। कोविड-19 से संबंधित आदेशों का उल्लंघन करने वाले के विरुद्ध आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 की धारा 51 60 एवं भा.द.वि. की धारा 188 के प्रावधानों के अंतर्गत दण्डात्मक कार्रवाई की जा सकती हैं।