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मानसून कमजोर होने से सीवान में धान सहित खरीफ फसल की खेती प्रभावित

सीवान में अभीतक मात्र 1307 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई

सीवान(बिहार)जिले में धान समेत अन्य खरीफ फसलों की खेती समय पर अच्छी बारिश नहीं होने के कारण ठीक ढंग से शुरुआत नहीं हो सकी। इससे किसानों के चेहरे पर चिंता की लकीर खींच गई है। हालांकि अभी भी मानसून की बारिस जुलाई माह में ठीक ठाक रहा तो किसान पिछड़ी हुई खरीफ फसल की खेती का भरपाई करने में सफल हो जाएंगे। जून माह में समय पर मानसून इस जिले में प्रवेश कर गया, लेकिन उम्मीद के अनुरूप बारिश नहीं हो सकी। इससे किसान धान का बिचड़ा डालने में पिछड़ गए।

भगवानपुर हाट में धान की खेती में लगे किसान

जिले में जून माह में 143.60 एमएम बारिश की जरूरत थी लेकिन जून माह में मात्र 104. 32 एमएम ही बारिश हो सकी है। इस तरह 27. 35 फीसदी बारिश कम हुई है। इस समय भी 55 फ़ीसदी बारिश जून माह के अंतिम सप्ताह में हुआ है। जून के तीसरे सप्ताह तक 48 एमएम बारिश हो सकी थी। जबकि मानसून जून माह के शुरुआती दौर से ही बारिश की जरूरत थी। बारिश समय पर नहीं होने की वजह से किसान धान का बिचड़ा नहीं डाल सके। कई किसान जो संपन्न है वे मशीन से 350 रुपए प्रति घंटे पानी खरीद कर धान का बिचड़ा डाल सके।

लेकिन डाले गए बिछड़ा भी सूखने के कगार पर आ गया था। इस वजह से बड़ी संख्या में किसानों ने धान का बीज डालने से परहेज करने लगे थे, लेकिन जून माह के अंतिम सप्ताह में अच्छी बारिश होने से किसानों ने शत-प्रतिशत धान का बिचड़ा डालने में सफल हो गए हैं। जिले में 9071 हेक्टेयर क्षेत्र में धान का बिचड़ा डाला गया है। जबकि अभीतक मात्र 1360 हेक्टेयर धान की खेती हुई है। इधर किसानों द्वारा लेट से धान का बिचड़ा डालने से धान का बिचड़ा तैयार नहीं हो सका है। कारण कि धान का बिचड़ा डालने के 21 दिनों बाद वह रोपनी लायक होता है। इस तरह धान के रोपनी काफी कम खेतों में हुई है। अभी मात्र 1.5 प्रतिशत ही धान की रोपनी हुआ है।

सीवान में अभीतक मात्र 1307 हेक्टेयर भूमि में धान की खेती हुई
जिले में 90714 हेक्टेयर खेत में धान की रोपनी करने का लक्ष्य निर्धारित किया है, लेकिन अभी तक मात्र 1307 हेक्टेयर क्षेत्रों में ही धान की रोपनी हो सकी है। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अब बारिश अच्छी हो रही है। इसलिए धान का बिचड़ा 10 से 15 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाएगा और धान की रोपनी रफ्तार तेज होगा।