Home

किशनगंज जिले में कम हुआ है संक्रमण दर पूरी तरह से टला नहीं है

थोड़ी सी भी लापरवाही पर सकती है भारी
जिले की रिकवरी रेट 87.5 हुई
सामुदायिक स्तर पर कोरना जाँच को बढ़ावा

किशनगंज(बिहार)जिला में संक्रमण की स्थिति में काफी सुधार आ रहा है । जिससे जिला प्रशासन एवं स्वास्थ्य विभाग ने चैन की सांस ली है। जिले में रविवार को 48 संक्रमित व्यक्ति पाए गये है । कोविड-19 के फैलाव की रोकथाम के लिए संक्रमण के प्रसारण को रोकना बेहद जरूरी है, जिसमें मास्क, सामाजिक दूरी एवं स्वच्छता अभी तक सबसे प्रभावी हथियार साबित हुए हैं। जिले में लोगों के कोरोना संक्रमित होने की तुलना में अच्छी खासी संख्या में लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से लडाई जीतकर स्वस्थ भी हो रहे हैं। जिले के सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि जिले में कुल 48 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए हैं जिसमें 33 पुरुष और 18 महिलाएं हैं। जिले के विभिन्न आइसोलेशन सेंटर में 61 एवं होम आइसोलेशन में रविवार तक कुल 1069 मरीज भर्ती हुए। उन्होंने बताया कि जिले में शनिवार तक कोरोना जांच के लिए कुल 463786 लोगों का सैम्पल लिया गया है। जिसमें से अभी कुल 9237 व्यक्ति संक्रमित पाए गये है। वही 8084 व्यक्ति संक्रमण से लड़कर ठीक भी हुए है । जिले संक्रमण का पॉजिटिव रेट 2.0 एवं 12.2 % एक्टिव केस है । वही जिले की रिकवरी रेट 87.5 है। जिले में 18 – 44 वर्ष के कुल 843422 लक्ष्य के आलोक में 13875 युवा ने टीका लिया है । युवा लोग टीका लेने में उत्साह भी दिखा रहे हैं। वही 98644व्यक्ति ने टीका का प्रथम डोज एवं 28510 व्यक्ति दूसरा डोज ले चुके है लेकिन कई लोग कोरोना टीका का पहला डोज ले लेने के बाद दूसरा डोज समय पर नहीं ले रहे हैं। या कुछ लोग इसकी अनदेखी कर रहे हैं। ऐसा नहीं करें। इस तरह की लापरवाही ठीक नहीं है।

संक्रमण अभी पूरी तरह से टला नहीं है, थोड़ी सी भी लापरवाही पर सकती है भारी:
सिविल सर्जन डॉ श्री नंदन ने बताया पिछले करीब एक सप्ताह से जिले में कोरोना संक्रमण की रफ्तार काफी कम हुई है। ऐसा प्रशासन की सक्रियता व लगातार हो रही मौतों से भयभीत हुए लोगों में आई जागरूकता के कारण संभव हो सका है। किंतु अभी पूरी तरह से यह टला नहीं है और थोड़ी सी भी लापरवाही एक बार फिर कोरोना संक्रमण को रफ्तार पकड़ने से नहीं रोक सकती है। घटते-बढ़ते संक्रमितों से सतर्क किया जा रहा है, जो लोग इसकी चपेट में नहीं आए हैं। वजह यह कि जो संक्रमित नहीं हुए हैं उनके संक्रमित होने की संभावना अभी पूरी तरह खत्म नहीं हुई है। जो संक्रमित होकर स्वस्थ्य हुए हैं, उनके लिए दोबारा संक्रमित होने की संभावना बरकरार है। जरूरत है सरकार और स्वास्थ्य विभाग की ओर से जारी गाइडलाइन का पालन करने की।कहा ऐसे में शहर में तभी निकलें जब बेहद जरूरी काम हो या फिर नौकरी-पेशा हैं और दफ्तर जाना जरूरी है। बेवजह भीड़ का हिस्सा बनना, परिवार व समाज के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है।भीड़ में इस बात का अंदाजा लगा पाना कि कौन कोरोना संक्रमित है और कौन स्वस्थ यह मुमकिन नहीं है।सावधानी है सबसे सरल उपाय है।क्योंकि कोरोना संक्रमण अदृश्य है। बताया कोरोना से बचाव के लिए टीकाकरण ज़रूर कराएं।
सामुदायिक स्तर पर कोरोना जाँच को बढ़ावा:
सिविल सर्जन डॉ. श्री नंदन ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर अब धीरे-धीरे शहर के साथ गाँवों में भी पहुंचने लगी है। इसको ध्यान में रखते हुए एडवाइजरी में सामुदायिक स्तर पर कोरोना की जाँच को बढ़ावा देने की बात कही गयी है। क्षेत्र में प्रवेश कर रहे लोगों की रैपिड एंटीजन टेस्ट किट से कोरोना की जाँच करने को अनिवार्य कहा गया है। क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं जैसे आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को रैपिड एंटीजन टेस्ट करने के लिए प्रशिक्षित करने की सलाह दी गयी है।साथ ही आशा, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को संक्रमित व्यक्तियों पर निगरानी रखने के लिए सभी को ऑक्सीमीटर प्रदान करने की भी बात कही गयी है। इसके लिए जाँच या निगरानी में जुटे सभी स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को एक प्रमाणित एन95 मास्क देने की सलाह दी गयी है।

ऐसे रोकें संक्रमण का प्रसार:
• एक साथ 2 मास्क का प्रयोग करें
• आंतरिक स्थानों पर वायु संचार सुनिश्चित करें
• दूरी बनायें रखने की संभव प्रयास करें
• साबुन से नियमित हाथ साफ़ करते रहें
• कोविड मरीजों को अलग कमरे में रखें
• सतहों को नियमित रूप से कीटाणुनाशकों से नियमित रूप से साफ़ करें