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बाहरी राज्यों से लौटने वाले प्रवासियों पर है स्वास्थ्य विभाग की पैनी नजर

प्रवासियों की सूची हर दिन पीएचसी को उपलब्ध करायेंगी आशा कार्यकर्ता
संक्रमण की दूसरी लहर को रोकने के प्रयासों में मुस्तैदी के साथ जुटा स्वास्थ्य विभाग

अररिया(बिहार)कोरोना संक्रमण के संभावित दूसरी लहर को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह चौकस व चौकन्ना है। बीते चार दिनों में जिले के अलग-अलग हिस्सों से कोरोना संक्रमण के सात नये मामले सामने आ चुके हैं।इस दौरान एक बुजुर्ग महिला की मौत के बाद विभाग लगातार अपनी तैयारियों की समीक्षा कर रहा है। साथ ही एक कारगर रणनीति के तहत संक्रमण के प्रसार संबंधी खतरों को नियंत्रित करने के लिये प्रयासरत है। अलग बात है कि सोमवार को संक्रमण का कोई नया मामला नहीं मिला। बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग अपने पूर्व के अनुभवों के आधार पर संक्रमण से जुड़ी नयी चुनौतियों से सख्ती पूर्वक निपटने की तैयारी में जुटा है। पूर्व में देश भर में लॉकडाउन लगाये जाने तक जिले में कोरोना के गिने-चुने मामले ही थे।बाद में बाहरी राज्यों में रहने वाले प्रवासियों की घर वापसी का सिलसिला शुरू होते ही जिले में संक्रमण के मामलों में अप्रत्याशित वृद्धि दर्ज की गयी। लिहाजा इस बार स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से किसी तरह की चूक न हो इसके लिये पूरी मुस्तैदी से जुटा है।

बाहरी राज्यों से लौटे लोगों की जांच प्राथमिकता:
होली व रमजान जैसे त्योहार में घर लौट रहे लोगों पर स्वास्थ्य विभाग की नजर है। ग्रामीण इलाकों में आशा कार्यकर्ताओं को इसे लेकर खासतौर पर निर्देशित किया गया है।ताकि संक्रमण की पुष्टि होने पर तत्काल उनके संपर्क में आने वाले लोगों को चिह्नित किया जा सके।वहीं संक्रमण के प्रसार को रोकने के लिये त्वरित कार्रवाई सुनिश्चित करायी जा सके। सिविल सर्जन डॉ एमपी गुप्ता के मुताबिक इसके लिये लगातार आशा व विभिन्न मीडिया माध्यमों से लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिये सभी पीएचसी के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी को जरूरी आदेश जारी किया गया है।उन्हें आशा कार्यकर्ताओं की मदद से प्रत्येक दिन एक रिपोर्ट तैयार करने को कहा गया है कि उनके क्षेत्र में कितने प्रवासियों का आगमन हुआ है।इससे उन्हें चिह्नित कर उनकी जांच सुनिश्चित कराने में मदद मिलेगी।

जांच की संख्या बढ़ाने पर जोर:
सिविल सर्जन ने कोरोना जांच की संख्या बढ़ाये जाने पर विशेष जोर देने की बात कही।उन्होंने कहा अधिकारियों को इसके लिये निर्देशित किया गया है। ट्रूनेट व आरटीपीसीआर जांच की संख्या बढ़ाने की कवायद की जा रही है।उन्होंने कहा पेंशनर समाज व बुजुर्ग व्यक्तियों से टीका लगाने की लगातार अपील की जा रही है। बुजुर्ग व कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्युनिटी ) वाले लोग ही अब तक संक्रमण से ज्यादा प्रभावी रहे हैं।ऐसे में कोरोना की संभावित दूसरी लहर से उनके बचाव के लिये कोरोना का दोनों टीका लगाया जाना अनिवार्य है। 28 से 42 दिनों के अंदर टीका का दूसरा डोज जरूरी है।सभी रेलवे स्टेशन व बस स्टॉप पर जांच की व्यवस्था सुनिश्चित कराने का प्रयास किया जा रहा है।सिविल सर्जन ने तीन प्रचार वाहनों की मदद से कोरोना के प्रति लोगों को जागरूक करने के प्रयास किये जाने की जानकारी दी।

कोविड कंट्रोल रूम का हो रहा संचालन:
डीपीएम रेहान अशरफ के मुताबिक संक्रमित व्यक्ति से स्वास्थ्य विभाग की टीम लगातार संपर्क बनाये हुए है।क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता व स्वास्थ्य विभाग की टीम के माध्यम से उनकी सेहत का ख्याल रखा जा रहा है। कोरोना मरीजों को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान करने के लिये जिले में कोविड केयर सेंटर डाइट सेंटर फारबिसगंज पूर्व से संचालित है। इसके साथ ही फारबिसगंज एएनएम प्रशिक्षण केंद्र में जिला कोविड केयर सेंटर पूर्व से संचालित है।जहां तमाम तरह की जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं।इसके अलावा कोरोना संक्रमण के प्रसार को नियंत्रित करने व रोग से जुड़े किसी तरह के जरूरी सुझाव व परामर्श के लिये जिला नियंत्रण कक्ष का संचालन के साथ-साथ अन्य जरूरी सुझाव प्राप्त किया जा सकता है।ये 24 घंटे नियमित रूप से संचालित किया जा रहा है।