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जिले की सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को दिया गया मोबाईल फोन

  • अब ऑनलाइन होगी पोषण सम्बंधित सभी गतिविधियां
  • बच्चों को सुपोषित करने के लिए आईसीडीएस की नई पहल

पूर्णिया(बिहार)कुपोषित बच्चों को सुपोषित करने और सभी गतिविधियों की जानकारी ऑनलाइन माध्यम से आईसीडीएस कार्यालय में आसानी से उपलब्ध कराने के लिए जिले की सभी महिला पर्यवेक्षिकाओं को मोबाईल फोन का वितरण किया गया है. अब फोन के माध्यम से सभी पर्यवेक्षिकाओं को अपने क्षेत्र के सभी शिशुओं के स्वास्थ्य की जानकारी ऑनलाइन द्वारा आईसीडीएस कार्यालय में उपलब्ध कराई जाएगी. राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया व परियोजना सहायक सुधांशु कुमार द्वारा सभी पर्यवेक्षिकाओं को आईसीडीएस के जिला कार्यालय में मोबाईल फोन देते हुए उसके उपयोग सम्बंधित जानकारी दी गई.

ऑनलाइन भेजी जाएगी शिशुओं की स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी :
राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया ने बताया पहले पर्यवेक्षिकाओं द्वारा क्षेत्र के सभी शिशुओं के स्वास्थ्य सम्बंधित जानकारी रजिस्टर में भर कर भेजी जाती थी, पर अब मोबाईल फोन के मिल जाने से वह सभी जानकारी ऑनलाइन ही भेजी जाएगी. इसके माध्यम से महिला पर्यवेक्षिकाओं के गृह भ्रमण, आंगनवाड़ी केंद्र की निरक्षण, प्रतिमाह होने वाले अन्नप्राशन, गोदभराई दिवस की जानकारी, वीएचएसएनडी के सभी क्रियाकलापों सम्बंधित जानकारी सब सीधा आईसीडीएस कार्यालय को उपलब्ध हो सकेगा.

शिशुओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मिलेगी मदद :
पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया महिला पर्यवेक्षिकाओं द्वारा सभी क्रियाकलापों की ऑनलाइन एंट्री सीधे आईसीडीएस कार्यालय के उपलब्ध हो सकेगी. इसके साथ ही शिशुओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए आईसीडीएस द्वारा सभी प्रकार की नई योजनाओं की जानकारी भी महिला पर्यवेक्षिका तक आसानी से उपलब्ध हो सकेगी. मोबाईल में आईसीडीएस कैस एप्पलीकेशन द्वारा महिला पर्यवेक्षिकाऐं क्षेत्र में हुए नवजात शिशुओं के जन्म, आंगनवाड़ी केंद्र में मिल रही योजनाओं का लाभ, शिशुओं के पोषण स्तर की जानकारी आदि की जानकारी देंगी.

सही पोषण से स्वास्थ हो सकेंगे बच्चे :
सुधांशु कुमार ने बताया बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए उन्हें सही पोषण का दिया जाना बहुत जरुरी है. शिशुओं को जन्म के बाद छः माह तक केवल स्तनपान कराया जाना चाहिए, लेकिन छः माह बाद उन्हें स्तनपान के साथ ऊपरी पौष्टिक आहार का मिलना भी जरुरी है. इसके लिए आंगनवाड़ी केंद्रों पर विभिन्न प्रकार की गतिविधियां चलाई जाती है, जिससे शिशुओं को सही पोषण मिल सके और उनका स्वास्थ्य बेहतर बन सके. समय के साथ शिशुओं को सही पोषण न मिलने की स्थिति में वह कुपोषण का शिकार हो जाता है. ऐसे में बच्चे को जिला में स्थित पोषण पुनर्वास केंद्र भेजना चाहिए, जहां प्रशिक्षित स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा जांच कर व सही पोषण उपलब्ध कराते हुए उन्हें सुपोषित किया जा सकता है.