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तंबाकू सेवन के कारण भारत में 13 लाख से अधिक होते हैं मौत के शिकार : झा

प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर तंबाकू उत्पाद पर रोक लगाने की मांग

हाजीपुर(वैशाली)तंबाकू उत्पादों पर लगाम लगाने के लिए सीड्स और विभिन्न सामाजिक संस्थाओं ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को एक पत्र लिखा है।जिसमें खासतौर पर युवाओं और अवयस्कों की चिंता करते हुए पूरे देश में पान मसाला,गुटखा और चबाने वाले सुगन्धित तम्बाकू उत्पाद बनाने वाले उद्योगों पर पूर्ण प्रतिबन्ध लगाये जाने की मांग की है।

सीड्स के मनोज कुमार झा ने बताया कि तम्बाकू उपयोग के कारण हर साल विश्व स्तर पर लगभग 80 लाख लोग और भारत में 13.5 लाख से अधिक भारतीयों की मृत्यु होती है।ग्लोबल एडल्ट टोबैको सर्वे रिपोर्ट 2017 (गेट्स- 2) के अनुसार भारत में लगभग 27 करोड़ लोग तंबाकू का उपयोग कर रहे हैं।जिनमें 20 करोड़ सुगन्धित तम्बाकू,गुटखा और पान मसाला सहित चबाने वाले तंबाकू उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं।तम्बाकू सेवन देश की उत्पादकता और अर्थव्यवस्था के लिए बहुत बड़ी चुनौती है।

कैंसर विषेशज्ञों के मुताबिक लगभग 90 प्रतिशत मुँह का कैंसर तम्बाकू सेवन करने वाले व्यक्तियों में होता है।मनोज झा ने बताया कि पान मसाला उद्योग भोले-भाले उपभोक्ताओं खासतौर पर युवाओं और अवयस्कों को लुभाने के लिए सिनेमा जगत के सितारों के माध्यम से व्यापक रूप से अपने उत्पाद की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए विज्ञापन कर रहे हैं।

इस तरह के विज्ञापन जो न केवल उपभोक्ताओं को जानलेवा उत्पाद के लिए उनके पैसे लूट रहे हैं बल्कि उनके स्वास्थ्य को भी नुकसान पहुंचा सकते हैं।ऐसे भ्रामक विज्ञापनों पर अविलंब प्रतिबन्ध लगाने की आवश्यकता है।उन्होंने बताया कि विगत वर्षों में बिहार ने पान मसाला के विभिन्न ब्राण्डों के नमूनों की जाँच करवायी थी।जिसमें मैग्नीशियम कार्बोनेट और निकोटिन की मात्रा पाई गई थी जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक रसायन है।बिहार व झारखंड सरकारों ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर उक्त पान मसाला ब्राण्डों को प्रतिबंधित करने का आग्रह करते हुए अपने प्रदेश में इसे प्रतिबंधित कर दिया था।