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भारतीय ज्ञान परम्परा को पुनर्जीवित तथा पुनर्स्थापित करने की जरूरत-महेंद्र कुमार

मोतिहारी(बिहार)महात्मा गांधी केन्द्रीय विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग द्वारा ई-ज्ञान सीरीज का द्वितीय संस्करण आज मंगलवार को शुरू हुआ। जिसका आभासी संवाद कार्यक्रम का उद्घाटन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो० संजीव कुमार शर्मा ने किया । अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में प्रो. शर्मा ने कहा कि आज पूरा विश्व कोविड जैसे महामारी से गुजर रहा हैं। इसके लिए हमें सतर्क रहना होगा और सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों का कड़ाई से पालन करना चाहिए। महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय कोविड के समय में भी ज्ञान की धारा को बनाएं हुए है, जो अत्यंत सराहनीय हैं।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री महेंद्र कुमार जी (राष्ट्रीय संगठन मंत्री उच्च शिक्षा संवर्ग, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ) थे। बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परम्परा को पुनर्जीवित तथा पुनर्स्थापित करने की आवश्यकता हैं। भारत की प्राचीन ज्ञान परम्परा के साथ व्यावसायिक गतिविधियां भी बहुत समृद्ध रहीं। लेकिन बाद में विदेशी आक्रांताओं ने उसे तहस-नहस किया। आज नई शिक्षा नीति के माध्यम से भारत की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा जिसमें हम सभी विशेषकर उच्च शिक्षा से जुड़े लोगों को अपना योगदान देना होगा। देश के विकास में अच्छी शिक्षा व्यवस्था अत्यंत महत्वपूर्ण हैं।

वहीं मुख्य वक्ता मुम्बई विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग की अध्यक्षा प्रो० के० ठक्कर ने वस्तु एवं सेवा कर की उत्पत्ति, आवश्यकता, इसके लिए संविधान में किये गए संशोधन, जी०एस०टी० काउंसिल के बारे में विस्तार से बताया। जी०एस०टी० से जुड़े हुए उच्चत्तर नियमों (एडवांस रूलिंग ऑफ़ जी०एस०टी०) के बारे में विभिन्न उदाहरणों, व्यावसायिक एवं न्यायिक मामलों(केसों) के आधार पर समझाने का प्रयास किया। जो छात्रों, शोधछात्रों, कर संग्रहकों, व्यवसायी वर्गों के लिए भी लाभान्वित करने वाला रहा। विभाग के अध्यक्ष प्रो० त्रिलोचन शर्मा ने जी०एस०टी० के प्रमुख बिंदुओं से अवगत कराया तथा विषय पर संक्षिप्त प्रकाश डाला । कार्यक्रम का संचालन वाणिज्य विभाग के सह-आचार्य डॉ०शिवेंन्द्र ने किया।कार्यक्रम में धन्यवाद ज्ञापन वाणिज्य विभाग के सह-आचार्य डॉ० रवीश चंद्र वर्मा ने किया। इस कार्यक्रम में वाणिज्य विभाग के प्रो०शिरीष मिश्र,डॉ०सुब्रत राय, डॉ० सुमिता सिंकू, श्री अवनीश कुमार उपस्थित रहें । कार्यक्रम के सह-संयोजक के रूप में डॉ० परमात्मा कुमार मिश्र, डॉ०अनुपम कुमार वर्मा, डॉ० श्रीधर सत्यकाम, डॉ०रश्मि श्रीवास्तव उपस्थित रहें । कार्यक्रम से विश्वविद्यालय के प्रबंध संकाय के डीन प्रो. पवनेश कुमार, शिक्षा संकाय के डीन प्रो. आशीष श्रीवास्तव एवं विभिन्न विभागों के शिक्षक जुड़े रहें। कार्यक्रम का आयोजन गूगल मिट तथा फेसबुक पर ऑनलाइन माध्यम से किया गया। कार्यक्रम में 07 से अधिक राज्यों के सैकड़ों प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया । इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के शोध छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहें ।