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कोविड-19 की संभावित लहर से लड़ने में सहायक होगा ऑक्सीजन प्लांट

कोविड-19 की संभावित तीसरी लहर से लड़ने में सहायक होगा ऑक्सीजन प्लांट, तीनों ऑक्सीजन प्लांट में किया गया मॉक ड्रिल:

ऑक्सीजन प्लांट की अद्दतन स्थिति को देखने के लिए किया गया मॉक ड्रिल: आरपीएम
किसी गंभीर मरीज को 20 मिनट के अंदर ऑक्सीजन उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता: अधीक्षक

पूर्णिया बिहार
ज़िला मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के लग जाने से ज़िलें के मरीजों को इसका लाभ मिलेगा। यह कोरोना की संभावित तीसरी लहर की रोकथाम में और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए मिल का पत्थर साबित होगा। कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर अभी हमें और सावधान रहने और कोविड-19 के नियमों का अनुपालन करने की जरूरत है। यह ऑक्सीजन प्लांट एक सौगात है जो वैश्विक महामारी की तीसरी लहर से लड़ने में काफी मददगार साबित होने वाली है। जहां कोरोना की पहली लहर में मास्क व सैनिटाइजर को लेकर हमलोग जागरूक थे तो वहीं दूसरी लहर में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित करने का कार्य किया गया था। ऑक्सीजन प्लांट से सभी अस्पतालों के विभिन्न बेडों पर ऑक्सीजन की आपूर्ति पाइप लाइन से की गई है ताकि समय से सभी मरीजों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा सके। राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट के मॉक ड्रिल के समय क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा, मेडिकल कॉलेज के अधीक्षक डॉ विजय कुमार, अस्पताल प्रबंधक सिंपी कुमारी सहित कई अन्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

ऑक्सीजन प्लांट की अद्दतन स्थिति को देखने के लिए किया गया मॉक ड्रिल: आरपीएम
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कोविड-19 की तीसरी लहर को देखते हुए ज़िलें के किसी भी मरीजी को ऑक्सीजन की समस्या से निजात दिलाने के लिए ज़िले में तीन ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गई हैं। जिसमें जिला मुख्यालय स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल, अनुमंडलीय अस्पताल बनमनखी एवं धमदाहा में आज मॉक ड्रिल किया गया। ताकि यह पता चल सके कि नवनिर्मित ऑक्सीजन प्लांट की अद्दतन स्थिति कैसी है। सदर अस्पताल परिसर स्थित ट्रॉमा सेंटर के समीप बनाये गए ऑक्सीजन प्लांट 100% सही है। जबकि 4.3% प्रेशर भी है जो प्लांट के उपयुक्त है। कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर में संक्रमण वायरस से प्रभावित बहुत से लोगों को ऑक्सीजन की समस्या से जूझना पड़ा था। इसी के मद्देनजर केंद्र सरकार द्वारा प्रधानमंत्री केयर फण्ड से राज्य के विभिन्न जिलों के अस्पतालों में ही ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण कराया गया है। क्योंकि भविष्य में लोगों को कोविड-19 संक्रमण से या अन्य किसी भी तरह की संक्रमण से लड़ने के लिए ऑक्सीजन की समस्या से नहीं जूझना पड़ेगा।

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किसी गंभीर मरीज को 20 मिनट के अंदर ऑक्सीजन उपलब्ध कराना पहली प्राथमिकता: अधीक्षक
राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय एवं अस्पताल के अधीक्षक डॉ विजय कुमार ने बताया पूर्णिया सदर अस्पताल परिसर स्थित मेडिकल कॉलेज में बनाये गए ऑक्सीजन प्लांट का मॉक ड्रिल किया गया। पीएम केयर फण्ड द्वारा जिला में तीन पीएसए ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का निर्माण किया गया है। जिसमें 1000 यूनिट प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करने वाला एक सदर अस्पताल पूर्णिया में स्थित है। जबकि दूसरा ऑक्सीजन जेनरेशन प्लांट बनमनखी में बनाया गया है जो 500 यूनिट प्रति मिनट ऑक्सीजन उत्पादन करेगा। वहीं तीसरे ऑक्सीजन प्लांट का निर्माण धमदाहा में किया गया है। जिसकी क्षमता 200 यूनिट प्रति मिनट की है। अगर किसी गंभीर मरीज को 20 मिनट के अंदर ऑक्सीजन उपलब्ध नहीं कराया जाता है तो उस मरीज की मौत हो सकती है। इसलिए पीएसए जैसे: कैप्टिव प्लांट अस्पताल में रहना बहुत जरूरी होता हैं। केंद्र सरकार द्वारा सभी सरकारी अस्पतालों में 551 पीएसए ऑक्सीजन प्लांट की स्थापना की गई है। इस तरह का प्लांट काफी किफायती भी माना जाते है। ऐसे प्लांट सरकारी या निजी अस्पतालों में आसानी से लगाए जा सकते हैं।