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लॉकडाउन होने से मुसहर टोली में आधे पेट भोजन कर जीवन जीने को मजबूर हुए लोग

भगवानपुर हाट(सीवान)प्रखंड क्षेत्र के कौड़िया पंचायत के खैरवा मुसहर टोली गांव के सैकड़ों परिवार के सामने जीवन को बचाने की चुनौती उतपन्न हो गयी है।बता दे कि अमीरों के द्वारा विदेशों से लाए गए नावेल कोरोना के कारण देश भर में हुई लॉकडाउन से गरीब तबका के सामने भोजन की चुनौती खड़ी हो चुकी है। चुकी मेहनत मजदूरी करने वाले गरीब गुरबा को बीते एक सप्ताह से अधिक दिनों से सभी तरह के काम धाम ठप होने से कोई काम नहीं मिला रहा है। जिसके कारण इन गरीबों के सामने अपना जीवन बचाने की चुनौती आ खड़ी हुई है।प्रखंड क्षेत्र के खैरवा मुसहर टोली,,कलीटोला मुसहर टोली,व सुघरी मुसहर टोली गांव में मुसहर समाज के सैकड़ों घरों में मायूसी छाई हुई है।क्योंकि लॉकडाउन होने से इनको कहि काम धंधा नहीं मिल रहा है जिसका नतीजा हुआ है कि इनके घरों में राशन,सब्जी खत्म होने के कगार पर है। इनलोगों में राजेश मुसहर ने बताया कि हम दस परिवार है लेकिन हमारा राशनकार्ड में नाम नहीं होने राशन नहीं मिला है।जिसके कारण अपने बच्चों के साथ आधा पेट भोजन करके किसी तरह से अपना व बच्चों का जीवन बचाने में लगे हुए है।इसी तरह से बिजेस मुसहर,ब्रजेश मुसहर,मुन्ना मुसहर,शैलेंद्र मुसहर,चंदन मुसहर,पप्पू मुसहर,जगदीश मुसहर,राजा मुसहर व कृष्णा मुसहर आदि का राशनकार्ड नहीं होने से सरकारी दुकान से राशन नहीं मिला है।इन लोगों ने बताया कि एक दो रोज में किसी माध्यम से हमलोगों को राशन उपलब्ध नहीं हुआ तो हमारे बच्चे भूख से मरने लगेंगे।जब चुनाव होता है तो कई प्रतिनिधि हमलोगों से मिलने आते है लेकिन जब हमलोगों के घर साग सब्जी व राशन नहीं है तो कोई देखने तक नहीं आ रहा है।ये जो लोग है पूर्ण रूप से मेहनत मजदूरी पर आश्रित है और 21 दिनों की लॉकडाउन इनके लिए बहुत ही कष्टदायक होने वाला है।क्या यह लॉकडाउन गरीबों के जीने के हक को छिनती नजर नहीं आ रही है। अब देखना है इन गरीब लोगो के घर कबतक राशन पहुच पता है।
इस संबंध बीडीओ डॉ. अभय कुमार से बात करने पर बताया कि जिस व्यक्ति का नाम राशनकार्ड में दर्ज नहीं है वे अपने मुखिया से लिखवा कर दे उन्हें भी राशन उपलब्ध कराया जाएगा।