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बदलते मौसम में लोगों को अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की है जरूरत

वायरल फीवर, कोल्ड डायरिया, खांसी व सर्दी-जुकाम से सतर्क रहने की जरूरत

अररिया(बिहार)बदलते मौसम में अपनी सेहत का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है। ठण्ड को देखते हुए वायरल फीवर, कोल्ड डायरिया, खांसी व सर्दी-जुकाम जैसी बीमारियों से सतर्क रहने की जरूरत है। सदर अस्पताल सहित जिले के अन्य अस्पतालों में हर दिन मौसमी बीमारियों से पीड़ित लोगों के इलाज के लिये आना जारी है । सदर अस्पताल के ओपीडी में हर दिन इलाज के लिये पहुंचने वाले औसतन आठ सौ से हजार मरीजों में 70 प्रतिशत लोग मौसमी बीमारी की गिरफ्त में देखे जा रहे हैं। इलाज के लिये अस्पताल पहुंचने वाले ज्यादातर मरीज बुखार, सर्दी-जुकाम के साथ कोल्ड डायरिया की चपेट में होते हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक इस बदलते मौसम में लोगों को अपनी सेहत का विशेष ख्याल रखने सलाह देते हैं।
अपने पहनावे व खान-पान पर रखें विशेष ध्यान:
सदर अस्पताल के प्रभारी अधीक्षक जीतेंद्र प्रसाद ने बताया कि बदलते मौसम में लोगों को सुबह व रात में अपने पहनावे पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। दिन अमूमन गर्म होता है तो लोग कम कपड़े पहन कर अपने घरों से काम पर निकलते हैं। लेकिन शाम को लौट कर घर पहुंचते-पहुंचते मौसम ठंडा हो चुका होता है। इसके लिये लोगों का पहले से तैयार रहना जरूरी है। वे खान-पान में इन दिनों ठंडी चीजों से परहेज करने की भी सलाह देते हैं। उनके मुताबिक बच्चों को सुबह बेड से उठकर सीधे बाहर नहीं जाने दें। सुबह फर्श पर नंगे पांव चलने से परहेज करें। बच्चों को भी इसके लिये रोकें। अमूमन लोग इस मौसम में कम पानी का सेवन करते हैं जो बेहतर स्वास्थ्य के लिहाज से गलत है। इससे डिहाइड्रेशन की समस्या का सामना करना पड़ सकता है। कोल्ड डायरिया की चपेट में आने का भी इससे खतरा होता है। इसलिये संभव हो सके उतना स्वच्छ पानी का सेवन जरूरी है।

बीमारियों से बचाव को अपने आस-पास रखें स्वच्छता का ध्यान:
सिविल सर्जन डॉ रूपनारायण कुमार ने कहा कि बुखार पीड़ित कई मरीजों में मलेरिया के लक्षण भी उजागर हो रहे हैं। इससे बचाव के लिये अपने आस-पास की सफाई पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है। यह ख्याल रखना खास तौर पर जरूरी है कि घर के आसपास पानी का जमाव नहीं हो ताकि इनमें मलेरिया के मच्छर न पनप सके। इसके अलावा हमें अपने दैनिक जीवन में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना होगा। हमेशा ताजा खाना व स्वच्छ पेयजल का सेवन हमें इस तरह के कई बीमारियों से बचा सकता है। ठंड के मौसम में छोटे उम्र के बच्चों में निमोनिया व बुजुर्गों को पक्षाघात का खतरा अधिक रहता है। इसलिये उनका विशेष ध्यान रखना जरूरी है। घर से बाहर निकलते वक्त गर्म कपड़ों का इस्तेमाल जरूरी है। इसके साथ ही उन्होंने पानी व दूध हमेशा उबाल कर पीने की सलाह दी।
खांसी व सांस लेने तकलीफ होने पर कोरोना संबंधी जांच जरूरी:
विशेषज्ञ चिकित्सकों की मानें तो बदलते मौसम में कोरोना का खतरा भी अधिक है। दोनों के लक्षण सामान हैं। अगर किसी व्यक्ति को चार दिन या इससे अधिक समय से सर्दी-खांसी, बुखार, सांस लेने में तकलीफ सहित अन्य तरह की समस्या का सामना करना पड़ रहा है तो फिर उन्हें बिना कुछ सोचे कोरोना संक्रमण से संबंधित जांच करानी चाहिये। ताकि समय पर इसकी पहचान हो सके और इसका समुचित इलाज किया जा सके। कोरोना महामारी से संक्रमित व्यक्ति ही नहीं बल्कि उनके संपर्क में आने वाले उनके परिचित, करीबी व रिश्तेदारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा जांच को लेकर लोगों के मन में किसी प्रकार की कोई दुविधा नहीं होनी चाहिये।
मौसमी बीमारियों से बचाव के लिये रखें इन बातों का ध्यान:
मौसमी बीमारियों की चपेट में आने से बचाव के लिये युवा व बुजुर्गों को थोड़े-थोड़े समयांतराल के बाद हल्का भोजन लेना चाहिये। हमेशा ताजा भोजन ही व्यवहार में लाना चाहिये। सुबह व शाम हल्का गर्म कपड़ों का इस्तेमाल बीमारी से बचाव के लिहाज से महत्वपूर्ण है। ब्लडप्रेशर, डायबिटिज के मरीजों को नियमित रूप से अपना स्वास्थ्य जांच कराना अनिवार्य है। फ्रिज के ठंडा पानी के इस्तेमाल से परहेज करना चाहिये।
कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन:

  • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
  • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
  • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।