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हाथीपांव से ग्रसित लोग दिव्यांगजन की श्रेणी में होंगे शामिल, जिंदगी होगी आसान

हाथीपांव की गंभीरता के आधार पर मिलेगा दिव्यांगता प्रमाणपत्र
• हाथीपांव के चार ग्रेड के मुताबिक होगा दिव्यांगता का निर्धारण

पूर्णिया(बिहार)जिला के कृत्यानंद नगर के रहने वाले छोटू के चेहरे पर आज खुशी और सुकून की लकीरें दिखती हैं। हालांकि वह लंबे समय से हाथीपांव से ग्रसित हैं और उन्हें अफसोस है कि हाथीपांव के कारण उन्हें अपने जीवन में एक प्रकार की विकलांगता का शिकार होना पड़ा। दिव्यांगजनों की तरह उनका जीवन भी मुश्किल रहा है।लेकिन उन्हें अब इस बात की खुशी और संतुष्टि भी है कि उनकी समस्या को सरकार ने समझा है और उन्हें तथा उनके जैसे अन्य हाथीपांव ग्रसित लोगों को दिव्यांगता की श्रेणी में खड़ा किया है। उन्हें उम्मीद है कि सरकार द्वारा ऐसे लोगों को मिलने वाले दिव्यांगता प्रमाण पत्र से सरकारी योजनाओं का लाभ मिल सकेगा।छोटू कहते हैं कि हाथीपांव तो नहीं ठीक हो सकता, लेकिन विकलांगता की श्रेणी में आने उन्हें जो कुछ भी लाभ मिलेगा, इससे उनका जीवन सरल और आसान हो सकेगा।

हाथीपांव पीड़ित लोगों को मिलेगा दिव्यांगता प्रमाण पत्र:

छोटू की तरह अन्य हाथीपांव से ग्रसित मरीजों के लिए अच्छी खबर है।राज्य आयुक्त निःशक्ता के दिशा-निर्देश पर हाथी पांव से ग्रसित मरीजों को दिव्यांगता की श्रेणी में शामिल किया जायेगा। हाथीपांव के मरीजों को गंभीरता के आधार पर श्रेणी तय कर दिव्यांगता प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा। इसके लिए ग्रेड तय किए गए हैं।राज्य तथा केंद्र सरकार द्वारा दिव्यांगजनों को मिलने वाली योजनाओं के लाभ अब हाथीपांव से पीड़ित लोगों तक भी पहुंच सकेगा।राज्य आयुक्त निःशक्ता अधिनियम को लागू किये जाने के बाद यह प्रभावी होगा। रेलवे यात्रा, आरक्षण या ऐसी ही अन्य प्रकार के लाभ ऐसे मरीजों को मिल सकेगा।

क्या कहते हैं मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी:

असैनिक शल्य चिकित्सक सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. अभय प्रकाश चौधरी ने कहा कि पत्र जारी कर जिला में स्थित राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल को इस बात से अवगत किया गया है कि दिव्यांगजनों की श्रेणी में हाथीपांव ग्रसित लोगों को भी शामिल किया गया है।यह फाइलेरिया मरीजों के लिए एक अच्छी पहल है। इससे राज्य निःशक्ता अधिनियिम द्वारा अब दिव्यांगजन हेतु प्रदत सुविधाओं का लाभ हाथीपांव के मरीज भी ले सकेंगे।हाथीपांव की गंभीरता को जानने समझने के लिए चार प्रकार के ग्रेड तय किये गये हैं।