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संक्रमण से जुड़ी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए ईमानदारी पूर्वक निभायी अपनी जिम्मेदारी

  • महामारी के दौर में संजय मल्लिक ने सफाई कार्यों के प्रति दिखाई निष्ठा व समर्पण के भाव
  • लोग कर रहे हैं उनके कार्यों की तारिफ, मिल रहा है सम्मान

अररिया(बिहार)अपने काम के प्रति आपकी निष्ठा व समर्पण का भाव ही दुनिया में आपकी अलग पहचान बनाती है। पूरी दुनिया फिलहाल कोरोना संक्रमण की गंभीर चुनौतियों का सामना कर रही है। इस वैश्विक महामारी को मात देने के लिये समाज के हर वर्ग व तबका के लोगों द्वारा अपने स्तर से ईमानदार प्रयास की जरूरत महसूस की जा रही है। हमारे पास ऐसे कई उदाहरण मौजूद हैं। जिन्होंने इस विपरित परिस्थितयों में भी अपने काम के प्रति ईमानदारी व निष्ठा का भाव अपना कर समाज में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। इसी कड़ी में अररिया नगर परिषद के सफाई कर्मी संजय मल्लिक का नाम भी शामिल है। वह इस वैश्विक महामारी के शुरूआती दौर से ही क्षेत्र की सफाई के कार्य में पूरी तन्मयता के साथ जुड़े रहे। अब उन्हें अपने किये कार्यों के लिये हर तरफ सराहा जा रहा है।
संक्रमण के दौर में बढ़ी सफाई कार्यों की महत्ता:
शहर के वार्ड संख्या 15 निवासी संजय मल्लिक ने बताया कि जब संक्रमण का दौर अपने चरम पर था तब लॉकडाउन की वजह से लोगों के तमाम तरह की गतिविधियों पर एक तरह से विराम लग चुका था। वैसे मुश्किल दौर में सफाई कार्यों की महत्ता काफी बढ़ गयी। संक्रमण के दौर में सफाई के कार्यों के दौरान खुद के संक्रमण की चपेट में आ जाने व इस वजह से परिवार के सदस्यों के प्रभावित होने की संभावना भी काफी अधिक थी। बावजूद इसके उन्होंने अपने कार्य को प्राथमिकता दी। उन्होंने संक्रमण से जुड़ी चुनौतियों को दरकिनार करते हुए क्षेत्र के साफ-सफाई के कार्यों को तरजीह दी। संजय बताते हैं कि इस दौरान भी वे पूर्व की तरह हर दिन नगर प्रशासन द्वारा चिह्नित वार्ड में सफाई कार्य के लिये पहुंच जाते थे। शहर के वार्ड संख्या 15 की सफाई का जिम्मा उनके पास था।
चुनौतियों को दरकिनार कर निभायी अपनी जिम्मेदारी:
संजय बताते हैं कि जिले में कोरोना संक्रमण से जुड़ा पहला मामला भी शहर के वार्ड संख्या 10 में सामने आया था। इसके आस-पास के पांच छह वार्ड पूरी तरह कंटेनमेंट जोन में तब्दील कर दिये गये थे। इसमें वार्ड संख्या 15 का नाम भी शामिल था। वार्ड में आम लोगों का प्रवेश पूरी तरह वर्जित था। लोग एक दूसरे के पास भटकने से भी परहेज कर रहे थे। ऐसे दौर में शहर के गली मुहल्ले की सफाई का कार्य आसान नहीं था लेकिन वे अपने कार्यों के निवर्हन के प्रति ईमानदार बने रहे। सफाई के लिये वार्ड में पहुंचने के बाद पहले तो लोग अपने गेट बंद कर लिया करते थे कि कहीं वे मेरी वजह से संक्रमित न हो जायें। ये सब देखकर थोड़ा अजीब और बुरा लगता था। लगातार वह इन चीजों को दरकिनार करते रहे । बाद में आम लोग भी उनके काम के महत्व को समझने लगे तो उनसे सफाई कार्य में अपेक्षित सहयोग भी मिलने लगा।
हर तरफ हो रही है कार्यों की प्रशंसा:
संकटकाल में अपने काम के प्रति संजय मल्लिक के समर्पण व निष्ठा के भाव की अब हर तरफ सराहना हो रही है। शहरवासी उनके कार्यों की तारिफ कर रहे हैं। शहर के वार्ड संख्या 15 के पार्षद प्रतिनिधि संजय अकेला ने बताया कि संक्रमण काल में जब साफ-सफाई का कार्य काफी महत्वपूर्ण हो चुका था तो संजय ने अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभायी। जो लोगों के लिये प्रेरणादायक है। अगर समाज के हर व्यक्ति महज अपने हिस्से की जिम्मेदारी का निवर्हन ईमानदारी पूर्वक करे तो कोरोना ही नहीं किसी भी मुश्किल दौर का सफलता पूर्वक मुकाबला आसान हो जाता है।