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कोरोना टीके की प्रीकॉशनरी डोज लगाने की मधेपुरा में हुई शुरुआत

सोमवार को ढाई हजार लोगों को लगी डोज:
स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फ्रंटलाइन वर्कर एवं 60 प्लस गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को दी जा रही प्रीकॉशनरी डोज:

मधेपुरा(बिहार)जिले में किशोरों के टीकाकरण के बाद सोमवार से स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंटलाइन कर्मियों और 60 साल के ऊपर के बुजुर्गों को बूस्टर डोज यानी प्रीकॉशनरी डोज लगायी गयी। सनद रहे कि वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए स्वास्थ्य कार्यकर्ता, फ्रंट लाइन वर्कर एवं 60 प्लस गंभीर रोग से ग्रसित व्यक्तियों को टीका की प्रीकॉशनरी डोज दी जा रही है। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. विपिन कुमार गुप्ता ने बताया सोमवार से मधेपुरा में प्रीकॉशनरी डोज लगाने की शुरुआत हुई है। पोर्टल पर की गई प्रविष्टि के अनुसार शाम 6 बजे तक लगभग ढाई हजार लोगों को प्रीकॉशनरी डोज लगायी गयी। उल्लेखनीय है कि करीब 10,278 हेल्थ वर्कर, 8484 फ्रंटलाइन वर्कर तथा 60 प्लस उम्र व गंभीर रोग से ग्रसित 35,044 व्यक्तियों को प्रीकॉशनरी डोज देने का आदेश राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा दिया गया है। टीकाकरण के लिए सभी प्रखंड मुख्यालय स्थित पीएचसी व सीएचसी में सत्र स्थल बनाया गया है टीकाकरण केंद्र। टीका दोनों खुराक लिए जाने के 9 माह के उपरांत ही प्रीकॉशनरी डोज दी जाएगी। जिनके ड्यू होने की सूचना उनके पंजीकृत मोबाइल पर एस.एम.एस. कोविन पोर्टल के माध्यम से प्राप्त होगी तथा इसके लिए उक्त लाभार्थी को नियोक्ता का साक्ष्य प्रस्तुत करना अनिवार्य है।उन्होंने बताया प्रथम दिन 90% लोगों का टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। 2 दिनों में 10 एवं 11 जनवरी को शत प्रतिशत हेल्थ वर्कर एवं फ्रंटलाइन वर्कर को प्रतिरक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है। जिले में अबतक प्रथम डोज लेने वालों की संख्या करीब 11 लाख 20 हजार हो गई है। वहीं दोनों डोज लेने वालों की संख्या 7 लाख 87 हजार की करीब है। सोमवार को बूस्टर डोज के शुरुआती अभियान में करीब 2.5 हजार लोगों ने डोज लगवायी।

बुजुर्गों के टीके के लिए यह है गाइडलाइन:
60 साल या इससे ऊपर के गंभीर बीमारियों से पीड़ित बुजुर्गों को डॉक्टरों की सलाह के आधार पर दूसरे डोज के 9 महीने या 39 हफ्ते बाद ही तीसरी डोज या बूस्टर डोज लगेगी।

9 महीना या 39 हफ्ते टीके की दूसरी डोज लगने वाली तारीख से माना जाएगा। स्वास्थ्यर्कियों, फ्रंटलाइन वर्कर और बुजुर्गों को बूस्टर या एहतियाती डोज उनके मौजूदा कोविन अकाउंट के जरिये मिलेगी। इनको पुराने रजिस्टर्ड नंबर पर एसएमएस के जरिए भी बताया जाएगा कि उन्हें टीके की अगली डोज कब लगेगी।

ग्वालपाड़ा में दिखा टीके का बूस्टर डोज लेने वालों की भीड़:
बाल विकास परियोजना कार्यालय ग्वालपाड़ा परिसर में भी प्रखंड के कर्मी एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं अन्य कर्मी बूस्टर डोज लगवाते नजर आए। इस केंद्र पर टीके लगवाने के लिए फ्रंटलाइन कर्मियों में उत्साह देखने को भी मिला। ग्वालपाड़ा प्रखंड की लेडी सुपरवाइजर मिताली कुमारी एवं उनके क्षेत्र की सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने इसी केंद्र पर आकर टीके की प्रीकाशनरी डोज लगवायी । वहीं चौसा थाना परिसर में पुलिसकर्मी भी टीके की बूस्टर डोज लगवाते दिखे।

निर्भीक होकर कराएं टीकाकरण:
जिले के प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विपिन कुमार गुप्ता ने कहा कि वैक्सीन के बूस्टर डोज को लेकर मन में किसी तरह का भ्रम नहीं पालें एवं अफवाहों से दूर रहें। क्योंकि, वैक्सीन पूरी तरह सुरक्षित है। इसलिए, निर्भीक होकर सभी लोग वैक्सीनेशन कराएं। वैक्सीनेशन के दौरान सुरक्षा के हर मापदंडों का ख्याल रखा जा रहा है। ताकि, लोगों को किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं हो। इसके अलावा वैक्सीनेशन सेंटर पर सुरक्षा के मद्देनजर भी पुख्ता इंतजाम हैं। कोविड-19 के गाइडलाइन का हर हाल में पालन सुनिश्चित रूप से कराया जा रहा है। कोरोना से बचने के लिए जिन नियमों का पालन हम अभी कर रहे हैं, (जैसे- मास्क पहनना, छह फीट की सुरक्षित शारीरिक दूरी रखना और हाथ धोना), वैक्सीन लगने के बाद भी उन नियमों का पालन करते रहना जरूरी है। तभी वायरस से आप बचे रह सकते हैं।

इन मानकों का करें पालन और कोविड-19 संक्रमण से रहें दूर:

  • मास्क का उपयोग और शारीरिक दूरी का पालन जारी रखें।
  • नियमित तौर पर लगातार साबुन या अल्कोहल युक्त पदार्थों से अच्छी तरह हाथ धोएं।
  • बारी आने पर निश्चित रूप से वैक्सीनेशन कराएं और दूसरों को भी प्रेरित करें।
  • लक्षण महसूस होने पर कोविड-19 जाँच कराएं।