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गर्भवती एवं धात्री महिलाएं उठा सकती हैं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ

  • पूर्णिया जिले में प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना शत प्रतिशत लागू
  • योजना के तहत लाभार्थियों को तीन किस्तों में मिलती है सहायता राशि
  • महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराना है योजना का उददेश्य

पूर्णिया(बिहार)महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना देश के विभिन्न राज्यों में लागू किया गया है।जिससे महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत किया जा सके । ताकि वह खुद के साथ-साथ अपने नवजात की भी देखभाल करने में सक्षम हो सकें।गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य लाभ के लिए प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना चलायी जा रही है। इस योजना के लागू होने से पहले इसे मातृत्व सहयोग योजना भी कहा जाता था। वर्ष 2014 से पहले इंदिरा गांधी मातृ सहयोग योजना के नाम से भी जाना जाता था। लेकिन बाद में इसका नाम बदलकर मातृ सहज योजना कर दिया गया| लेकिन 01 जनवरी 2017 से इसका नाम बदल कर प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (पीएमएमवीवाई) दिया गया है।

गर्भवती एवं धात्री महिलाएं उठा सकती हैं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ : शोभा सिन्हा

आईसीडीएस की ज़िला कार्यक्रम पदाधिकारी शोभा सिन्हा ने बताया कि सभी तरह की गर्भवती एवं धात्री महिलाएं प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना का लाभ ले सकती हैं।इस योजना का लाभ लेने के लिए सबसे पहले लाभार्थी महिला की उम्र कम से कम 19 वर्ष होनी चाहिए। लेकिन ध्यान देने वाली एक बात यह भी है कि सरकारी कर्मचारी या अन्य किसी भी प्रकार की कानूनी तौर पर लाभ लेने वाली प्राइवेट कर्मचारी या फिर पहले सभी किस्तें पा चुकी महिलाओं को इसके लाभ से वंचित रहना पड़ेगा।क्योंकि सरकारी कर्मचारी की सेवाशर्तों में वेतन सहित मातृत्व अवकाश जैसे लाभ पहले से ही जुड़े होते हैं।जबकि प्राइवेट संस्थानों में कार्य करने वाली महिला अगर किसी अन्य कानून के तहत मातृत्व लाभ की सुविधा प्राप्त कर रही है तो वह भी इस योजना के तहत लाभ प्राप्त नहीं कर सकती है।साथ ही साथ किसी भी तरह के अन्य योजनाओं का लाभ ले रही या फिर इसी योजना के तहत लाभ ले चुकीं महिलाओं को भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना से वंचित रहना पड़ सकता है।लेकिन कुछ निश्चित श्रेणियों को छोड़कर जैसे: आंगनवाड़ी सेविका व सहायिका के अलावा आशा कार्यकर्ता इस योजना का लाभ लेने की हक़दार हो सकती हैं।

महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल के लिए सहायता राशि उपलब्ध कराना है योजना का उददेश्य : संजीव घोष

प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के जिला प्रोग्राम समन्यवयक संजीव कुमार घोष ने बताया कि गर्भावस्था, प्रसव और स्तनपान के दौरान महिलाओं को जागरूक करना और जच्चा-बच्चा देखभाल तथा संस्थागत सेवा के उपयोग को बढ़ावा देना इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है।इसके साथ ही महिलाओं को पहले छह महीनों तक के लिए प्रारंभिक एवं विशेष स्तनपान और पोषण प्रथाओं का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना, गर्भवती महिलाएं और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर तरीक़े से स्वास्थ्य और पोषण के लिए प्रोत्साहन राशि प्रदान करना इस अभियान के मुख्य उद्देश्यों में शामिल है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मतृत्व वंदना योजना के लिए आवेदन करने के समय आवेदनकर्ता के आधार कार्ड की फोटोकॉपी, आधार नहीं होने पर अन्य पहचान संबंधी विकल्प, राष्ट्रीयकृत बैंक या पोस्ट ऑफिस के खाता की पासबुक, सरकारी अस्पताल द्वारा निर्गत स्वास्थ्य कार्ड, सरकारी विभाग/कंपनी/संस्थान से जारी कर्मचारी पहचान पत्र जमा करना अनिवार्य रूप से जरूरी है।

लाभार्थियों को तीन किस्तों में मिलती है सहायता राशि:

गर्भावस्था के दौरान पंजीकरण के समय प्रथम क़िस्त के रूप में एक हज़ार रुपये की राशि दी जाती है। वहीं दूसरे क़िस्त के रूप में दो हज़ार रुपये की राशि प्रसव से पूर्व दी जाती है तो अंतिम व तीसरे क़िस्त के रूप में दो हज़ार रुपये दी जाती है।यह सब राशि बच्चे का जन्म,पंजीकरण व सभी तरह के टीकाकरण के प्रथम चक्र पूरा होने के बाद लाभार्थी को दी जाती है। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान ही जननी सुरक्षा योजना के तहत एक हज़ार रुपये की अतिरिक्त राशि दी जाती है।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजनाओं को शत प्रतिशत लागू करने के लिए पूर्णिया ज़िले के सभी प्रखंडों को नए वर्ष में लगभग 58 हज़ार 3 सौ 61 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 7 हजार ज्यादा है।हालांकि विगत वर्ष 2020 के दौरान वैश्विक महामारी कोविड-19 काल में भी प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत आईसीडीएस के द्वारा मिले लक्ष्य के अनुरूप कार्य करते हुए शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने में सफलता पाई गयी थी।