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पूर्णिया:विश्व का हर पांचवां व्यक्ति मधुमेह का शिकार

स्कूली बच्चों के बीच स्वास्थ्य, पोषण एवं नियमित टीकाकरण को लेकर किया गया जागरूक:
लंबा जीवन जीने के लिए नियमित रूप से दवा का सेवन बेहतर तरीका: डीपीएम
मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाव के लिए बेहतर खानपान जरूरी:

पूर्णिया(बिहार)विश्व मधुमेह दिवस के अवसर पर राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल परिसर स्थित ओपीडी एवं पूर्णिया पूर्व पीएचसी में जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। बायसी प्रखंड के मध्य विद्यालय बकरिया एवं मलहरिया के शिक्षकों के बीच मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाव को लेकर जागरूकता अभियान चलाया गया। स्कूली बच्चों के बीच स्वच्छता, पोषण एवं नियमित टीकाकरण से संबंधित क्विज, पेटिंग,कविता,गीत,अंताक्षरी का प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर एमओआईसी डॉ शरद कुमार, बीएचएम विभव कुमार, बीसीएम बरखारानी, एएनएम रेणुका भारती, सिफार के धर्मेंद्र रस्तोगी, जीपीएसवीएस (पोषण) के जिला समन्वयक प्रफुल्ल कुमार, बीसी मनीष कुमार एवं सुरक्षा प्रहरी सरफराज, शिक्षिका छाया कुमारी, रानी कुमारी सहित कई उपस्थित थे।

लंबा जीवन जीने के लिए नियमित रूप से दवा का सेवन बेहतर तरीका: डीपीएम
जिला स्वास्थ्य समिति के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह ने बताया कि विश्व का हर पांचवां व्यक्ति मधुमेह जैसी बीमारी से ग्रसित हो गया है। जिस कारण दिन प्रतिदिन इसकी स्थिति भयावह होती जा रही है। अपने खानपान, परहेज, नियमित रूप से योगाभ्यास के साथ ही नजदीकी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाकर मधुमेह की जांच अनिवार्य रूप से कराते रहने  से काफी हद तक इस पर काबू पाया जा सकता है। दवाओं के माध्यम से भी इस पर काबू पाकर लंबा और स्वस्थ जीवन जिया जा सकता है। ऐसे में हम सभी को जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसके अलावा योग व व्यायाम को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना चाहिए। जो न केवल मधुमेह बल्कि अन्य बीमारियों जैसे उच्च रक्तचाप, हृदय रोग आदि से भी बचाएगा।

मधुमेह जैसी बीमारियों से बचाव के लिए बेहतर खानपान जरूरी: एमओआईसी
पूर्णिया पूर्व पीएचसी के एमओआईसी डॉ शरद कुमार ने बताया कि मधुमेह के मरीजों के लिए सबसे ज़्यादा अपने खानपान पर ध्यान देने के साथ ही संयम और सतर्कता बरतने की आवश्यकता होती है। जब तक खानपान और स्वास्थ्य का ख़्याल नहीं रखा जाएगा तब तक किसी भी बीमारी ख़ास कर मधुमेह जैसी बीमारी पर नियंत्रण नहीं रख सकते हैं। नियमित रूप से दवा का सेवन, रक्त शर्करा की नियमित निगरानी, पौष्टिक आहार के साथ ही नियमित रूप से योगा एवं टहलने की आदतों को दिनचर्या में शामिल कर इस बीमारी को नियंत्रित रखा जा सकता है। मधुमेह पर नियंत्रित करने के लिए बेहतर जीवन शैली और खानपान में बदलाव लाने की जरूरत है।

स्कूली बच्चों एवं शिक्षकों को स्वास्थ्य, पोषण एवं नियमित टीकाकरण को लेकर किया गया जागरूक: प्रफुल्ल
यूनिसेफ़ (जीपीएसवीएस पोषण) के जिला समन्वयक प्रफुल्ल कुमार ने बताया कि विश्व मधुमेह दिवस एवं बाल दिवस को लेकर बायसी प्रखंड के मध्य विद्यालय बकरिया एवं मलहरिया के शिक्षकों एवं बच्चों के बीच स्वच्छता, पोषण एवं नियमित टीकाकरण से संबंधित क्विज, पेटिंग, कविता, गीत, अंताक्षरी का प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसीलिए बच्चों की मानसिक और शारीरिक सेहत का ख्याल रखना भी बेहद जरूरी होता है। बच्चों को सही शिक्षा, पोषण, संस्कार मिले य‍ह हमारे देश के हित के लिए काफी जरुरी है। बच्चों का मन बहुत ही निर्मल और कमजोर होता है और उनके सामने हुई हर छोटी-छोटी चीज या बात उनके दिमाग पर असर डालती है। उनका वर्तमान देश के आने वाले कल के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।