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कायाकल्प कार्यक्रम के तहत पुर्णिया कोर्ट,माता स्थान,माधोपारा एवं मधुबनी यूपीएचसी का तीन सदस्यीय टीम ने किया निरीक्षण

पूर्णिया(बिहार)सरकार की अतिमहत्वकांक्षी योजनाओं में शामिल कायाकल्प कार्यक्रम को धरातल पर शत प्रतिशत उतारने के लिए स्वास्थ्य विभाग एवं विभागीय स्तर पर सहयोग करने वाली अन्य संस्थाओं के अधिकारी अपनी टीम के साथ पूरी तन्मयता से जुटी हुई है। शहर के माधोपारा,पूर्णिया कोर्ट,मधुबनी एवं माता स्थान शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का राज्य स्तरीय टीम अपने चार दिवसीय दौरे पर आकर इन सभी यूपीएचसी का कायाकल्प कार्यक्रम के तहत निरीक्षण किया है।निरिक्षीय टीम में शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी मसउद आलम, राजकीय चिकित्सा महाविद्यालय सह अस्पताल के ट्यूटर डॉ अब्दुल रहमान अलआदिल एवं डॉ शान अहमद शामिल थे। जबकिं इस अवसर पर आरपीएम कैशर इक़बाल,डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास, डीएमएंडई आलोक कुमार, जिला गुणवत्ता सलाहकार यक़ीन पदाधिकारी डॉ अनिल कुमार शर्मा, शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के सलाहकार मोहम्मद दिलनवाज़, यूपीएचसी माधोपारा के एमओआईसी डॉ सतीश कुमार,पूर्णिया कोर्ट की एमओआईसी डॉ प्रतिभा कुमारी,मधुबनी के एमओआईसी डॉ नवीन कुमार एवं माता स्थान के एमओआईसी डॉ अरविंद कुमार झा के अलावा यूनिसेफ़ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद,नंदन कुमार झा सहित सभी यूपीएचसी के एलटी एवं जीएनएम व एएनएम उपस्थित थी।

स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित कराना मुख्य उद्देश्य: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि इस कार्यक्रम का मूल उद्देश्य भी यही है कि स्वच्छता को अपने जीवन में एक अंग के रूप में महत्वपूर्ण बनाया जाए।जिसमें लोगों को स्वस्थ रहने एवं जीने की कला सिखाने के साथ ही अस्पताल में आने वाले सभी तरह के मरीज़ों के बीच आपसी तालमेल को भी बढ़ाने का काम करता है।सार्वजनिक स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में स्वच्छता और साफ-सफाई सुनिश्चित कराने के उद्देश्य को लेकर विगत 15 मई 2015 को कायाकल्प नाम से एक कार्यक्रम को शुभारंभ किया गया था। स्वच्छता, साफ-सफाई और संक्रमण नियंत्रण के उच्च मानकों को हासिल करने वाले सदर अस्पताल से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर चिकित्सीय उपचार मुहैया के लिए एपीएचसी एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों सहित हैल्थ एंड वेलनेस सेंटर को भी शामिल किया गया हैं।

यूपीएचसी को शहरवासियों का मिला भरपूर सहयोग: डॉ. मसऊद आलम
शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी मसउद आलम ने बताया कि पूर्णिया के शहरी क्षेत्रों में सभी शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सीय व्यवस्था पहले की अपेक्षा ज़्यादा सुधार हुआ है, क्योंकि स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य विभाग, सहयोगी संस्थाओं सहित स्थानीय शहरवासियों का भरपूर सहयोग मिला है। हालांकि थोड़ा बहुत सुधार करने की गुंजाइश दिखी है। जिसको अविलंब सुधार करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश संबंधित अधिकारियों एवं कर्मियों को दिया गया है। क्योंकि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का मकसद भी यही है की प्राथमिक चिकित्सीय उपचार के साथ ही सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रहे। ताकि रेफर करने की आदतों में कमी लाया जा सकें। यूपीएचसी में सभी तरह की मिलने वाली सुख सुविधाओं के साथ ही हरियाली में सुधार, खुले स्थानों का संरक्षण, रोशनी और रोशनी की स्थिति, शुद्ध पेयजल, जल का संरक्षण, शौचालय की सफ़ाई के अलावा जंक सामग्री हटाने का प्रबंधन सुनिश्चित करना पहली प्राथमिकताओं में शामिल किया गया है। हालांकि स्वास्थ्य कर्मियों का टीमवर्क, स्टाफ ड्रेस कोड और स्वस्थ आदतों को अपने व्यवहार में शामिल करने की जरूरत है।

विभिन्न अस्पतालों में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को मिल रहा है काफी लाभ: डीपीएम
स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम सोरेंद्र कुमार दास ने बताया कि शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को बेहतर तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने को लेकर हर तरह के प्रयास किए जा रहे हैं। स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, कर्मचारी एवं अस्पताल प्रबंधन सुधार के लिए पूरी तन्मयता से लगे हुए है। जिससे विभिन्न अस्पतालों में हो रहे गुणवत्तापूर्ण सुधार से मरीजों को भी काफी लाभ मिल रहा है। स्थानीय स्तर पर कार्य करने वाली प्रबंधन के नेतृत्व में लगातार वृद्धि हो रही है। कायाकल्प न केवल सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने में सक्षम है, बल्कि जनता के व्यवहार को बेहतर बनाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। कायाकल्प कार्यक्रम स्वास्थ्य क्षेत्र से जुड़े हुए लोगों के मन में गर्व और स्वामित्व का भाव लेकर आया हैं।

कायाकल्प कार्यक्रम के तहत मुख्य रूप से चार तरह से किया जाता है निरीक्षण: यूनिसेफ़
यूनिसेफ़ के क्षेत्रीय सलाहकार शिव शेखर आनंद ने बताया कि कायाकल्प के एक्सटर्नल असेसमेंट के दौरान एक्सटर्नल कमिटी के सदस्यों द्वारा चार तरह से असेसमेंट करते हैं। जिसमें ऑब्जरवेशन, पेशेंट इंटरव्यू, स्टाफ इंटरव्यू एवं रिकॉर्ड रिव्यु। क्योंकि प्रशिक्षण के दौरान स्वास्थ्य कर्मियों को इन्फेक्शन, प्रीवेंशन एन्ड कंट्रोल बॉयोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट, हैंड वाशिंग, मूवमेंट एंड हैंड वाशिंग, टेक्नीक, इंस्ट्रूमेंट स्टरलाईजेशन सहित अन्य तकनीकी पहलुओं को विस्तार पूर्वक निरीक्षण किया गया है। साफ़-सफाई, इंफेक्शन कंट्रोल, जीव चिकित्सा अपशिष्ट (बीएमडब्ल्यू), छः तरह से हाथों की नियमित सफ़ाई, मरीज़ों के उपचार के समय हाथों में ग्लब्स पहनने के तौर तरीक़े, कायाकल्प से संबंधित पंजी का संधारण, रक्त एवं आंख जांच सहित कई तरह की जांच की गई हैं।