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पोषण पखवाड़ा प्रदर्शन में पूर्णिया जिला बना राज्य में प्रथम

31 मार्च तक जिला का लक्ष्य से अधिक 112 प्रतिशत एक्टिविटी जनांदोलन डैशबोर्ड में हुआ दर्ज
21 मार्च से 04 अप्रैल तक आंगनबाड़ी केंद्रों में चलाया जा रहा पोषण पखवाड़ा
लोगों को स्वस्थ्य बच्चों की पहचान, जल संरक्षण में महिलाओं की भूमिका व एनीमिया से सुरक्षा संबंधी दी गई जानकारी

पूर्णिया(बिहार)जिले में समेकित बाल विकास परियोजना (आईसीडीएस) द्वारा 21 मार्च से 04 अप्रैल तक पोषण पखवाड़े के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान आंगनबाड़ी केंद्रों में विभिन्न गतिविधि का आयोजन किया जा रहा है । जिससे लोगों को बेहतर स्वास्थ्य की जानकारी दी जा रही है। 31 मार्च तक हुए पोषण पखवाड़ा एक्टिविटी में पूर्णिया जिला 112 प्रतिशत एक्टिविटी के साथ राज्य में पहले स्थान पर है। पोषण पखवाड़े के दौरान 21 मार्च से 31 मार्च तक आंगनबाड़ी केंद्रों के माध्यम से स्थानीय लोगों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से स्वस्थ्य बच्चों की पहचान, जल संरक्षण में महिलाओं की भूमिका व एनीमिया से सुरक्षा जैसे विषयों की जानकारी दी गई।

31 मार्च तक जिले में 01 लाख 49 हजार से अधिक एक्टिविटी का हुआ आयोजन :
आईसीडीएस डीपीओ राखी कुमारी ने बताया कि 21 मार्च से चलाए जा रहे पोषण पखवाड़े के दौरान जिले के 3429 आंगनबाड़ी केंद्रों में कुल 01 लाख 49 हजार 778 एक्टिविटी का आयोजन किया गया। इन एक्टिविटी के माध्यम से लोगों को स्वस्थ्य बच्चों की पहचान करने, उसे उचित पौष्टिक आहार का सेवन कराने, स्वच्छ जल का उपयोग करने, एनीमिया से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी के प्रति जागरूक किया गया। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जिले के विभिन्न क्षेत्रों में एनीमिया कैम्प का आयोजन किया गया । जिसमें गर्भवती व धात्री महिलाओं को आईएफए की गोलियां उपलब्ध कराई गई। इसके अलावा आयुष विभाग के सहयोग से बच्चों, गर्भवती व धात्री महिलाओं को आयुष पोषण किट का भी वितरण किया गया।

01 से 03 अप्रैल तक पारंपरिक भोजन की दी जाएगी जानकारी :
पोषण अभियान की जिला समन्यवक निधि प्रिया ने बताया कि पोषण पखवाड़ा आगामी 04 अप्रैल तक संचालित किया जाएगा। इस दौरान 01 अप्रैल से लोगों को पारंपरिक भोजन के उपयोग की जानकारी दी जाएगी। इसके लिए भी विभिन्न एक्टिविटी का आयोजन किया जाएगा जिसमें पोषण युक्त भोजन सम्बंधित वेबिनार/सेमिनार, जिला/प्रखंड स्तर पर रेसिपी प्रतियोगिता, मदर किचेन प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा स्थानीय व पारंपरिक पोषण युक्त भोजन के माध्यम से आहार विविधता के प्रचार-प्रसार हेतु विशेष ग्राम पंचायत व पोषण पंचायत का आयोजन किया जाएगा। पोषण अभियान के जिला परियोजना सहायक सुधांशु कुमार ने बताया कि पोषण पखवाड़े में पारंपरिक भोजन एक्टिविटी के दौरान लोगों को माँ और बच्चे के पोषण युक्त स्थानीय व पारंपरिक रेसिपी की पहचान व प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके अलावा लोगों को स्थानीय व वहन करने योग्य पोषण युक्त खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक किया जाएगा और स्थानीय लोगों को क्षेत्र विशेष के 05 सर्वोच्च रेसिपी की जानकारी दी जाएगी।