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न्यूरलट्यूब से ग्रसित दो माह की बच्ची का आरबीएसके ने कराया सफल ऑपरेशन

  • आरबीएसके द्वारा ऑपरेशन के लिए भेजा गया पटना आईजीआईएमएस
  • रीढ़ की हड्डी पर बढ़ा हुआ मांस का टुकड़ा होता है न्यूरलट्यूब
  • समय पर इलाज बहुत है जरूरी
  • सामान्य जांच के लिए आए थे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र
  • पूरी प्रक्रिया में परिवार को नहीं हुआ कोई भी खर्च

पूर्णियाँ(बिहार)बच्चे का जन्म पूरे परिवार के लिए खुशियों से भरा होता है। पर जन्म से ही अगर बच्चा किसी जानलेवा रोग से ग्रसित हो तो परिवार के लिए यह सबसे मुश्किल घड़ी हो जाती है। जिला के पूर्णियाँ पूर्व प्रखंड स्थित पासी टोला में ऐसी ही बीमारी से ग्रसित मिली थी दो माह की बच्ची सोनम कुमारी। जन्म के बाद से ही उसकी पीठ पर रीढ़ की हड्डी के ऊपर एक विशेष मांस का उभार निकलने लगा था जो समय के साथ बढ़ता ही जा रहा था। इसे चिकित्सकीय भाषा में न्यूरल ट्यूब कहते हैं। सही समय पर इसका ऑपरेशन नहीं करवाने की स्थिति में यह जानलेवा भी साबित हो सकता था। मामले की जानकारी मिलने पर सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा ने जिला में कार्यरत राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट एर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) द्वारा इसे पटना के इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान में भेजा जहां बच्ची का सफल ऑपरेशन हुआ । सफल ऑपरेशन के बाद वर्तमान में यह बच्ची स्वस्थ है और सामान्य रूप से जीवन जी रही।

जन्म के बाद से ही शुरू हो गया था मांस का बढ़ना :
सोनम के पिता इंद्रजीत दास पासवान ने बताया कि जन्म के बाद से ही बच्ची की रीढ़ की हड्डी में मांस का बढ़ना शुरू हो गया था। यह मांस समय के साथ ही बढ़ता जा रहा था। छोटी सामान्य बीमारी जान कर इसे जांच के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पूर्णियाँ पूर्व लाया गया जहां से इसे पूर्णियाँ सदर अस्पताल स्थित राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) के डिस्ट्रिक्ट एर्ली इन्वेंशन सेंटर (डीईआईसी) भेजा गया। यहां चिकित्सक द्वारा जांच के बाद बच्ची को न्यूरल ट्यूब से ग्रसित पाया गया और इसके इलाज के लिए पटना भेजा गया जहां ऑपरेशन कर के इसे ठीक किया गया।

आईबीएसके द्वारा की गई मदद :
आरबीएसके के जिला समान्यवक डॉ. आर. पी. सिंह ने कहा कि प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से दो माह की बच्ची सोनम कुमारी को पूर्णियाँ भेजा गया था जहां विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. सुरेंद्र दास ने जांच की तो इसमें न्यूरल ट्यूब की समस्या पाई गई। जिससे उबरने के लिए ऑपरेशन ही एकमात्र विकल्प होता है। न्यूरल ट्यूब में रीढ़ की हड्डी पर एक विशेष उभार वाला मांस का गोला होता है जिसमें शरीर में होने वाली सभी क्रियाएँ, सभी नस, रक्त इत्यादि मौजूद होते हैं। समय पर इसका सही इलाज नहीं होने से मृत्यु होने की भी सम्भावना होती है। जिला सिविल सर्जन डॉ. उमेश शर्मा के आदेश से बच्ची को तुरंत एम्बुलेंस के माध्यम से पटना स्थित इंदिरा गांधी आयुर्वेदिक संस्थान (आईजीआईएमएस) भेजा गया। वहां आरबीएसके कोऑर्डिनेटर डॉ. सतीश कुमार की देखरेख में सर्जन से बच्ची का सफल ऑपरेशन करवाया गया। ऑपरेशन के बाद सभी प्रकार की जांच सही आने के बाद फिर एम्बुलेंस द्वारा बच्ची व उनके परिजन को घर तक पहुँचाया गया।

नहीं हुआ परिवार को कोई भी खर्च :
आरबीएसके जिला समान्यवक डॉ. आर. पी. सिंह ने बताया कि सोनम कुमारी की पूरी जांच और ऑपरेशन की प्रक्रिया आरबीएसके टीम द्वारा ही की गई। इस पूरी प्रक्रिया में परिजनों को किसी तरह का कोई भी खर्च नहीं करना पड़ा। ऑपरेशन के बाद भी बच्ची की फीडबैक के लिए टीम के सैयद साकिब द्वारा उनके घर जाकर नियमित जानकारी ली जाती है। आरबीएसके टीम बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए नियमित रूप से कार्यरत है।

कोरोना काल में इन उचित व्यवहारों का करें पालन:

  • एल्कोहल आधारित सैनिटाइजर का प्रयोग करें।
  • सार्वजनिक जगहों पर हमेशा फेस कवर या मास्क पहनें।
  • अपने हाथ को साबुन व पानी से लगातार धोएं।
  • आंख, नाक और मुंह को छूने से बचें।
  • छींकते या खांसते वक्त मुंह को रूमाल से ढकें।