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लक्ष्य प्रमाणीकरण के लिये सदर अस्पताल में उपलब्ध प्रसव संबंधी सुविधाओं का रिजनल टीम ने किया निरीक्षण

• निरीक्षण कर अस्तपाल के अधिकारियों व कर्मियों को दिये जरूरी सुझाव
• सदर अस्पताल में गुणवत्तापूर्ण प्रसव संबंधी सेवा उपलब्ध कराने का हो रहा हर संभव प्रयास

अररिया(बिहार)सदर अस्पताल अररिया को जल्द ही लक्ष्य प्रमाणीकरण हासिल हो सकता है. इसे लेकर सदर अस्पताल प्रशासन व केयर इंडिया की टीम द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है. अस्पताल में प्रसव से जुड़ी सेवाओं को सुदृढ़ करने का प्रयास किया जा रहा है. इसके लिये केयर इंडिया रिजनल प्रोग्राम टीम द्वारा लगातार अस्पताल का निरीक्षण किया जा रहा है. प्रसव सेवाओं में सुधार के लिये जरूरी कदम उठाये जा रहे हैं.

निरीक्षण करते अधिकारी

दो दिवसीय निरीक्षण कार्यक्रम के तहत सदर अस्पताल पहुंचे रिजनल टीम का नेतृत्व कर रहे क्षेत्रीय प्रबंधक नजमुल होदा ने बताया कि निरीक्षण के क्रम में सदर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिये उपलब्ध संसाधनों का बारिकी से मुआयना किया गया. प्रसव गृह से संबंधित दस्तावेजों की पड़ताल की गयी. साथ ही अस्पताल के अधिकारियों व कर्मियों से लक्ष्य प्रमाणीकरण से संबंधित महत्वपूर्ण पहलूओं पर विस्तृत चर्चा की गयी. इस दौरान केयर इंडिया की डीटीएल पर्णा चक्रवती, मेंटर मीरनवा, क्वालिटी कंल्सटेंट मधुबाला, अस्पताल प्रबंधक विकास आनंद सहित अन्य मौजूद थे.

लक्ष्य प्रमाणीकरण से सुरक्षित प्रसव को मिलेगा बढ़ावा:

केयर इंडिया की डीटीएल पर्णा चक्रवती ने बताया कि लक्ष्य प्रमाणीकरण का मूल उद्देश्य प्रसव संबंधी सुविधाओं को बेहतर बनाना है. साथ ही इससे जुड़ी सेवाओं के गुणवत्ता में सुधार लाना है. जिले में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने, डिलीवरी के दौरान व इसके तत्काल बाद जच्च बच्चा को बेहतर स्वास्थ्य देखभाल की सुविधा के लिहाज से लक्ष्य प्रमाणीकरण खासा महत्वपूर्ण है. बच्चों के जन्म के समय विकलांगता का खतरा सबसे अधिक होता है. इसे देखते हुए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा लक्ष्य कार्यक्रम की शुरूआत की गयी है. इसके तहत प्रसव कक्ष, मैटरनिटी ऑपरेशन थियेटर व प्रसूता के लिये बने विशेष देखभाल इकाई के गुणवत्ता में सुधार लाना है.

निरीक्षण कर जरुरी सुधार की जरूरत पर दी जानकारी:

रिजनल टीम द्वारा निरीक्षण के नतीजों की जानकारी देते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक नजमुल हौदा ने बताया कि निरीक्षण के दौरान लेवर रूम के कुछ दस्तावेजों को अद्यतन व अपडेट करने की जरूरत महसूस की गयी. जिम्मेदार कर्मी व नर्श को इसके लिये जरूरी निर्देश दिये गये हैं. साथ ही केयर के डीटीओएफ को इसकी नियमित निगरानी करने को कहा गया है. इस क्रम में सदर अस्पताल में कुछ जरूरी दवाओं का अभाव पाया गया. अस्पताल प्रबंधक को मेडिसीन स्पलाई चेन को मेंटन करने का निर्देश दिया गया है. इस दौरान सदर अस्पताल के शौचालय कक्ष एवं आईईसी मेटेरियल में जरुरी सुधार के निर्देश दिए गए हैं. केयर की डीटीएल को प्रसव वार्ड के कर्मियों को नियमित प्रशिक्षण व उनके कार्यों की मोनेटरिंग का निर्देश दिया गया है. निरीक्षण के नतीजों से स्वास्थ्य अधिकारियों को अवगत कराते हुए जल्द से जल्द इन कमियों को दूर करने की अपील भी उनसे की गयी है.

त्रिस्तरीय जांच के उपरांत लक्ष्य प्रमाणीकरण की है सुविधा:

लक्ष्य प्रमाणीकरण की विस्तृत जानकारी देते हुए क्षेत्रीय प्रबंधक नजमूल हौदा ने बताया कि लक्ष्य कार्यक्रम के तहत भारत सरकार द्वारा प्रसव कक्ष व मेटरिनिटी ओटी के लिये प्रमाणीकरण की व्यवस्था की गयी है. जो मानक स्तर पर प्रसव संबंधी तमाम सुविधाएं उपलब्ध कराने के बाद ही दी जाती है. तीन स्तरों पर प्रमाणीकरण की व्यवस्था की गयी है. सबसे पहले अस्पताल स्तर पर क्वालिटी सर्किल टीम, दूसरा जिला स्तर पर जिला गुणवत्ता यकीन समिति, रिजनल स्तर पर रिजनल कोचिंग टीम के स्तर से निरीक्षण के उपरांत निर्धारित मानकों के आधार पर 70 प्रतिशत उपलब्धि प्राप्त होने के उपरांत इसे राज्यस्तर पर प्रमाणीकरण के लिये अग्रसरित किया जाता है. इसके उपरांत राज्य स्वास्थ्य समिति द्वारा गठित टीम द्वारा प्रसव कक्ष व ओटी का निरीक्षण व ओडिट किया जाता है. ओडिट में कम से कम 70 प्रतिशत मानक अंक प्राप्त होने पर राज्य स्तर पर प्रमाणीकृत कर दिया जाता है. राज्य इसके बाद प्रमाणीकरण के लिेय राष्ट्रीय स्तर की टीम के पास अग्रसरित किया जाता है. फिर राष्ट्रीय स्तर की टीम अस्पताल का निरीक्षण व ओडिट करती है. कम से कम 70 प्रतिशत अंक पर लक्ष्य प्रमाणीकरण प्राप्त हो जाता है. इसे सिलवर प्रमाणीकरण माना जाता है. 70 से 80 प्रतिशत अंक प्राप्त होने पर सिलवर, 80 प्रतिशत से 90 प्रतिशत मानक अंक प्राप्त होने पर उसे गोल्ड व 90 से ऊपर मानक अंक प्राप्त होने पर प्लेटिनम सर्टिफिकेशन दिया जाता है. इसमें रोगी कल्याण समिति को निर्धारित राशि उपलब्ध कराने का प्रावधान है. इसमें 25 प्रतिशत राशि कर्मियों के लिये इंसेंटिव व बांकी 75 प्रतिशत राशि अस्पताल के व्यवस्थाओं को सुदृढ करने के लिये सीधे अस्पताल को उपलब्ध कराये जाते हैं.