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आरोग्य दिवस पर 21 को होगा सास बहू सम्मेलन

  • परिवार नियोजन साधन के प्रति जागरूक करना है उद्देश्य
  • सम्मेलन के दौरान दस जोड़ियों का चयन करती है एएनएम
  • बैलून के माध्यम से दिया जाता है संदेश

मधुबनी(बिहार)परिवार कल्याण कार्यक्रम के अंतर्गत संचालित विभिन्न योजनाओं में प्रखंड स्तर पर कार्य कर रहे सभी सेवा प्रदाताओं मेडिकल ऑफिसर, जीएनएम, एएनएम के साथ-साथ आशा कार्यकर्ता की महत्वपूर्ण भूमिका है। जनसंख्या स्थिरीकरण के उद्देश्य की पूर्ति के लिए मिशन परिवार विकास कार्यक्रम के अंतर्गत समुदाय स्तर पर सास बहू सम्मेलन कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश सिविल सर्जोन डॉ. सुनील कुमार झा ने दिया है। जिससे आमजन में छोटा परिवार सुखी परिवार के फायदों के साथ-साथ परिवार नियोजन सेवाओं की जानकारी एवं सेवा प्राप्त करने संबंधी जानकारी दी जा सके| सास बहू सम्मेलन आयोजन करने की जिम्मेदारी जिम्मेदारी एएनएम की है। सम्मेलन का आयोजन ग्रामीण स्वास्थ्य एवं स्वच्छता दिवस (आरोग्य दिवस) के दिन किया जाना है। इसी क्रम में 21 जनवरी को प्रत्येक ग्रामीण स्वास्थ्य में स्वच्छता दिवस पर सास बहू सम्मेलन आयोजित करने का निर्देश दिया गया है। कार्यक्रम का उद्देश्य परिवार नियोजन साधन के प्रति जागरूक करना है। सत्र स्थल पर दंपतियों को उचित गर्भनिरोधक सामग्री निरोध, माला एन, छाया, आपातकालीन गर्भनिरोधक गोली को वीएचएसएनडी स्थल पर ही उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही परिवार नियोजन स्थाई सेवा के लिए पंजीकरण किया जाएगा। एवं निश्चित अवधि में संबंधित सेवा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। जिले में दो चरणों मे मिशन परिवार विकास अभियान का संचालन किया जाएगा। 14 से 20 जनवरी तक दंपति संपर्क सप्ताह तथा 21 से 31 जनवरी तक परिवार नियोजन सेवा सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।

दस जोड़ियों का चयन करती है एएनएम:

एएनएम, सास-बहू की कम से कम दस जोड़ियों का चयन करती है और उन्हें आंगनवाबाड़ी केंद्रों पर बुलाती हैं। इस सम्मेलन में आशा कार्यकर्ता और आंगनबाड़ी सेविकाएं भी शामिल होती हैं। ग्रामीण स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं पोषण दिवस के अवसर पर इस सम्मेलन का आयोजन किया जाता है। इसके माध्यम से सुरक्षित मातृत्व के साथ परिवार नियोजन पर चर्चा की जाती है।

बैलून के माध्यम से दिया जाता है संदेश:
जिला स्वास्थ्य समिति के जिला सामुदायिक उत्प्रेरक नवीन दास ने बताया सास-बहू सम्मेलन के दौरान सास और बहू को चार -पांच बैलून गोद में दिया जाता है और उसे संभालकर रखने को कहा जाता है। लेकिन चार पांच में से एक-दो बैलून हाथ से छूट कर गिर जाता है। फिर एक जोड़ी सास-बहू को दो बैलून दिया जाता है जिसे वे असानी से पकड़ लेती हैं और नीचे नहीं गिरता है। जिससे यह संदेश दिया जाता है कि अगर ऐसे हीं चार पांच बच्चे होंगे तो संभालना मुश्किल होगा। इससे आर्थिक स्थिति भी खराब होगी। दो बच्चों के को बाद परिवार नियोजन के साधनों का प्रयोग करने के लिए प्रेरित किया जाता है।

सास-बहू करती है काना-फूसी:

सास-बहू सम्मेलन के दौरान स्वास्थ्य विभाग की टीम के द्वारा सास-बहू की जोड़ियों के साथ खेल, खेला जाता है। जिसमें सास-बहू काना-फूसी करती हैं। इसके माध्यम से यह संदेश दिया जाता है कि काना-फूसी व परिवार नियोजन के बारे में अफवाहों पर ध्यान न दें। बल्कि आशा या एएनएम के द्वारा बताये गये परिवार नियोजन के साधनों का इस्तेमाल करें।

परिवार नियोजन के इन साधनों पर चर्चा:
सास-बहू सम्मेलन में परिवार नियोजन के स्थायी एवं अस्थायी साधनों के बारे में जानकारी दी जाएगी। स्थायी साधनों में महिला नसबंदी एवं पुरुष नसबंदी एवं अस्थायी साधनों में कॉपर टी, गर्भ-निरोधक गोली(माला-एम एवं माला-एन), कंडोम एवं इमरजेंसी कंट्रासेप्टिव पिल्स के बारे में बताया जा जाएगा। नवीन गर्भनिरोधक अंतरा एवं छाया के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया जा रहा है। अंतरा गर्भ निरोधक इंजेक्शन का इस्तेमाल एक या दो बच्चों के बाद गर्भ में अंतर रखने के लिए किया दिया जाता है। साल में इंजेक्शन का चार डोज दिया जाता है। वहीं छाया गर्भ निरोधक एक साप्ताहिक टेबलेट है।
एएनएम देंगी ये जानकारी:
विवाह के सही उम्र, लड़के के 21 एवं लड़की की 18 वर्ष
शादी के बाद कम से कम दो वर्ष बाद पहला बच्चा
पहले एवं दूसरे बच्चे में कम से कम तीन साल का अंतराल
छोटा परिवार एवं सीमित समिति परिवार के लाभ
परिवार नियोजन के स्थाई एवं अस्थाई साधन के बारे में जानकारी