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कोरोना काल में बचाएं बुजुर्ग और बच्चों के सेहत को लेकर रखना होगा विशेष ध्यान

घरों व आसपास में पानी जमा होने से रखें परहेज

बरसात के समय में मच्छर जनित रोगों से रहें सावधान

फंगस के कारण हो सकता है इंफेक्शन

पूर्णिया(बिहार)बाढ़ और बरसात के समय में मच्छर जनित रोगों से लोगों को सावधान रहने की जरूरत होती है। इसके साथ ही अपने घरों व आसपास गंदे पानी जमा होने से परहेज करना है, क्योंकि पानी के इकठ्ठा होने से मच्छर जनित रोग फैलने का डर रहता है और फंगस के कारण इंफेक्शन होने का भी भय बना रहता है। सबसे खास बात यह हैं कि कोरोना काल में बच्चों व बुजुर्गों का भी खास तौर पर ध्यान रखना होगा.

सेहत को लेकर रहें गंभीर:

सिविल सर्जन डॉ उमेश शर्मा ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण संक्रमण का खतरा होता है। ऐसे मौसम में बीमारियों के होने की संभावना बढ़ जाती हैं.
बरसात में संक्रमण का खतरा है।संक्रामक सूक्ष्मजीवों (बैक्टीरिया) के पनपने के लिए भारी बारिश और जलभराव मुख्य स्रोत हैं. मानसून के दौरान वातावरण में बहुत बढ़ी हुई नमी और आसपास के इलाके में जलजमाव संक्रमण (इन्फेक्शन) होने की संभावना को बढ़ाते हैं.

मच्छर जनित बीमारियां:

कोरोना काल में बुजुर्ग व बच्चों का विशेष ध्यान रखने की जरूरत है, बरसात के दौरान जल जमाव मच्छरों के तेजी से पनपने के लिए स्थितियां पैदा करता है. डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसी बीमारियों का कारण बनने वाले मच्छर ऐसे वातावरण में ही पैदा होते हैं. इन मच्छरों की मौजूदगी से हमें इस तरह की बीमारियों से बचना चाहिए क्योंकि स्वास्थ्य जीवन शैली में बीमारियां होने का खतरा बना रहता है. पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने जैसी साधारण सावधानियां भी हमारा बचाव तो करती ही है। मच्छर के काटने से फैलने वाली संक्रमण से बचने के लिए दवाइयों को भी प्रयोग में लाया जा सकता हैं, अपने घर के चारों तरफ़ पानी के गड्ढे नुमा जगहों और तालाब को साफ करना एक तरह से सबसे ज़्यादा सुरक्षित व सुलभ हैं क्योंकि इस कार्य को करने में घर के सभी सदस्यों का सहयोग मिल जाता हैं.

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, अगर बाढ़ का पानी प्रदूषित हो संक्रमण का ख़तरा और बढ़ जाता है, सामान्य जल जनित रोगों में टाइफाइड, हैजा, डायरिया, पीलिया, हेपेटाइटिस और लेप्टोस्पायरोसिस शामिल हैं. लेप्टोस्पायरोसिस जीवाणु (बैक्टीरिया) के कारण होने वाला रोग है, जो तेज बुखार, पेट दर्द और दस्त जैसे लक्षणों से शुरू होता है, लेकिन इससे किडनी या लिवर के खराब होने की आशंका रहती है. खराब पानी के ऐसे खतरों को देखते हुए पीने से पहले पानी को उबालना या छानना अपने व्यवहार में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावे यदि आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य को तेज बुखार या दस्त हो रहा हैं तो यह सुनिश्चित करें कि वह अच्छी मात्रा में पानी पीए जिससे की शरीर में मानी की मात्रा कम न हो, उसके बाद उन्हें किसी चिकित्सक के पास भेजकर सलाह व इलाज जरूर कराए.

फंगस के कारण होने वाले इन्फेक्शन:

फंगस (कवक) गर्म और नम वातावरण में तेजी से बढ़ता है. फंगस के कारण इन्फेक्शन आमतौर पर खुजली या त्वचा पर चकत्ते के रूप में प्रकट होता है और इससे एथलीट फुट और दाद जैसे रोग हो सकते हैं. अगर संभव हो तो गीले कपड़ों को तुरंत बदलने की कोशिश करें, जब आप ऑफिस या स्कूल जाते हैं तो अपने बैग में कपड़ों का एक अतिरिक्त सेट रखने का प्रयास जरूर करें. बारिश के दौरान त्वचा संक्रमण (स्किन इन्फेक्शन), सर्दी, फ्लू, वायरल बुखार और आंखों के संक्रमण जैसी बीमारियां होती हैं. अगर आपको वायरल बुखार है, तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीना चाहिए, इनफेक्शन के लक्षण अगर एक सप्ताह से 10 दिनों के भीतर खत्म नहीं होते हैं तो जल्द से जल्द चिकित्सक से इलाज कराएं.

बीमारियों से बचने के लिए रोकथाम है जरूरी
मच्छरों को रोकने के लिए अपने घर के बालकॉनी या आसपास जलजमाव नहीं होना चाहिए. संभव हो तो कीटनाशक स्प्रे का उपयोग करें.

शरीर को पूरी तरह से ढंकने वाले कपड़े का प्रयोग करें,

घर से निकलने के पहले इंफेक्शन से बचाव के लिए स्प्रे या लोशन को मालिश जरूर करें.

रात में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें.

हर बार भोजन से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह से धोएं.

फलों और सब्जियों को अतिरिक्त सावधानी के साथ धोएं.

यदि आप नल का पानी पीते हैं, तो पीने से पहले इसे
उबालना सुनिश्चित करें, क्योंकि यह कई तरह के कीटाणुओं को मारने में सहायक होता हैं.

संक्रमित लोगों से यानी जिन्हें सर्दी-खांसी या वायरल बुखार हो रहा है, उनसे दूर रहने की कोशिश करें.

अपनी नाक के ऊपर मास्क पहनकर ही निकलें और किसी के संपर्क में आने के बाद अपने हाथ जरूर धोये.

बाहर खाने से बचें और घर में कोई भी खाद्य पदार्थ खुला न रखें.