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पूर्णिया में सघन मिशन इंद्रधनुष के तहत दूसरे चरण की हुई शुरुआत, दो वर्ष तक के बच्चे और गर्भवती महिलाओं का होगा टीकाकरण

लक्ष्य की शत प्रतिशत सफलता के लिए विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण: प्रभारी सीएस
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलग-अलग सौंपी गई है जिम्मेदारी:
एमआई के दूसरे चरण में 1736 गर्भवती महिलाएं एवं 5923 बच्चों का लक्ष्य किया गया हैं निर्धारित: डीआईओ

पूर्णिया(बिहार)नियमित टीकाकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मिशन इन्द्रधनुष के दूसरे चरण की शुरुआत सोमवार से हो गई है। 04 से 11 अप्रैल तक यह अभियान चलेगा। प्रभारी सिविल सर्जन डॉ. मोहम्मद साबिर ने बताया कि वैश्विक महामारी के इस दौर में नियमित टीकाकरण की प्रक्रिया थोड़ी से प्रभावित हुई थी। हालांकि इसमें काफ़ी हद तक स्वास्थ्य विभाग के द्वारा सुधार भी हुआ है। शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने के लिए मिशन इन्द्रधनुष कार्यक्रम चलाया जा रहा है। इसके तहत 5923 बच्चों एवं 1736 गर्भवती महिलाओं को विभिन्न तरह की बीमारियों से सुरक्षित एवं बचाव के लिए टीकाकृत किया जायेगा। विभाग की ओर से विभिन्न प्रखंडों को टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित कर दिया गया है। मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का उदघाटन बायसी प्रखण्ड के सादीपुर भूतहा गांव स्थित आंगनबाड़ी केंद्र पर किया गया। जहां पर डीआईओ डॉ विनय मोहन,एमओआईसी डॉ. विजय कुमार, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ अनीसुर्रहमान, एसएमसी मुकेश गुप्ता, यूएनडीपी के वीसीसीएम रजनीश कुमार, बीएचएम किंकर घोष सहित आईसीडीएस से जुड़े अधिकारी एवं कर्मी उपस्थित थे।

लक्ष्य की शत प्रतिशत सफलता के लिए विभागीय अधिकारियों की जिम्मेदारी महत्वपूर्ण: प्रभारी सीएस
प्रभारी सिविल सर्जन डॉ मोहम्मद साबिर ने बताया कि ज़िले में शुरू हुए मिश्रण इंद्रधनुष 4.0 के दूसरे चरण की शुरुआत हो गई है। ज़िले के विभिन्न टीकाकरण केंद्रों पर इस अभियान की शुरुआत की गई है। गर्भवती महिलाएं एवं दो वर्ष तक के सभी बच्चों को विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए नियमित टीकाकरण बेहद ही जरूरी है। मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम के तहत सभी प्रखंडों के चयनित टीकाकरण सत्र स्थलों पर गर्भवती महिलाएं व बच्चों के टीकाकरण से संबंधित सभी तरह की तैयारियां पूरी कर ली गई थी। यहां दो आयुवर्ष के बच्चों को बीसीजी, ओपीवी, पेंटावेलेंट, रोटा वैक्सीन, आईपीवी मिजल्स, विटामीन-ए, डीपीटी बूस्टर डोज व बूस्टर ओपीवी के टीके लगाए जायेंगे। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं को मिशन इंद्रधनुष 4.0 अभियान के तहत टेटनेस- डिप्थेरिया के टीके लगाए जायेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि नियमित टीकाकरण कार्यक्रम के तहत टीकाकरण से वंचित दो वर्ष तक के सभी बच्चों व सभी गर्भवती महिलाओं तक टीकाकरण की पहुंच सुनिश्चित कराना मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य है।

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को अलग-अलग सौंपी गई है जिम्मेदारी:
जिलाधिकारी के दिशा-निर्देश के आलोक में डीएमओ डॉ आरपी मंडल को कसबा एवं जलालगढ़, स्वास्थ्य विभाग के डीपीएम ब्रजेश कुमार सिंह को के नगर, डीसीएम संजय कुमार दिनकर को डगरुआ, जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन पदाधिकारी दीपक कुमार विभाकर को कसबा, इपिडेमियोलॉजिस्ट नीरज कुमार निराला को बनमनखी, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ अनीसुर्रहमान को रुपौली एवं भवानीपुर, डब्ल्यूएचओ के एसएमसी मुकेश कुमार गुप्ता, यूएनडीपी के वीसीसीएम रजनीश कुमार को अलग-अलग प्रखंडों की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ताकि लक्ष्य की प्राप्ति कर शत प्रतिशत पूरा किया जा सकें। विगत दिनों जिलाधिकारी राहुल कुमार द्वारा स्वास्थ्य विभाग के एमओआईसी, अस्पताल प्रबंधक, बीएचएम, बीसीएम के अलावा आईसीडीएस की ओर से सीडीपीओ के साथ मिशन इंद्रधनुष कार्यक्रम की शत प्रतिशत सफ़लता के लिए समीक्षात्मक बैठक कर प्रखंड स्तरीय पर्यवेक्षीय पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करने की बात कही गई थी।

एमआई के दूसरे चरण में 1736 गर्भवती महिलाएं एवं 5923 बच्चों का लक्ष्य किया गया है निर्धारित: डीआईओ
ज़िला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ विनय मोहन ने बताया सघन मिशन इंद्रधनुष के दूसरे चक्र 4.0 के दौरान अमौर में 42 गर्भवती महिलाएं एवं 303 बच्चें, बैसा में 206 गर्भवती महिलाएं एवं 719 बच्चे, बायसी में 71 गर्भवती महिलाएं एवं 299 बच्चे, बनमनखी में 52 गर्भवती महिलाएं एवं 335 बच्चे, बी कोठी में 85 गर्भवती महिलाएं एवं 456 बच्चे, भवानीपुर में 106 गर्भवती महिलाएं एवं 414 बच्चे, डगरुआ में 312 गर्भवती महिलाएं एवं 43 बच्चे, धमदाहा में 70 गर्भवती महिलाएं एवं 255 बच्चे, जलालगढ़ में 260 गर्भवती महिलाएं एवं 750 बच्चे, कसबा में 122 गर्भवती महिलाएं एवं 659 बच्चें, के नगर में 106 गर्भवती महिलाएं एवं 440 बच्चे, पूर्णिया पूर्व ग्रामीण में 102 महिलाएं एवं 503 बच्चे, पूर्णिया पूर्व शहरी क्षेत्र में 73 गर्भवती महिलाएं एवं 250 बच्चे, रुपौली में 65 गर्भवती महिलाएं एवं 288 बच्चे, श्री नगर प्रखंड क्षेत्र में 64 गर्भवती महिलाएं जबकिं 209 बच्चों को इस कार्यक्रम के तहत लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है।